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    Kharmas 2025: 15 या 16 दिसंबर, कब शुरू हो रहा है खरमास? ऐसे दें भगवान सूर्य को अर्घ्य

    Updated: Fri, 05 Dec 2025 12:34 PM (IST)

    खरमास (Kharmas 2025) तब होता है जब सूर्य देव धनु राशि में प्रवेश करते हैं, जिसे धनु संक्रांति भी कहते हैं। इस दौरान विवाह, मुंडन और गृह प्रवेश जैसे मा ...और पढ़ें

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    Kharmas 2025: खरमास के नियम।

    धर्म डेस्क, नई दिल्ली। खरमास वह समय है, जब सूर्य देव गुरु की राशि धनु में प्रवेश करते हैं। इसे धनु संक्रांति भी कहा जाता है। खरमास की शुरुआत के साथ ही अगले एक महीने के लिए सभी प्रकार के मांगलिक काम जैसे विवाह, मुंडन, और गृह प्रवेश आदि वर्जित हो जाते हैं। इस दौरान हमें कई सारी बातों का ध्यान रखना होता है। ऐसे में इस आर्टिकल में खरमास (Kharmas 2025) की डेट से लेकर सभी प्रमुख बातों को यहां जानते हैं, जो इस प्रकार हैं -

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    कब शुरू होगा खरमास? (Kharmas 2025 Kab Shuru Hoga?)

    इस साल धनु संक्रांति 16 दिसंबर को पड़ रही है और इसी दिन से खरमास की भी शुरुआत होगी। वहीं, इसका समापन 14 जनवरी 2026 को होगा।

    खरमास में ऐसे दें अर्घ्य (Surya Arghya Vidhi)

    खरमास में शुभ काम वर्जित होते हैं, लेकिन यह महीना सूर्य देव की उपासना और धार्मिक कामों के लिए बहुत अच्छा माना जाता है। इस दौरान सूर्य देव को अर्घ्य देना विशेष रूप से फलदायी होता है -

    • रोजाना सुबह सूर्योदय के समय स्नान करें।
    • तांबे के लोटे में शुद्ध जल लें, जल में लाल चंदन, लाल फूल और अक्षत मिलाएं।
    • सूर्य की ओर मुख करके खड़े हों और अपनी दोनों हथेलियों को सिर के ऊपर उठाएं।
    • धीरे-धीरे धार बनाते हुए जल अर्पित करें।
    • जल की धार से सूर्य की किरणों को देखें और मन ही मन आरोग्य और यश की कामना करें।
    • इस दौरान तामसिक चीजों से दूर रहें।
    • मन में किसी के लिए बुरे विचार न लाएं।

    सूर्य देव पूजा मंत्र (Surya Puja Mantra)

    • ॐ घृणि सूर्याय नमः।।

    खरमास से जुड़ी महत्वपूर्ण बातें ( Dos And Donts)

    • क्या करें - खरमास में भगवान विष्णु, सूर्य देव और तुलसी जी की पूजा करनी चाहिए। साथ ही दान-पुण्य, तीर्थयात्रा और गरीबों की मदद जरूर करनी चाहिए।
    • क्या न करें - विवाह, मुंडन, गृह प्रवेश, और नया कारोबार शुरू करना आदि।
    • लाभ - इस अवधि में की गई पूजा, ध्यान और दान से व्यक्ति को रोग, दरिद्रता और मानसिक कष्टों से मुक्ति मिलती है।

     

    अस्वीकरण: इस लेख में बताए गए उपाय/लाभ/सलाह और कथन केवल सामान्य सूचना के लिए हैं। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया यहां इस लेख फीचर में लिखी गई बातों का समर्थन नहीं करता है। इस लेख में निहित जानकारी विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/मान्यताओं/धर्मग्रंथों/दंतकथाओं से संग्रहित की गई हैं। पाठकों से अनुरोध है कि लेख को अंतिम सत्य अथवा दावा न मानें एवं अपने विवेक का उपयोग करें। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया अंधविश्वास के खिलाफ है।