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    Mangala Gauri Vrat 2025: 14 या 15 जुलाई, कब शुरू होगा सावन मंगला गौरी व्रत? जानें डेट, पूजा विधि और लाभ

    सावन मास में मंगला गौरी व्रत (Mangala Gauri Vrat 2025) बहुत शुभ माना जाता है। इस व्रत को करने से पति की लंबी आयु और सुख-समृद्धि की प्राप्ति होती है। इस दिन माता गौरी और भगवान शिव की पूजा का विधान है। मान्यता है कि इस व्रत को करने से अखंड सौभाग्य और मनचाहे वर की प्राप्ति होती है।

    By Vaishnavi Dwivedi Edited By: Vaishnavi Dwivedi Updated: Mon, 07 Jul 2025 09:50 AM (IST)
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    Mangala Gauri Vrat 2025: मंगला गौरी व्रत 2025 कब शुरू होगा?

    धर्म डेस्क, नई दिल्ली। सावन का महीना भगवान शिव और माता पार्वती को समर्पित है। इस पवित्र महीने में जहां सोमवार के दिन भगवान शिव की पूजा की जाती है, वहीं मंगलवार के दिन माता पार्वती के मंगला गौरी स्वरूप की पूजा का विधान है। मंगला गौरी व्रत सुहागिन महिलाओं द्वारा पति की लंबी आयु, सुख-समृद्धि और अखंड सौभाग्य की कामना के लिए रखा जाता है।

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    वहीं, अविवाहित कन्याएं भी अच्छे वर की प्राप्ति के लिए यह व्रत करती हैं, तो आइए इस दिन (Mangala Gauri Vrat 2025) से जुड़ी प्रमुख बातों को जानते हैं।

    मंगला गौरी व्रत 2025 कब शुरू होगा? (Mangala Gauri Vrat 2025 Dates)

    इस साल सावन का पहला मंगला गौरी व्रत 15 जुलाई 2025, मंगलवार को रखा जाएगा। वहीं, सावन का महीना 11 जुलाई 2025 से शुरू होकर 9 अगस्त 2025 को समाप्त होगा।

    • पहला मंगला गौरी व्रत (First Mangal Gauri Vrat 2025) - 15 जुलाई 2025
    • दूसरा मंगला गौरी व्रत (Second Mangal Gauri Vrat 2025) - 22 जुलाई 2025
    • तीसरा मंगला गौरी व्रत (Third Mangal Gauri Vrat 2025) - 29 जुलाई 2025
    • चौथा मंगला गौरी व्रत (Fourth Mangal Gauri Vrat 2025) - 05 अगस्त 2025

    पूजा विधि (Mangala Gauri Vrat 2025 Puja Vidhi)

    • मंगला गौरी व्रत के दिन ब्रह्म मुहूर्त में उठें और स्नान करें।
    • लाल रंग के कपड़े पहनें।
    • इसके बाद पूजा और व्रत का संकल्प लें।
    • एक वेदी पर लाल कपड़ा बिछाकर उस पर माता मंगला गौरी और भगवान शिव की प्रतिमा स्थापित करें।
    • एक चौमुखी घी का दीपक जलाएं।
    • माता मंगला गौरी को लाल रंग के वस्त्र, सोलह शृंगार की सामग्री अर्पित करें।
    • इस व्रत में सभी चीजें 16 की संख्या में अर्पित करना शुभ माना जाता है।
    • भगवान शिव को धतूरा, बेलपत्र, चंदन, गंगाजल, दूध आदि चढ़ाएं।
    • मंगला गौरी व्रत कथा का पाठ करें और "ॐ मंगलाय नमः" या "ॐ गौरीशंकराय नमः" मंत्र का 108 बार जाप करें।
    • भगवान शिव और माता पार्वती की आरती करें।
    • खीर, पूड़ी, हलवा, मीठा पान, नारियल जैसे पकवानों का भोग लगाएं।
    • पूजा के बाद व्रत का प्रसाद घर व अन्य सदस्यों में बांटें।

    व्रत के लाभ (Mangala Gauri Vrat 2025 Benefits)

    मंगला गौरी व्रत का हिंदू धर्म में विशेष महत्व है। इस व्रत को करने से अखंड सौभाग्य की प्राप्ति होती है। साथ ही पति को लंबी उम्र, सुखी वैवाहिक जीवन और अविवाहित कन्याओं को मनचाहे वर की प्राप्ति होती है। ये भी कहते हैं कि जिनकी कुंडली में मंगल दोष होता है, उनके लिए यह व्रत बहुत लाभकारी माना जाता है। ऐसी मान्यता है कि माता पार्वती ने खुद भी भगवान शिव को पति के रूप में पाने के लिए यह व्रत किया था।

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    अस्वीकरण: इस लेख में बताए गए उपाय/लाभ/सलाह और कथन केवल सामान्य सूचना के लिए हैं। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया यहां इस लेख फीचर में लिखी गई बातों का समर्थन नहीं करता है। इस लेख में निहित जानकारी विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/मान्यताओं/धर्मग्रंथों/दंतकथाओं से संग्रहित की गई हैं। पाठकों से अनुरोध है कि लेख को अंतिम सत्य अथवा दावा न मानें एवं अपने विवेक का उपयोग करें। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया अंधविश्वास के खिलाफ है।