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    Hanuman Chalisa: हर परेशानी से निजात पाने के लिए मंगलवार को हनुमान चालीसा का पाठ, होगी हर इच्छा पूरी

    By Shivani SinghEdited By: Shivani Singh
    Updated: Tue, 03 Jan 2023 07:41 AM (IST)

    Hanuman Chalisa व्यक्ति को अपने जीवन में कई तरह के कष्टों का सामना करना पड़ता है। ज्योतिष मान्यताओं के अनुसार कई तरह के दोषों के कारण व्यक्ति को परेशानी का सामना करना पड़ता है। ऐसे में चाहे तो भगवान हनुमान की आराधना करना शुभ होगा।

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    Hanuman Chalisa: हर परेशानी से निजात पाने के लिए मंगलवार को हनुमान चालीसा का पाठ

    नई दिल्ली, Hanuman Chalisa: शास्त्रों के अनुसार माना जाता है कि भगवान हनुमान कलयुग क जाग्रत देव है। इसी कारण इनकी पूजा विधिवत पूजा करने से शुभ फलों की प्राप्ति होती है। पंचांग के अनुसार मंगलवार का दिन भगवान हनुमान को समर्पित है। इस दिन विधिवत पूजा करने के साथ-साथ इस चालीसा का पाठ करना चाहिए। इस चालीसा का रोजाना पाठ करने से व्यक्ति के जीवन के हर कष्ट दूर हो जाते हैं। इसके साथ ही शनि साढ़े साती और ढैय्या से भी मुक्ति मिल जाती है। जानिए संपूर्ण शनि चालीसा।

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    दोहा

    श्रीगुरु चरन सरोज रज, निजमन मुकुरु सुधारि।

    बरनउं रघुबर बिमल जसु, जो दायक फल चारि।।

    बुद्धिहीन तनु जानिके, सुमिरौं पवन-कुमार।

    बल बुधि बिद्या देहु मोहिं, हरहु कलेस बिकार।।

    चौपाई

    जय हनुमान ज्ञान गुन सागर।

    जय कपीस तिहुं लोक उजागर।।

    राम दूत अतुलित बल धामा।

    अंजनि-पुत्र पवनसुत नामा।।

    महाबीर बिक्रम बजरंगी।

    कुमति निवार सुमति के संगी।।

    कंचन बरन बिराज सुबेसा।

    कानन कुण्डल कुँचित केसा।।

    हाथ बज्र औ ध्वजा बिराजे।

    कांधे मूंज जनेउ साजे।।

    शंकर सुवन केसरी नंदन।

    तेज प्रताप महा जग वंदन।।

    बिद्यावान गुनी अति चातुर।

    राम काज करिबे को आतुर।।

    प्रभु चरित्र सुनिबे को रसिया।

    राम लखन सीता मन बसिया।।

    सूक्ष्म रूप धरि सियहिं दिखावा।

    बिकट रूप धरि लंक जरावा।।

    भीम रूप धरि असुर संहारे।

    रामचन्द्र के काज संवारे।।

    लाय सजीवन लखन जियाये।

    श्री रघुबीर हरषि उर लाये।।

    रघुपति कीन्ही बहुत बड़ाई।

    तुम मम प्रिय भरतहि सम भाई।।

    सहस बदन तुम्हरो जस गावैं।

    अस कहि श्रीपति कण्ठ लगावैं।।

    सनकादिक ब्रह्मादि मुनीसा।

    नारद सारद सहित अहीसा।।

    जम कुबेर दिगपाल जहां ते।

    कबि कोबिद कहि सके कहां ते।।

    तुम उपकार सुग्रीवहिं कीन्हा।

    राम मिलाय राज पद दीन्हा।।

    तुम्हरो मंत्र बिभीषन माना।

    लंकेश्वर भए सब जग जाना।।

    जुग सहस्र जोजन पर भानु।

    लील्यो ताहि मधुर फल जानू।।

    प्रभु मुद्रिका मेलि मुख माहीं।

    जलधि लांघि गये अचरज नाहीं।।

    दुर्गम काज जगत के जेते।

    सुगम अनुग्रह तुम्हरे तेते।।

    राम दुआरे तुम रखवारे।

    होत न आज्ञा बिनु पैसारे।।

    सब सुख लहै तुम्हारी सरना।

    तुम रच्छक काहू को डर ना।।

    आपन तेज सम्हारो आपै।

    तीनों लोक हांक तें कांपै।।

    भूत पिसाच निकट नहिं आवै।

    महाबीर जब नाम सुनावै।।

    नासै रोग हरे सब पीरा।

    जपत निरन्तर हनुमत बीरा।।

    संकट तें हनुमान छुड़ावै।

    मन क्रम बचन ध्यान जो लावै।।

    सब पर राम तपस्वी राजा।

    तिन के काज सकल तुम साजा।।

    और मनोरथ जो कोई लावै।

    सोई अमित जीवन फल पावै।।

    चारों जुग परताप तुम्हारा।

    है परसिद्ध जगत उजियारा।।

    साधु संत के तुम रखवारे।।

    असुर निकन्दन राम दुलारे।।

    अष्टसिद्धि नौ निधि के दाता।

    अस बर दीन जानकी माता।।

    राम रसायन तुम्हरे पासा।

    सदा रहो रघुपति के दासा।।

    तुह्मरे भजन राम को पावै।

    जनम जनम के दुख बिसरावै।।

    अंत काल रघुबर पुर जाई।

    जहां जन्म हरिभक्त कहाई।।

    और देवता चित्त न धरई।

    हनुमत सेइ सर्ब सुख करई।।

    सङ्कट कटै मिटै सब पीरा।

    जो सुमिरै हनुमत बलबीरा।।

    जय जय जय हनुमान गोसाईं।

    कृपा करहु गुरुदेव की नाईं।।

    जो सत बार पाठ कर कोई।

    छूटहि बन्दि महा सुख होई।।

    जो यह पढ़ै हनुमान चालीसा।

    होय सिद्धि साखी गौरीसा।।

    तुलसीदास सदा हरि चेरा।

    कीजै नाथ हृदय महं डेरा।।

    दोहा

    पवनतनय संकट हरन, मंगल मूरति रूप।

    राम लखन सीता सहित, हृदय बसहु सुर भूप।।

    जय श्रीराम, जय हनुमान, जय हनुमान।

    डिसक्लेमर- इस लेख में निहित किसी भी जानकारी/सामग्री/गणना की सटीकता या विश्वसनीयता की गारंटी नहीं है। विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/मान्यताओं/धर्मग्रंथों से संग्रहित कर ये जानकारियां आप तक पहुंचाई गई हैं। हमारा उद्देश्य महज सूचना पहुंचाना है, इसके उपयोगकर्ता इसे महज सूचना समझकर ही लें। इसके अतिरिक्त, इसके किसी भी उपयोग की जिम्मेदारी स्वयं उपयोगकर्ता की ही रहेगी।