Trending

    Move to Jagran APP
    pixelcheck
    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    Kartik 2025: दीवाली और छठ पूजा से लेकर तुलसी विवाह तक, यहां नोट करें कार्तिक माह के व्रत-त्योहार की तिथि

    Updated: Mon, 29 Sep 2025 06:50 PM (IST)

    हर साल कार्तिक माह (Kartik 2025 Festival) के कृष्ण पक्ष की अमावस्या तिथि पर दीवाली मनाई जाती है। इस शुभ अवसर पर धन की देवी मां लक्ष्मी और भगवान गणेश की भक्ति भाव से पूजा की जाती है। दीवाली का त्योहार देश और विदेश में धूमधाम से मनाया जाता है।

    Hero Image
    Diwali 2025: कब और क्यों मनाई जाती है दीवाली?

    धर्म डेस्क, नई दिल्ली। कार्तिक का महीना बेहद खास होता है। यह महीना जगत के पालनहार भगवान विष्णु को समर्पित होता है। इस महीने में भगवान विष्णु योग निद्रा से जागृत होते हैं। इसके साथ ही चातुर्मास समाप्त हो जाता है।

    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    भगवान विष्णु के जागृत होने की तिथि पर देवउठनी एकादशी मनाई जाती है। इसके अगले दिन तुलसी विवाह मनाया जाता है। देवउठनी एकादशी से सभी प्रकार के शुभ कार्य किए जाते हैं। आइए, कार्तिक माह के सभी प्रमुख व्रत-त्योहार की सही तिथि जानते हैं-

    व्रत-त्योहार सूची (Kartik 2025 festival list)

    • 8 अक्टूबर को से कार्तिक महीने की शुरुआत होगी।
    • 10 अक्टूबर (Kartik 2025 hindu festival) को करवा चौथ और वक्रतुण्ड संकष्टी चतुर्थी मनाई जाएगी।  हर साल कार्तिक माह के कृष्ण पक्ष की चतुर्थी तिथि को करवा चौथ मनाया जाता है। इस शुभ अवसर पर भगवान गणेश की भी पूजा की जाती है।
    • 11 अक्टूबर को रोहिणी व्रत है। इस दिन महिलाएं सुख और सौभाग्य में वृद्धि के लिए व्रत रख भगवान वासुपूज्य स्वामी की पूजा करती हैं।
    • 13 अक्टूबर को अहोई अष्टमी, मासिक कालाष्टमी और कृष्ण जन्माष्टमी और राधा कुंड स्नान है। अहोई अष्टमी का त्योहार हर साल कार्तिक माह के कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि को मनाया जाता है।
    • 17 अक्टूबर को तुला संक्रांति मनाई जाएगी। आत्मा के कारक सूर्य देव 17 अक्टूबर को कन्या राशि से निकलकर तुला राशि में गोचर करेंगे।  
    • 17 अक्टूबर के दिन रमा एकादशी है। यह पर्व हर साल कार्तिक माह के कृष्ण पक्ष की एकादशी तिथि को मनाया जाता है। इस शुभ अवसर पर लक्ष्मी नारायण जी की भक्ति भाव से पूजा की जाती है। साथ ही एकादशी का व्रत रखा जाता है। इस व्रत को करने से मनोवांछित फल मिलता है।
    • 18 अक्टूबर को धनतेरस, यम दीपक और शनि प्रदोष व्रत है। धनतेरस का पर्व हर साल कार्तिक माह के कृष्ण पक्ष की त्रयोदशी तिथि पर मनाया जाता है। इस दिन भगवान धन्वंतरि की पूजा की जाती है।
    • 19 अक्टूबर को हनुमान पूजा और काली चौदस है। इस शुभ अवसर पर देवी मां काली और हनुमान जी की पूजा की जाएगी।
    • 20 अक्टूबर को दीपों का त्योहार या प्रकाश पर्व दीवाली है। हर साल कार्तिक माह की अमावस्या तिथि पर दीवाली मनाई जाती है।
    • 22 अक्टूबर को गोवर्धन पूजा है।
    • 23 अक्टूबर को भैया दूज और चित्रगुप्त पूजा का पर्व मनाया जाएगा।
    • 25 अक्टूबर को विनायक चतुर्थी है। यह पर्व प्रत्येक माह के शुक्ल पक्ष की चतुर्थी तिथि को मनाया जाता है। इस दिन से छठ पर्व की शुरुआत होगी। व्रती नहाय खाय से व्रत की शुरुआत करेंगी।
    • 26 अक्टूबर को लाभ पंचमी है। इस शुभ अवसर पर मां लक्ष्मी की पूजा की जाती है। इस दिन खरना भी मनाया जाएगा।  
    • 27 अक्टूबर को आत्मा के कारक सूर्य देव को संध्या काल का अर्घ्य दिया जाएगा।
    • 28 अक्टूबर को सुबह का अर्घ्य दिया जाएगा। इसके साथ ही छठ पूजा का समापन हो जाएगा।
    • 30 अक्टूबर को गोपाष्टमी है।
    • 31 अक्टूबर को अक्षय नवमी है। यह पर्व हर साल कार्तिक माह के शुक्ल पक्ष की नवमी तिथि को मनाया जाता है।
    • 01 नवंबर को देवउठनी एकादशी है। इस दिन चातुर्मास का समापन होगा।
    • 02 नवंबर को तुलसी विवाह है। इस दिन देवी मां तुलसी और भगवान विष्णु की पूजा की जाती है।
    • 03 नवंबर को कार्तिक माह के शुक्ल पक्ष का प्रदोष व्रत है। इस शुभ अवसर पर देवों के देव महादेव और मां पार्वती की पूजा की जाती है।
    • 05 नवंबर को देव दीवाली है। यह पर्व हर साल कार्तिक पूर्णिमा तिथि पर मनाया जाता है। 

    यह भी पढ़ें- Rama Ekadashi 2025 Date: किस दिन मनाई जाएगी रमा एकादशी? यहां जानें शुभ मुहूर्त एवं महत्व

    यह भी पढ़ें- Diwali 2025 Date: 20 या 21 अक्टूबर दीवाली कब? दूर करें कंफ्यूजन, जानें तिथि, पूजा विधि और सामग्री

    अस्वीकरण: ''इस लेख में बताए गए उपाय/लाभ/सलाह और कथन केवल सामान्य सूचना के लिए हैं। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया यहां इस लेख फीचर में लिखी गई बातों का समर्थन नहीं करता है। इस लेख में निहित जानकारी विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/मान्यताओं/धर्मग्रंथों/दंतकथाओं से संग्रहित की गई हैं। पाठकों से अनुरोध है कि लेख को अंतिम सत्य अथवा दावा न मानें एवं अपने विवेक का उपयोग करें। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया अंधविश्वास के खिलाफ है''।