Kanwar Yatra 2025: महिलाएं भी कर सकती हैं कांवड़ यात्रा, जानिए किन बातों का उन्हें रखना चाहिए ध्यान
सावन माह में 11 जुलाई 2025 से कांवड़ यात्रा (Kanwar Yatra 2025) शुरू होगी जिसमें लाखों श्रद्धालु पवित्र नदियों से जल भरकर शिवालयों में अभिषेक करेंगे। पहले केवल साधु ही यह यात्रा करते थे लेकिन अब हर वर्ग के लोग शामिल होते हैं। शास्त्रों में महिलाओं के कांवड़ यात्रा पर कोई प्रतिबंध नहीं है लेकिन सुरक्षा और सामाजिक कारणों से वे कम संख्या में भाग लेती हैं।

धर्म डेस्क, नई दिल्ली। सावन माह के कृष्ण पक्ष की प्रतिपदा तिथि से शुरू होकर कृष्ण चतुर्थी तक कांवड़ यात्रा होती है। इस साल 11 जुलाई 2025 से कांवड़ यात्रा की शुरुआत होने जा रही है।
सड़क पर लाखों कांवड़ यात्री बोल बम के नारे के साथ में पवित्र नदियों से जल भरकर शिवालयों में जाएंगे। इसके बाद उस जल से अपने आराध्य का अभिषेक करेंगे। पहले के समय में सिर्फ साधु संधि कांवड़ यात्रा निकाल करते थे।
मगर, जैसे समय बदला वैसे-वैसे देश के हर वर्ग, हर जाति, समुदाय के लोग इसमें शामिल होते चले गए। पहले युवा ही कांवड़ लेकर निकलते थे क्योंकि रास्ते दुर्गम होते थे और सुरक्षा की चुनौतियां भी होती थीं। मगर, धीरे-धीरे इसमें किशोर, वयस्क और बुजुर्ग भी जुड़ने लगे।
अब देखने में आ रहा है कि कई जगह पर महिलाएं भी कांवड़ लेकर निकल रही हैं। ऐसे में सवाल उठता है कि क्या महिलाएं कांवड़ यात्राएं कर सकती हैं। या उन पर किसी प्रकार के प्रतिबंध हैं।
महिलाओं पर नहीं है कोई धार्मिक प्रतिबंध
शास्त्रों एवं पुराणों में कहीं पर भी महिलाओं के कांवड़ यात्रा करने को लेकर प्रतिबंध नहीं लगाया गया है। मगर सामाजिक, पारिवारिक और सुरक्षात्मक दृष्टिकोण की वजह से अभी भी बहुत ज्यादा संख्या में महिलाएं कांवड़ यात्रा लेकर नहीं निकलती हैं।
महिलाओं के कांवड़ न लेने के पीछे बड़ी वजह उनकी सुरक्षा और सामाजिक कारण थे। मगर, वर्तमान परिस्थितियों में विशेष व्यवस्थाओं के चलते अब महिलाएं भी समूह बनाकर कांवड़ यात्रा कर रही हैं।
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इन बातों का रखना चाहिए ध्यान
कांवड़ यात्रा बहुत ही पवित्रता और शुद्धता के साथ की जाती है। ऐसे में यदि कोई महिला मासिक धर्म से है, तो उसे कांवड़ यात्रा नहीं करनी चाहिए।
इसके अलावा किसी तरीके की बीमारी होने पर या शारीरिक अक्षमता होने पर भी महिलाओं को कांवड़ यात्रा नहीं करनी चाहिए।
महिलाओं के लिए कांवड़ यात्रा में किसी प्रकार के अलग नियम नहीं है। उन्हें भी वही नियम मानने होते हैं, जो पुरुषों के लिए होते हैं। जैसे वो यात्रा के दौरान शुद्धता और पवित्रता का पूर्ण ख्याल रखेंगी। कांवड़ को जमीन पर नहीं रखेंगी।
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