कब और कैसे हुई चंद्र देव की उत्पत्ति? जिन्हें महादेव ने सिर पर किया था धारण
ज्योतिष शास्त्र के अनुसार व्यक्ति की कुंडली में चंद्रमा मजबूत होने से जीवन में सभी तरह के सुख मिलते हैं और कामों में सफलता मिलती है। वहीं कुंडली में चंद्रमा कमजोर होने से जीवन में कई तरह की समस्या का सामना करना पड़ता है। ऐसे में आइए जानते हैं कब और कैसे हुई चंद्र देव (Chandra Dev Origin) की उत्पत्ति?

धर्म डेस्क, नई दिल्ली। Chandra Dev Origin: सनातन धर्म में चंद्र देव की पूजा-अर्चना करने का विशेष महत्व है। धार्मिक मान्यता है कि चंद्र देव की विधिपूर्वक उपासना करने से शांति, सुख और समृद्धि में वृद्धि होती है। साथ ही चंद्र देव की कृपा से बिजनेस में वृद्धि होती है। चंद्र देव को ग्रह और देव माना गया है। चंद्र देव (Chandra Dev story) की उत्पत्ति की कथा समुद्र मंथन से संबंधित है। ऐसे में आइए इस आर्टिकल में जानते हैं चंद्र देव की उत्पत्ति कैसे हुई?
इस तरह हुई चंद्र देव की उत्पत्ति
पद्म पुराण के अनुसार, ब्रह्मा जी ने ऋषि अत्रि को सृष्टि का विस्तार करने के लिए आज्ञा दी। इसके बाद अत्रि ने विधिपूर्वक तप किया। तप का शुभ फल प्राप्त हुआ और उनकी आंखों से जल की बूंदें टपक रही थीं, जिनमें अधिक प्रकाश था। इसके बाद दिशाओं ने स्त्री रूप धारण किया और बूंदो को ग्रहण किया, जिससे उन्हें पुत्र प्राप्ति हो। ये बूंदें पेट में गर्भ रूप में स्थित हो गईं।
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लेकिन उस प्रकाशमान गर्भ को दिशाएं धारण नहीं कर पाईं, जिसकी वजह से उन्होंने उसे त्याग कर दिया। ब्रह्मा जी ने उस गर्भ को पुरूष का रूप दिया। जो चंद्रमा (chandrama ki utpatti kaise hui) के नाम से प्रसिद्ध हुआ। सभी देवी-देवता ने उनकी स्तुति की। चंद्र देव के प्रकाश से औषधियां उत्पन्न हुईं।
(Pic Credit- Freepik)
चंद्र देव की उत्पति को लेकर स्कंद पुराण में भी वर्णन किया गया है। पौराणिक कथा के अनुसार, समुद्र मंथन के समय चौदह रत्न निकले थे, जिनमें चंद्रमा भी था। समुद्र मंथन से निकला विष महदेव ने पी लिया, जिसकी वजह से उनका शरीर गर्म हो गया। ऐसे में शीतलता के लिए भगवान शिव ने अपने सिर पर चंद्रमा धारण किया। धार्मिक मान्यता है कि तभी से उनके मस्तक पर चंद्रमा विराजमान हैं।
करें ये उपाय
- यदि आपकी कुंडली में चंद्रमा कमजोर है, तो ऐसे में सोमवार और शुक्रवार के दिन गरीब लोगों या फिर मंदिर में सफेद चीजों का दान करें। मान्यता है कि इन चीजों का दान करने से कुंडली में चंद्रमा मजबूत होता है। साथ ही चंद्र देव की कृपा प्राप्त होती है।
- इसके अलावा लोगों को पानी पिलाएं और सफेद कपड़ों का दान करें। ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, इस उपाय को करने से कुंडली में चंद्र ग्रह मजबूत होता है और जीवन में सभी सुख मिलते हैं।
अस्वीकरण: इस लेख में बताए गए उपाय/लाभ/सलाह और कथन केवल सामान्य सूचना के लिए हैं। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया यहां इस लेख फीचर में लिखी गई बातों का समर्थन नहीं करता है। इस लेख में निहित जानकारी विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/मान्यताओं/धर्मग्रंथों/दंतकथाओं से संग्रहित की गई हैं। पाठकों से अनुरोध है कि लेख को अंतिम सत्य अथवा दावा न मानें एवं अपने विवेक का उपयोग करें। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया अंधविश्वास के खिलाफ है।
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