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    Neelam Ratna: भगवान शनि को बेहद प्रिय है ये रत्न, पहनने से मिलता है भाग्य का साथ

    Updated: Fri, 05 Dec 2025 05:00 PM (IST)

    न्याय के देवता शनि देव (Neelam Ratna) की कृपा पाने और कुंडली में शनि की कमजोर स्थिति से उत्पन्न कष्टों को दूर करने के लिए नीलम रत्न धारण करने की सलाह ...और पढ़ें

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    Neelam Ratna: भगवान शनि का प्रिय रत्न।

    धर्म डेस्क, नई दिल्ली। Shani Ratna: न्याय के देवता शनि देव को कर्मफल दाता कहा जाता है। वह हर व्यक्ति को उसके कर्मों के अनुसार फल देते हैं। ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, जब कुंडली में शनि की स्थिति कमजोर होती है या व्यक्ति पर शनि की साढ़ेसाती, ढैय्या या महादशा चल रही होती है, तो उसे जीवन में आर्थिक हानि समेत अनेक कष्टों का सामना करना पड़ता है।

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    इन कष्टों से मुक्ति पाने और शनि देव की कृपा पाने के लिए ज्योतिष में नीलम (Blue Sapphire) रत्न धारण करने की सलाह दी जाती है। नीलम को शनि देव का सबसे प्रिय रत्न माना जाता है, जिसे पहनने से जीवन में भाग्य का साथ मिलने लगता है।

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    नीलम रत्न (Blue Sapphire)

    नीलम रत्न बहुत शक्तिशाली माना गया है। यह रत्न शनि देव का प्रतीक है। नीलम धारण करने से व्यक्ति को शनि देव का आशीर्वाद मिलता है। साथ ही जीवन में स्थिरता और सफलता आती है। नीलम अपनी शुभता के लिए जाना जाता है। ऐसा माना जाता है कि यह रत्न अपना प्रभाव बहुत तेजी से दिखाता है या तो यह पहनने वाले को तुरंत लाभ देता है या फिर कुछ ही समय में अशुभ फल देने लगता है। इसलिए इसे धारण करने से पहले किसी जानकार ज्योतिषी से जरूर मिलना चाहिए।

    नीलम पहनने के फायदे (Neelam Benefits)

    • यह रत्न सोया हुआ भाग्य जगाता है और व्यक्ति को कम मेहनत में भी बड़ी सफलता दिलाता है।
    • नौकरी और व्यवसाय करने वालों के लिए यह बड़ा अच्छा होता है। साथ ही राजनीति, इंजीनियरिंग और वकालत जैसे क्षेत्रों में भी यह विशेष सफलता दिलाता है।
    • इस रत्न को धारण करने से मन शांत रहता है, तनाव कम होता है। इसके ससाथ ही सही फैसले लेने की क्षमता बढ़ती है।

    नीलम धारण करने के नियम और सावधानियां

    • नीलम को हमेशा पंचधातु या चांदी की अंगूठी में शनिवार के दिन मध्यमा उंगली में धारण करना चाहिए।
    • रत्न का वजन कम से कम 5 से 7 रत्ती का होना चाहिए।
    • नीलम धारण करने से पहले किसी जानकार ज्योतिषी को अपनी कुंडली दिखानी चाहिए। अगर यह रत्न आपको सूट नहीं करता है, तो यह तुरंत नुकसान पहुंचा सकता है।
    • धारण करने से पहले इसे गंगाजल, दूध और शहद के मिश्रण से शुद्ध करके 'ॐ शं शनैश्चराय नमः' मंत्र का 108 बार जाप करें।
    • सही विधि से नीलम धारण करने पर शनि देव की कृपा मिलती है और जीवन में अपार धन, सुख और सौभाग्य का योग बनता है।

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    अस्वीकरण: इस लेख में बताए गए उपाय/लाभ/सलाह और कथन केवल सामान्य सूचना के लिए हैं। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया यहां इस लेख फीचर में लिखी गई बातों का समर्थन नहीं करता है। इस लेख में निहित जानकारी विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/मान्यताओं/धर्मग्रंथों/दंतकथाओं से संग्रहित की गई हैं। पाठकों से अनुरोध है कि लेख को अंतिम सत्य अथवा दावा न मानें एवं अपने विवेक का उपयोग करें। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया अंधविश्वास के खिलाफ है।