Kharmas 2025 Date: कब लगेगा खरमास? शुरू होने से पहले निपटा लें ये शुभ कार्य, नोट करें तिथि और नियम
खरमास में शुभ कार्यों की मनाही होती है। ज्योतिष के अनुसार, इस दौरान सूर्य की ऊर्जा कम होने मांगलिक कार्य नहीं किए जाते हैं। ऐसे में खरमास से पहले सभी शुभ काम निपटा लें। आइए इसकी डेट (Kharmas 2025 Start And End Date) सहित सभी बातों को जानते हैं।

Kharmas 2025 Date: खरमास के नियम।
धर्म डेस्क, नई दिल्ली। जब सूर्य देव बृहस्पति की राशि धनु और मीन में प्रवेश करते हैं, तो उस काल को खरमास कहा जाता है। यह अवधि पूरे एक माह तक चलती है और इसमें सभी तरह के मांगलिक काम बंद हो जाते हैं। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, खरमास (Kharmas 2025) के दौरान किए गए शुभ कार्य फलदायी नहीं होते और उनका पूरा फल नहीं मिलता है। कार्यों में किसी भी तरह के विघ्न न पड़े, तो आइए यहां जानते हैं कि खरमास कब शुरू और कब खत्म होगा?
-1762329119923.jpg)
कब शुरू और खत्म होगा खरमास? (Kharmas 2025 Start And End Date)
इस साल धनु संक्रांति 16 दिसंबर को पड़ रही है और इसी दिन से खरमास की भी शुरुआत होगी। वहीं, इसका समापन 14 जनवरी 2026 को होगा।
खरमास में शुभ कार्य क्यों नहीं होते?
ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, जब सूर्य देव धनु या मीन राशि में प्रवेश करते हैं, तो उनकी ऊर्जा कम हो जाती है। सूर्य को तेज और कार्यों की सफलता का कारक माना गया है, वहीं बृहस्पति शुभता और मांगलिक कार्यों का कारक है। धनु राशि बृहस्पति की राशि है। जब सूर्य इस राशि में आते हैं, तो सूर्य और गुरु का योग बन जाता है, जिससे गुरु की शुभता कुछ समय के लिए कमजोर पड़ जाती है। इसीलिए खरमास की अवधि को किसी भी नए और शुभ कार्य की शुरुआत के लिए अशुभ माना जाता है।
खरमास शुरू होने से पहले निपटा लें ये शुभ काम (Kharmas 2025 Dos)
- विवाह - अगर कोई विवाह तय है, तो खरमास शुरू होने से पहले उसकी तिथि सुनिश्चित कर लें।
- गृह प्रवेश - नए घर में प्रवेश करने का शुभ मुहूर्त खरमास से पहले ही देख लें।
- नया व्यापार/कार्य - किसी भी नए व्यापार की शुरुआत या बड़े निवेश की योजना को खरमास से पहले ही तय कर लें।
- जनेऊ/मुंडन संस्कार - बच्चों के मुंडन या जनेऊ जैसे संस्कार खरमास शुरू होने से पूरा करवा लें।
खरमास में क्या करें? (Kharmas 2025 Donts)
खरमास में शुभ कार्य बंद होते हैं, लेकिन खरमास का समय पूजा-पाठ, दान, तीर्थ यात्रा और धार्मिक अनुष्ठान के लिए बहुत उत्तम माना जाता है। ऐसे में इस दौरान सूर्य देव और भगवान विष्णु की पूजा जरूर करें। साथ ही दान-पुण्य जैसे अनुष्ठान करें।
यह भी पढ़ें- Utpanna Ekadashi 2025: उत्पन्ना एकादशी के दिन शिवलिंग पर चढ़ाएं ये चीजें, सोने जैसा चमकेगा भाग्य
अस्वीकरण: इस लेख में बताए गए उपाय/लाभ/सलाह और कथन केवल सामान्य सूचना के लिए हैं। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया यहां इस लेख फीचर में लिखी गई बातों का समर्थन नहीं करता है। इस लेख में निहित जानकारी विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/मान्यताओं/धर्मग्रंथों/दंतकथाओं से संग्रहित की गई हैं। पाठकों से अनुरोध है कि लेख को अंतिम सत्य अथवा दावा न मानें एवं अपने विवेक का उपयोग करें। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया अंधविश्वास के खिलाफ है।

कमेंट्स
सभी कमेंट्स (0)
बातचीत में शामिल हों
कृपया धैर्य रखें।