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    Lord Ganesh: क्यों हैं भगवान गणेश प्रथम पूज्य, कैसे मिली उन्हें ये उपाधि?

    भगवान गणेश की पूजा बहुत ही शुभ मानी जाती है। उनकी पूजा के बिना कोई मांगलिक कार्य नहीं किया जाता है। ऐसा कहा जाता है कि गणेश भगवान की उपासना करने से जीवन की सभी बाधाओं का नाश होता है। वहीं आज हम अपने इस आर्टिकल में ये जानेंगे कि आखिर गणेश जी (Lord Ganesh Puja Significance) को प्रथम पूज्य क्यों माना गया है?

    By Vaishnavi Dwivedi Edited By: Vaishnavi Dwivedi Updated: Mon, 17 Mar 2025 03:16 PM (IST)
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    Lord Ganesh: भगवान गणेश प्रथम पूज्य क्यों माने जाते हैं?

    धर्म डेस्क, नई दिल्ली। भगवान गणेश को प्रथम पूज्य यूं ही नहीं माने गए हैं। इसके पीछे कई पौराणिक कथाएं और आध्यात्मिक रहस्य छिपे हुए हैं। गणेश पुराण के प्रथम खंड के प्रथम अध्याय में बताया गया है कि ''जब एक बार सभी देवताओं में इस बात पर विवाद हो गया कि सबसे पहले किसकी पूजा की जानी चाहिए। तब भगवान शिव ने एक प्रतियोगिता का आयोजन किया।'' उन्होंने कहा कि ''जो भी सबसे पहले पूरे ब्रह्मांड की परिक्रमा करके आएगा, वही प्रथम पूज्य कहलाएगा।'' सभी देवता अपने-अपने वाहनों पर सवार होकर ब्रह्मांड की परिक्रमा के लिए निकल पड़े। भगवान गणेश के पास उनका वाहन मूषक था, जिस पर बैठकर वे पूरे ब्रह्मांड की परिक्रमा नहीं कर सकते थे।

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    उन्होंने अपनी बुद्धि का प्रयोग करते हुए अपने माता-पिता यानी भगवान शिव और देवी पार्वती की परिक्रमा की। इसपर उन्होंने कहा कि ''उनके लिए उनके माता-पिता ही पूरा ब्रह्मांड हैं। भगवान शिव उनकी बुद्धि और भक्ति से बहुत खुश हुए और उन्हें सदैव के लिए प्रथम पूज्य (Why Is Lord Ganesh First Worshipped?) होने का वरदान दिया।

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    आध्यात्मिक कारण

    भगवान गणेश (Lord Ganesh Puja) को बुद्धि, ज्ञान और विवेक का प्रतीक माना जाता है। किसी भी शुभ कार्य को शुरू करने से पहले उनकी पूजा करने से कार्य में सफलता मिलती है। वे विघ्नहर्ता भी कहलाते हैं, यानी वे सभी बाधाओं को दूर करते हैं।

    भगवान गणेश को प्रथम पूज्य होने का एक और कारण यह है कि वे मोक्ष के द्वारपाल हैं। वे मोक्ष के मार्ग में आने वाली सभी बाधाओं को दूर करते हैं और भक्तों को मोक्ष प्राप्त करने में मदद करते हैं।

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    भगवान श्री गणेश के अन्य नाम और उनके अर्थ

    • विघ्नहर्ता - सभी विघ्नों को दूर करने वाले।
    • गणपति - गणों के स्वामी।
    • लंबोदर - बड़े पेट वाले।
    • एकदंत - एक दांत वाले।
    • वक्रतुंड - घुमावदार सूंड वाले।
    • गजानन - हाथी के मुख वाले

    भगवान गणेश की पूजा का धार्मिक महत्व (Lord Ganesh Puja Significance)

    भगवान गणेश की पूजा करने से भक्तों को बुद्धि, ज्ञान, विवेक, सुख-समृद्धि और सौभाग्य की प्राप्ति होती है। इसके साथ ही जीवन की सभी बाधाएं दूर होती हैं और मनोकामनाएं पूरी होती हैं। भगवान गणेश की पूजा सभी शुभ कार्यों के लिए महत्वपूर्ण है। उनकी पूजा के बिना कोई भी शुभ कार्य अधूरा माना जाता है।

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    अस्वीकरण: इस लेख में बताए गए उपाय/लाभ/सलाह और कथन केवल सामान्य सूचना के लिए हैं। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया यहां इस लेख फीचर में लिखी गई बातों का समर्थन नहीं करता है। इस लेख में निहित जानकारी विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/मान्यताओं/धर्मग्रंथों/दंतकथाओं से संग्रहित की गई हैं। पाठकों से अनुरोध है कि लेख को अंतिम सत्य अथवा दावा न मानें एवं अपने विवेक का उपयोग करें। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया अंधविश्वास के खिलाफ है।