Trending

    Move to Jagran APP
    pixelcheck
    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    Kumbh Mela: कब और कहां होगा अगले कुंभ मेले का आयोजन, यहां जानें सही डेट

    Updated: Wed, 23 Apr 2025 03:14 PM (IST)

    धार्मिक मान्यताओं के अनुसार महाकुंभ के दौरान गंगा स्नान करने से साधक को अक्षय फलों की प्राप्ति हो सकती है। कुंभ मेले का आयोजन हर 12 साल में चार अलग-अलग स्थानों पर होता है जिसमें प्रयागराज हरिद्वार उज्जैन और नासिक शामिल हैं। ऐसे में चलिए पंडित गिरीश व्यास जी से जानते हैं कि अगला कुंभ कब और कहां होने जा रहा है।

    Hero Image
    Where will the next Kumbh Mela be held?

    धर्म डेस्क, नई दिल्ली। कुंभ आयोजन की कथा समुद्र मंथन से जुड़ी हुई मानी जाती है। साल 2025 में प्रयागराज में महाकुंभ (Maha kumbh 2025) का आयोजन हुआ था। यह कुंभ स्नान 13 जनवरी से लेकर 26 फरवरी तक चला था। इस दौरान लाखों भक्तों ने त्रिवेणी संगम में स्नान का सौभाग्य प्राप्त किया। न केवल देश बल्कि विदेश के लोगों ने भी इस कुंभ आयोजन में बढ़-चढ़कर भाग लिया था।

    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    कब लगेगा अगला कुंभ

    प्रयागराज के बाद अगला पूर्ण कुंभ 2028 में उज्जैन में होगा। जो 27 मार्च 2028 से 27 मई 2028 तक चलने वाला है। सिंहस्थ का संबंध सिंह राशि से है। सिंह राशि में बृहस्पति एवं मेष राशि में सूर्य का प्रवेश होने पर उज्जैन में कुंभ का आयोजन होता है।

    प्रमुख स्नान तिथियां (शाही स्नान और पर्व स्नान)

    • 22 अप्रैल 2028 (शुक्रवार) – पूर्णिमा (पहला स्नान)
    • 6 मई 2028 (शुक्रवार) – वैशाख कृष्ण अमावस्या
    • 9 मई 2028 (सोमवार) – अक्षय तृतीया (दूसरा स्नान)
    • 11 मई 2028 (बुधवार) – शुक्ल पंचमी
    • 17 मई 2028 (शनिवार) – एकादशी एवं प्रदोष स्नान
    • 21 मई 2028 (शनिवार) – पूर्णिमा (समापन स्नान)

    (Picture Credit: Freepik) (AI Image)

    यह भी पढ़ें -  

    क्या है पौराणिक कथा (Mahakumbh katha)

    पौराणिक कथा के अनुसार, एक बार अमृत प्राप्ति की इच्छा देवताओं और असुरों के बीच समुद्र मंथन हुआ। मंथन के दौरान कई तरह के रत्न उत्पन्न हुए और अंत में अमृत उत्पन्न हुआ। अमृत पाने की इच्छा के चलते देवताओं और असुरों के बीच युद्ध छिड़ गया। इसी बीच अमृत की कुछ बूंदें 4 स्थानों पर गिर गई, जिसमें प्रयागराज, हरिद्वार, उज्जैन और नासिक शामिल हैं। इन्ही चार स्थानों पर हर 12 साल के अंतराल में कुंभ का आयोजन किया जाता है।

    (Picture Credit: PTI)

    यह भी पढ़ें -  रामायण में लिखा है पूरी दुनिया की कृपा आप पर होगी, पढ़िए कि आपको क्या करना है

    कुंभ स्नान का महत्व

    हिंदू धर्म में कुंभ स्नान को एक महत्वपूर्ण धार्मिक अनुष्ठान के रूप में देखा जाता है। साथ ही यह भी मान्यता है कि जो भी साधक पूरी श्रद्धा के साथ कुंभ में स्नान करता है, उसे सभी पापों से मुक्ति मिल जाती है और उसके लिए मोक्ष के द्वार खुलते हैं। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, कुंभ स्नान करने से व्यक्ति को अश्वमेध यज्ञ करने जितना फल मिलता है।

    यह भी पढ़ें -  Sri Krishna: कुबेर के पुत्रों को क्यों मिला था पेड़ बनने का श्राप, बाल गोपाल ने इस तरह किया उद्धार

    अस्वीकरण: इस लेख में बताए गए उपाय/लाभ/सलाह और कथन केवल सामान्य सूचना के लिए हैं। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया यहां इस लेख फीचर में लिखी गई बातों का समर्थन नहीं करता है। इस लेख में निहित जानकारी विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/मान्यताओं/धर्मग्रंथों/दंतकथाओं से संग्रहित की गई हैं। पाठकों से अनुरोध है कि लेख को अंतिम सत्य अथवा दावा न मानें एवं अपने विवेक का उपयोग करें। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया अंधविश्वास के खिलाफ है।

    comedy show banner
    comedy show banner