Lakshmi Jayanti 2025: मार्च में कब है लक्ष्मी जयंती, इस तरह प्राप्त होगी धन की देवी की कृपा
हर साल फाल्गुन माह लक्ष्मी जयंती मनाई जाती है। ऐसा माना जाता है कि इस व्रत पर मां लक्ष्मी की पूजा-अर्चना करने से साधक को लक्ष्मी जी की कृपा प्राप्त हो ...और पढ़ें

धर्म डेस्क, नई दिल्ली। हिंदू धर्म में मां लक्ष्मी (Lakshmi ji Puja) को धन और समृद्धि की देवी के रूप में पूजा जाता है। माना जाता है कि जिस भी व्यक्ति को मां लक्ष्मी की कृपा प्राप्त होती है, उसे जीवन में कभी दरिद्रता का सामना नहीं करना पड़ता। ऐसे में फाल्गुन माह में आने वाली लक्ष्मी जयंती भी धन की देव की कृपा प्राप्ति के लिए बहुत ही शुभ मानी गई है।
लक्ष्मी जयंती मुहूर्त (Lakshmi Jayanti Shubh Muhurat)
फाल्गुन माह की पूर्णिमा तिथि की शुरुआत 13 मार्च को सुबह 10 बजकर 35 मिनट पर हो रही है। वहीं फाल्गुन पूर्णिमा का समापन 14 मार्च को दोपहर 12 बजकर 23 मिनट पर होगा। ऐसे में उदया तिथि को देखते हुए लक्ष्मी जयंती का पर्व होली के दिन यानी शुक्रवार, 14 मार्च को मनाया जाएगा।
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क्यों खास है लक्ष्मी जयंती
लक्ष्मी जयंती को मां लक्ष्मी के प्राकट्य दिवस के रूप में मनाया जाता है। माना जाता है कि फाल्गुन माह की पूर्णिमा तिथि पर ही धन-समृद्धि की देवी माता लक्ष्मी क्षीर सागर के मन्थन के दौरान प्रकट हुईं थीं।
किए जाते हैं ये कार्य
लक्ष्मी जयंती के अवसर पर कई साधक अपने घर पर लक्ष्मी होम (हवन) का आयोजन करते हैं। इस दौरान देवी लक्ष्मी के सहस्रनामावली, और श्री सूक्तम् का पाठ किया जाता है। इसी के साथ मां लक्ष्मी की कृपा प्राप्ति के लिए उन्हें शहद में डूबे हुए कमल की आहुति भी दी जाती है। ऐसा करने से साधक को धन की देवी का आशीर्वाद मिलता है, जिससे आर्थिक परेशानियों से छुटकारा मिलता है।
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(Picture Credit: Freepik) (AI Image)
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करें इन मंत्रों का जप
- लक्ष्मी मूल मंत्र - ॐ श्रीं ह्रीं श्रीं कमले कमलालये प्रसीद प्रसीद श्रीं ह्रीं श्रीं ॐ महालक्ष्मी नमः।।
- कुबेर अष्टलक्ष्मी मंत्र - ॐ ह्रीं श्रीं क्रीं श्रीं कुबेराय अष्ट-लक्ष्मी मम गृहे धनं पुरय पुरय नमः॥
- लक्ष्मी गायत्री मंत्र - ॐ महालक्ष्म्यै विद्महे विष्णुप्रियायै धीमहि। तन्नो लक्ष्मी प्रचोदयात् ||
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