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    Hanuman Bisa: मंगलवार के दिन पूजा के समय करें हनुमान बीसा का पाठ, पूरी होगी मनचाही मुराद

    By Pravin KumarEdited By: Pravin Kumar
    Updated: Mon, 03 Mar 2025 05:39 PM (IST)

    धार्मिक मत है कि मंगलवार के दिन हनुमान जी (Hanuman Bisa) की पूजा करने से जीवन में व्याप्त सभी प्रकार के दुख एवं संकट दूर हो जाते हैं। साथ ही साधक को मनचाहा वरदान मिलता है। बड़ी संख्या में साधक मंगलवार के दिन व्रत रखते हैं। हनुमान जी की पूजा करने से कुंडली में मंगल ग्रह मजबूत होता है। इसके अलावा शनि की बाधा भी दूर होती है।

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    Hanuman Bisa: हनुमान जी को कैसे प्रसन्न करें?

    धर्म डेस्क, नई दिल्ली। Hanuman Bisa: सनातन धर्म में मंगलवार का दिन हनुमान जी को प्रिय है। इस दिन भगवान श्रीराम की भेंट हनुमान जी से हुई थी। इसके लिए मंगलवार के दिन रामजी संग हनुमान जी की भक्ति भाव से पूजा की जाती है। मंगलवार के दिन भगवान श्रीराम की पूजा करने से हनुमान जी प्रसन्न होते हैं। उनकी कृपा से साधक के सभी दुख दूर हो जाते हैं। साथ ही जीवन में मंगल का आगमन होता है।

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    ज्योतिष भी करियर और कारोबार में सफलता पाने के लिए मंगलवार के दिन हनुमान जी की पूजा करने की सलाह देते हैं। साधक श्रद्धा भाव से मंगलवार के दिन हनुमान जी की पूजा करते हैं। पूजा के समय उन्हें मोतीचूर के लड्डू और सिन्दूर अर्पित करते हैं। अगर आप भी मनोवांछित फल पाना चाहते हैं, तो मंगलवार के दिन भक्ति भाव से हनुमान जी की पूजा करें। साथ ही पूजा के समय हनुमान बीसा का पाठ करें।

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    हनुमान बीसा

    दोहा

    राम भक्त विनती करूँ,सुन लो मेरी बात ।

    दया करो कुछ मेहर उपाओ, सिर पर रखो हाथ ।।

    ।। चौपाई ।।

    जय हनुमन्त, जय तेरा बीसा, कालनेमि को जैसे खींचा ।।

    करुणा पर दो कान हमारो, शत्रु हमारे तत्क्षण मारो ।।

    राम भक्त जय जय हनुमन्ता, लंका को थे किये विध्वंसा ।।

    सीता खोज खबर तुम लाए, अजर अमर के आशीष पाए ।।

    लक्ष्मण प्राण विधाता हो तुम, राम के अतिशय पासा हो तुम ।।

    जिस पर होते तुम अनुकूला, वह रहता पतझड़ में फूला ।।

    राम भक्त तुम मेरी आशा, तुम्हें ध्याऊँ मैं दिन राता ।।

    आकर मेरे काज संवारो, शत्रु हमारे तत्क्षण मारो ।।

    तुम्हरी दया से हम चलते हैं, लोग न जाने क्यों जलते हैं ।।

    भक्त जनों के संकट टारे, राम द्वार के हो रखवारे ।।

    मेरे संकट दूर हटा दो, द्विविधा मेरी तुरन्त मिटा दो ।।

    रुद्रावतार हो मेरे स्वामी, तुम्हरे जैसा कोई नाहीं ।।

    ॐ हनु हनु हनुमंत का बीसा, बैरिहु मारु जगत के ईशा ।।

    तुम्हरो नाम जहाँ पढ़ जावे, बैरि व्याधि न नेरे आवे ।।

    तुम्हरा नाम जगत सुखदाता, खुल जाता है राम दरवाजा ।।

    संकट मोचन प्रभु हमारो, भूत प्रेत पिशाच को मारो ।।

    अंजनी पुत्र नाम हनुमन्ता, सर्व जगत बजता है डंका ।।

    सर्व व्याधि नष्ट जो जावे, हनुमद् बीसा जो कह पावे ।।

    संकट एक न रहता उसको, हं हं हनुमंत कहता नर जो ।।

    ह्रीं हनुमंते नमः जो कहता, उससे तो दुख दूर ही रहता ।।

    ।। दोहा।।

    मेरे राम भक्त हनुमन्ता, कर दो बेड़ा पार ।

    हूँ दीन मलीन कुलीन बड़ा, कर लो मुझे स्वीकार ।।

    राम लषन सीता सहित, करो मेरा कल्याण ।

    ताप हरो तुम मेरे स्वामी, बना रहे सम्मान ।।

    प्रभु राम जी माता जानकी जी, सदा हों सहाई ।

    संकट पड़ा यशपाल पे, तभी आवाज लगाई ।।

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    अस्वीकरण: इस लेख में बताए गए उपाय/लाभ/सलाह और कथन केवल सामान्य सूचना के लिए हैं। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया यहां इस लेख फीचर में लिखी गई बातों का समर्थन नहीं करता है। इस लेख में निहित जानकारी विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/मान्यताओं/धर्मग्रंथों/दंतकथाओं से संग्रहित की गई हैं। पाठकों से अनुरोध है कि लेख को अंतिम सत्य अथवा दावा न मानें एवं अपने विवेक का उपयोग करें। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया अंधविश्वास के खिलाफ है।