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    बंद के बीच कुलगाम पहुंची कौसरनाग यात्रा

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    Updated: Thu, 31 Jul 2014 11:25 PM (IST)

    कश्मीरी पंडितों की ओर से फिर से शुरू की गई सदियों पुरानी कौसरनाग यात्रा के खिलाफ बुधवार को दक्षिण कश्मीर के कुलगाम और शोपियां में पूर्ण हड़ताल रही। अलगाववादी इस यात्रा को पर्यावरण के खिलाफ बताकर विरोध कर रहे हैं। इस बीच, गत मंगलवार को जम्मू संभाग के रियासी जिले से निकली यात्रा में शामिल कर

    श्रीनगर, राज्य ब्यूरो। कश्मीरी पंडितों की ओर से फिर से शुरू की गई सदियों पुरानी कौसरनाग यात्रा के खिलाफ बुधवार को दक्षिण कश्मीर के कुलगाम और शोपियां में पूर्ण हड़ताल रही। अलगाववादी इस यात्रा को पर्यावरण के खिलाफ बताकर विरोध कर रहे हैं। इस बीच, गत मंगलवार को जम्मू संभाग के रियासी जिले से निकली यात्रा में शामिल करीब 300 श्रद्धालुओं का जत्था बुधवार देर शाम कुलगाम पहुंच गया। श्रद्धालु करीब 22 किलोमीटर पैदल चलकर 31 जुलाई को देर शाम कौसरनाग पहुंचेंगे और पहली अगस्त को दर्शन करेंगे। यात्रा के संयोजक विनोद पंडिता ने कहा कि कौसरनाग एक धार्मिक यात्रा है और इसका विरोध नहीं होना चाहिए।

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    गौरतलब है कि कौसरनाग कुलगाम और शोपियां जिले की सरहद पर पीरपंचाल की पहाड़ियों में स्थित है। कश्मीरी पंडितों के मुख्य तीर्थस्थलों में से एक कौसरनाग की यात्र हर साल पंडितों द्वारा आयोजित की जाती थी, लेकिन आतंकवाद के चलते यह बंद हो गई। अब इसे कश्मीरी पंडितों के एक समुदाय ने फिर से शुरू करने का प्रयास किया है, लेकिन अलगाववादी संगठनों के अलावा नेशनल कांफ्रेंस, अवामी इत्तेहाद पार्टी, विभिन्न मानवाधिकार संगठनों और बॉर एसोसिएशन शोपियां व कुलगाम को यात्रा यह रास नहीं आ रही।

    इन संगठनों ने इस यात्रा को कश्मीरी मुस्लिमों व कश्मीर के पर्यावरण के खिलाफ करार देते हुए कहा है कि यह कश्मीर के भगवाकरण की साजिश है। कौसरनाग यात्रा का विरोध कर रहे लोगों ने 'सेव कौसरनाग फ्रंट' नामक एक संगठन भी बनाया है और उसने ही बुधवार को इस यात्रा के खिलाफ बंद का आह्वान किया था। सुबह से ही कुलगाम और शोपियां में बंद का पूरा असर रहा। सभी दुकानें व व्यापारिक प्रतिष्ठान बंद रहे और सड़कों पर वाहन भी नहीं चले। यात्रा के खिलाफ कई जगह पोस्टर भी लगाए गए थे।

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