Holi 2025 Date: 14 या 15 मार्च, कब खेली जाएगी होली? एक क्लिक में नोट करें सही डेट और शुभ मुहूर्त
ज्योतिषियों की मानें तो होली (Holi 2025 Date) के शुभ अवसर पर दुर्लभ शिववास योग समेत कई मंगलकारी योग बन रहे हैं। होली के दिन चंद्र ग्रहण का भी साया रहने वाला है। इसके लिए ग्रहण के दौरान कोई भी शुभ काम न करें। पूर्णिमा तिथि पर श्रीसत्यनारायण देव की पूजा की जाती है। साथ ही दान-पुण्य किया जाता है।

धर्म डेस्क, नई दिल्ली। हर साल फाल्गुन पूर्णिमा पर होली मनाई जाती है। यह पर्व भारत समेत दुनिया भर के कई देशों में धूमधाम से मनाया जाता है। इस शुभ अवसर पर लोग एक दूसरे को रंग और गुलाल लगाते हैं। साथ ही मिठाई खिलाकर होली की शुभकामनाएं देते हैं। होली बुराई पर अच्छाई का प्रतीक पर्व है। रंगों का त्योहार होली दो दिन मनाया जाता है। होली के एक दिन पहले होलिका दहन मनाया जाता है। वहीं, दूसरे दिन होली मनाई जाती है। हालांकि, होली की सही डेट को लेकर लोगों में दुविधा है। आइए, होली की सही डेट एवं शुभ मुहूर्त जानते हैं-
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कब मनाई जाती है होली?
रंगों का त्योहार होली हर साल फाल्गुन पूर्णिमा के दिन मनाया जाता है। इस साल फाल्गुन पूर्णिमा 13 मार्च को सुबह 10 बजकर 35 मिनट पर शुरू होगी और 14 मार्च को दोपहर 12 बजकर 23 मिनट पर समाप्त होगी। उदया तिथि गणना से फाल्गुन पूर्णिमा का व्रत 13 मार्च को रखा जाएगा। वहीं, पूर्णिमा पर स्नान-ध्यान और दान-पुण्य 14 मार्च को किया जाएगा।
कब मनाई जाएगी होली?
ज्योतिषियों की मानें तो 13 मार्च को फाल्गुन पूर्णिमा शुरू होगी। इस दिन भद्रा का साया दिन भर है। भद्रा सुबह 10 बजकर 35 मिनट पर शुरू होगा और देर रात 11 बजकर 26 मिनट पर समाप्त होगा। इसके लिए होलिका दहन 11 बजकर 26 मिनट से लेकर देर रात 12 बजकर 30 मिनट तक किया जाएगा। होलिका दहन के अगले दिन होली मनाई जाती है। इस प्रकार 14 मार्च को होली मनाई जाएगी।
कब से शुरू होगा चैत्र का महीना?
चैत्र माह की प्रतिपदा तिथि 14 मार्च को दोपहर 12 बजकर 23 मिनट से शुरू होगा। उदया तिथि से 15 मार्च से चैत्र माह की शुरुआत होगी। इसके लिए 14 मार्च को होली मनाई जाएगी। हालांकि, होली की सही तिथि के लिए आप स्थानीय पंचांग की भी सहायता ले सकते हैं। आप चाहे तो अपने यहां के योग्य पंडित से भी संपर्क कर होली की सही डेट जान सकते हैं। स्थानीय पंचांग और तिथि से होली की डेट में अंतर हो सकता है।
पंचांग
- सूर्योदय - सुबह 06 बजकर 32 मिनट पर
- सूर्यास्त - शाम 06 बजकर 29 मिनट पर
- चन्द्रोदय- शाम 06 बजकर 38 मिनट पर
- ब्रह्म मुहूर्त - सुबह 04 बजकर 55 मिनट से 05 बजकर 44 मिनट तक
- विजय मुहूर्त - दोपहर 02 बजकर 30 मिनट से 03 बजकर 18 मिनट तक
- गोधूलि मुहूर्त - शाम 06 बजकर 26 मिनट से 06 बजकर 51 मिनट तक
- निशिता मुहूर्त - रात्रि 12 बजकर 06 मिनट से 12 बजकर 54 मिनट तक
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अस्वीकरण: इस लेख में बताए गए उपाय/लाभ/सलाह और कथन केवल सामान्य सूचना के लिए हैं। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया यहां इस लेख फीचर में लिखी गई बातों का समर्थन नहीं करता है। इस लेख में निहित जानकारी विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/मान्यताओं/धर्मग्रंथों/दंतकथाओं से संग्रहित की गई हैं। पाठकों से अनुरोध है कि लेख को अंतिम सत्य अथवा दावा न मानें एवं अपने विवेक का उपयोग करें। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया अंधविश्वास के खिलाफ है।
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