Sawan 2025: सावन सोमवार का पहली बार रखने जा रहे हैं व्रत, तो जरूर जान लें ये नियम
सावन (Sawan 2025) का महीना भगवान शिव की पूजा के लिए बहुत शुभ माना जाता है विशेषकर सावन का सोमवार। इस दिन व्रत रखने से सभी मनोकामनाएं पूरी होती हैं और भगवान शिव की कृपा मिलती है। वहीं अगर आप पहली बार व्रत रखने वाले हैं तो कुछ नियमों का पालन जरूर करना चाहिए। आइए जानते हैं।

धर्म डेस्क, नई दिल्ली। सावन का महीना बेहद पावन माना जाता है। यह भगवान शिव की पूजा के लिए बहुत शुभ माना जाता है। इस दौरान पड़ने वाले सभी सोमवार का बहुत ज्यादा महत्व है। कहते हैं कि इस उपवास का पालन करने से सभी मनोकामनाओं की पूर्ति होती है। इसके साथ ही शिव जी की कृपा मिलती है। वहीं, जो भक्त पहली बार (First Time Sawan Vrat Guide) सावन सोमवार का व्रत रखने जा रहे हैं, उन्हें इस व्रत से जुड़े कुछ नियमों को जानना बेहद जरूरी है, ताकि उन्हें इसका पूरा फल मिल सके, तो आइए जानते हैं।
सावन सोमवार व्रत नियम
- व्रत का संकल्प - व्रत शुरू करने से पहले, सुबह स्नान करके भगवान शिव के सामने व्रत का संकल्प लें। मन में ऐसा सोचें कि आप सच्चे मन से यह व्रत कर रहे हैं और सभी नियमों का पालन करेंगे।
- साफ-सफाई - व्रत के दिन शारीरिक और मानसिक शुद्धता बनाए रखें। साथ ही साफ कपड़े पहनें और पूजा स्थान को भी साफ रखें।
- व्रत भोजन - सावन सोमवार का व्रत आमतौर पर निर्जला या फलाहारी रख जाता है, लेकिन अगर आप निर्जला व्रत नहीं रख सकते, तो एक समय फलाहार कर सकते हैं। इसमें सेंधा नमक का उपयोग करें।
- क्या खाएं - व्रत के दौरान फल, दूध, दही, साबूदाना, कुट्टू का आटा, सिंघाड़े का आटा और उससे बनी चीजें, शकरकंद आदि का सेवन कर सकते हैं।
- क्या न खाएं - सावन सोमवार व्रत के दौरान अनाज, दालें, सामान्य नमक, प्याज, लहसुन, मांसाहार, शराब, और किसी भी प्रकार का तामसिक भोजन बिल्कुल भी न करें। यह ध्यान रखें कि व्रत का पारण करने के लिए भी अनाज का प्रयोग न करें।
पूजा विधि
- सुबह जल्दी उठें और स्नान करें।
- शिवलिंग पर जल, बेलपत्र, धतूरा, भांग, दूध, दही, घी, शहद, शक्कर, गंगाजल और सफेद फूल आदि चढ़ाएं।
- शिवलिंग पर अक्षत और चंदन लगाएं।
- भगवान शिव के सामने घी का दीपक और धूप जलाएं।
- 'ॐ नमः शिवाय' मंत्र का जप करें।
- शिव चालीसा और सावन सोमवार व्रत कथा का पाठ करें या सुनें।
- पूजा के अंत में भगवान शिव की आरती करें।
- अंत में भगवान शिव से पूजा और व्रत में हुई सभी गलतियों के लिए माफी मांगे।
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