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    इस श्राप के चलते हुए थे गौरीपुत्र गणेश के दो विवाह, जानिए ये पौराणिक कथा

    Updated: Wed, 20 Aug 2025 02:37 PM (IST)

    रिद्धि-सिद्धि को गणेश जी (Lord Ganesha Marriage Riddhi Siddhi) की पत्नियों के रूप में जाना जाता है जो असल में दो बहने थीं। लेकिन क्या आप जानते हैं कि गणेश जी के दो विवाह एक श्राप के चलते हुए थे। गणेश जी के विवाह की कथा काफी रोचक है। ऐसे में चलिए जानते हैं इस बारे में।

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    Lord Ganesh marriage story गणेश जी के विवाह की पौराणिक कथा।

    धर्म डेस्क, नई दिल्ली। गणेश जी को भगवान शिव और माता पार्वती के पुत्र के रूप में जाना जाता है। साथ ही गणेश जी प्रथम पूज्य देव भी कहलाते हैं, क्योंकि किसी भी शुभ या मांगलिक कार्य की शुरुआत से पहले हमेशा गणेश जी का आवाहन किया जाता है। आज हम आपको गणेश जी के विवाह से जुड़ी कथा (Mythological Story) के बारे में बताने जा रहे हैं।

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    तुलसी जी ने दिया था ये श्राप

    पद्मपुराण और गणेश पुराण में कथा मिलती है कि एक बार तुलसी जी ने गणेश जी के समक्ष विवाह का प्रस्ताव रखा। लेकिन गणेश जी ने उनसे विवाह करने से मना कर दिया। इससे तुलसी माता काफी क्रोधित हो गईं और उन्होंने गणेश जी को श्राप दे दिया कि उनके दो विवाह होंगे।

    बदले में गणेश जी ने भी तुलसी जी को यह श्राप दिया कि उनका विवाह एक राक्षस से होगा। तुलसी जी के श्राप के चलते ही गणेश जी का विवाह रिद्धि और सिद्धि नामक दो बहनों से हुआ।

    (Picture Credit: Freepik)

    ब्रह्मा जी ने निकाला समाधान

    गणेश पुराण के छठे अध्याय में भगवान गणेश के विवाह की कथा मिलती है, जिसके अनुसार, गणेश जी के लम्बोदर स्वरूप के कारण उनका विवाह नहीं हो रहा था। इससे नाराज होकर गणेश जी अन्य देवी-देवताओं के विवाह में बाधा उत्पन्न करने लगे।

    इससे सभी देवता परेशान हो गए और उन्होंने अपनी समस्या ब्रह्मा जी से कही। ब्रह्मा जी ने सभी देवताओं की बाद सुनी और अपनी दोनों पुत्रियों रिद्धि व सिद्धि को भगवान गणेश के पास शिक्षा ग्रहण करने के लिए भेजा।

    इस तरह सम्पन्न हुआ विवाह

    जब भी गणेश जी को किसी देवता के विवाह की खबर मिलती, तो रिद्धि-सिद्धि उनका ध्यान भटका देती थीं, ताकि वह किसी के विवाह में विघ्न न उत्पन्न कर सकें। ऐसे में सभी देवताओं के विवाह बिना किसी बाधा के सम्पन्न होने लगे।

    जब यह बात गणेश जी को पता लगी, तो वह उन दोनों पर बहुत क्रोधित हो गए। इस दौरान वहां ब्रह्मा जी प्रकट हुए और उन्होंने गणेश जी को रिद्धि-सिद्धि से विवाह करने का प्रस्ताव दिया। गणेश जी ने यह प्रस्ताव किया और उनका विवाह रिद्धि-सिद्धि के साथ सम्पन्न हुआ।

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    अस्वीकरण: इस लेख में बताए गए उपाय/लाभ/सलाह और कथन केवल सामान्य सूचना के लिए हैं। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया यहां इस लेख फीचर में लिखी गई बातों का समर्थन नहीं करता है। इस लेख में निहित जानकारी विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/मान्यताओं/धर्मग्रंथों/दंतकथाओं से संग्रहित की गई हैं। पाठकों से अनुरोध है कि लेख को अंतिम सत्य अथवा दावा न मानें एवं अपने विवेक का उपयोग करें। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया अंधविश्वास के खिलाफ है।