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    Ganesh Chaturthi 2025: गणेश चतुर्थी के लिए अभी से नोट कर लें बप्पा के प्रिय भोग, बरसेगी कृपा

    Updated: Wed, 20 Aug 2025 01:47 PM (IST)

    पंचांग के अनुसार हर साल भाद्रपद माह के शुक्ल पक्ष की चतुर्थी तिथि पर गणेश चतुर्थी (Ganesh Chaturthi 2025) का पर्व मनाया जाता है। इस बार यह पर्व बुधवार 27 अगस्त को मनाया जाएगा। पूजा के दौरान अगर आप गणपति जी को उनेक प्रिय भोग अर्पित करते हैं तो इससे आपके घर सुख-समृद्धि आती है। चलिए जानते हैं इस बारे में।

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    Ganesh Chaturthi 2025 Bhog जानिए गणेश जी के प्रिय भोग।

    धर्म डेस्क, नई दिल्ली। गणेश चतुर्थी का पर्व पूरे भारत में बड़े ही उत्साह के साथ मनाया जाता है। इस दिन पर लोग अपने घरों में गणपति जी की स्थापना करते हैं और 10 दिनों तक श्रद्धाभाव से उनकी पूजा-अर्चना करते हैं। ऐसे में चलिए जानते हैं कि आप गणेश उत्सव के दौरान गणेश जी को कौन-कौन से भोग (Ganesh Chaturthi Bhog) अर्पित कर सकते हैं।

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    मिलेगा सुख-समृद्धि का आशीर्वाद

    गणेश जी को मोदक अति प्रिय माने गए हैं। ऐसे में गणेश उत्सव के दौरान गणपति जी की पूजा में उन्हें मोदक का भोग जरूर लगाएं। इससे गणपति बप्पा प्रसन्न होते हैं और साधक को सुख-समृद्धि का आशीर्वाद देते हैं।

    जरूर लगाएं ये भोग

    आप गणेश उत्सव के दौरान गणेश जी को लड्डूओं का भोग भी लगा सकते हैं। इसके साथ ही गणेश जी को खीर, मालपुए और मिठाई आदि का भोग अर्पित करना भी बेहद शुभ माना जाता है। इससे भी जातक पर गणेश जी की विशेष कृपा बनी रहती है और विघ्नहर्ता आपके सारे विघ्न हरते हैं।

    (Picture Credit: Freepik) 

    ये चीजें करें अर्पित

    गणेश उत्सव की पूजा में गणेश जी को वस्त्र, जनेऊ, चंदन, अक्षत, धूप, दीप, फल और फूल आदि जरूर अर्पित करें। इसके साथ ही में गणेश जी को दूर्वा जरूर अर्पित करनी चाहिए। दूर्वा अर्पित करते समय 'श्री गणेशाय नमः दूर्वांकुरान् समर्पयामि' मंत्र का जप भी करें।

    गणेश जी की पूजा में यह सभी चीजें अर्पित करने से साधक के किसी भी कार्य में आ रही बाधा दूर हो सकती है। ऐसे में गणेश उसत्व की पूजा के दौरान इन सभी चीजों को अपनी पूजा का हिस्सा जरूर बनाएं।

    करें इन मंत्रों का जप

    1. वक्रतुण्ड महाकाय सूर्यकोटि समप्रभ ।

    निर्विघ्नं कुरु मे देव सर्वकार्येषु सर्वदा ॥

    2. एकदन्तं महाकायं लम्बोदरगजाननम्ं।

    विघ्नशकरं देवं हेरम्बं प्रणमाम्यहम्॥

    3. ॐ ग्लौम गौरी पुत्र,वक्रतुंड,गणपति गुरु गणेश

    ग्लौम गणपति,ऋदि्ध पति। मेरे दूर करो क्लेश।।

    4. एकदन्तं महाकायं लम्बोदरगजाननम्ं।

    विघ्नशकरं देवं हेरम्बं प्रणमाम्यहम्॥

    (Picture Credit: Freepik) (AI Image)

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    अस्वीकरण: इस लेख में बताए गए उपाय/लाभ/सलाह और कथन केवल सामान्य सूचना के लिए हैं। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया यहां इस लेख फीचर में लिखी गई बातों का समर्थन नहीं करता है। इस लेख में निहित जानकारी विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/मान्यताओं/धर्मग्रंथों/दंतकथाओं से संग्रहित की गई हैं। पाठकों से अनुरोध है कि लेख को अंतिम सत्य अथवा दावा न मानें एवं अपने विवेक का उपयोग करें। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया अंधविश्वास के खिलाफ है।