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    Kamada Ekadashi 2025: आज है कामदा एकादशी, इस विधि से करें पूजा, जानें, भोग, मंत्र और पारण समय

    कामदा एकादशी का व्रत बहुत शुभ माना जाता है। यह व्रत करने से भक्तों की सभी इच्छाएं पूरी होती हैं और श्री हरि का आशीर्वाद प्राप्त होता है। ऐसी मान्यता है कि जो साधक इस पवित्र दिन (Kamada Ekadashi 2025) भगवान विष्णु की पूजा करते हैं और सच्ची भक्ती से उपवास रखते हैं उन्हें जीवन में कभी परेशान नहीं होना पड़ता है।

    By Vaishnavi Dwivedi Edited By: Vaishnavi Dwivedi Updated: Tue, 08 Apr 2025 08:47 AM (IST)
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    Kamada Ekadashi 2025: कामदा एकादशी का महत्व।

    धर्म डेस्क, नई दिल्ली। आज चैत्र शुक्ल एकादशी तिथि है, जिसे कामदा एकादशी के नाम से जाना जाता है। हिंदू धर्म में इस एकादशी का विशेष महत्व है। ऐसा माना जाता है कि कामदा एकादशी का व्रत रखने से सभी मनोकामनाएं पूरी होती हैं और पापों का नाश होता है। इस दिन (Kamada Ekadashi 2025) भगवान विष्णु की विशेष पूजा-अर्चना की जाती है। अगर आप भी कामदा एकादशी का व्रत रख रहे हैं, तो चलिए यहां पूजा विधि, भोग, मंत्र और पारण समय जानते हैं।

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    कामदा एकादशी पारण समय (Kamada Ekadashi Paran Timing)

    एकादशी व्रत का पारण द्वादशी तिथि पर करने का विधान है। इसलिए कामदा एकादशी का पारण 09 अप्रैल को सुबह 06 बजकर 02 मिनट से लेकर सुबह 08 बजकर 34 मिनट तक के बीच किया जाएगा।

    कामदा एकादशी पूजा समय और शुभ योग (Kamada Ekadashi Puja Muhurat Or Shubh Yog)

    • ब्रह्म मुहूर्त - सुबह 04 बजकर 32 मिनट से 05 बजकर 18 मिनट तक
    • अभिजित मुहूर्त - सुबह 11 बजकर 58 मिनट से दोपहर 12 बजकर 48 मिनट तक
    • विजय मुहूर्त - दोपहर 02 बजकर 30 मिनट से 03 बजकर 20 मिनट तक
    • सर्वार्थ सिद्धि योग - सुबह 06 बजकर 03 मिनट से 07 बजकर 55 मिनट तक
    • रवि योग - सुबह 06 बजकर 03 मिनट से 07 बजकर 55 मिनट तक

    कामदा एकादशी पूजा विधि (Kamada Ekadashi Puja Vidhi)

    • ब्रह्म मुहूर्त में उठें और स्नान करें।
    • पीले रंग के वस्त्र धारण करें।
    • अगर आप व्रत रख रहे हैं, तो भगवान विष्णु के समक्ष हाथ जोड़कर व्रत का संकल्प लें।
    • घर के मंदिर को साफ करें और भगवान विष्णु की प्रतिमा स्थापित करें।
    • भगवान विष्णु का पंचामृत से अभिषेक करें।
    • पीले वस्त्र, चंदन का तिलक और पीले फूल अर्पित करें।
    • तुलसी दल जरूर चढ़ाएं, क्योंकि भगवान विष्णु को तुलसी बहुत प्रिय है।
    • घी का दीपक जलाएं और धूप जलाकर पूरे घर में उसकी सुगंध फैलाएं।
    • कामदा एकादशी व्रत कथा पढ़ें या सुनें।
    • अंत में भगवान विष्णु की आरती करें।
    • शाम के समय भी विधिवत पूजा करें।
    • चावल खाने से बचें।
    • अगले दिन यानी द्वादशी तिथि पर शुभ मुहूर्त में व्रत का पारण करें।

    कामदा एकादशी के भोग (Kamada Ekadashi Bhog)

    भगवान विष्णु को भोग में सात्विक चीजें जैसे - पंचामृत, पंजीरी, ऋतु फल या घर पर बनी मिठाई अर्पित कर सकते हैं।

    पूजन मंत्र (Kamada Ekadashi Puja Mantra)

    • ॐ विष्णवे नमः
    • ॐ नमो भगवते वासुदेवाय।।

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    अस्वीकरण: इस लेख में बताए गए उपाय/लाभ/सलाह और कथन केवल सामान्य सूचना के लिए हैं। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया यहां इस लेख फीचर में लिखी गई बातों का समर्थन नहीं करता है। इस लेख में निहित जानकारी विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/मान्यताओं/धर्मग्रंथों/दंतकथाओं से संग्रहित की गई हैं। पाठकों से अनुरोध है कि लेख को अंतिम सत्य अथवा दावा न मानें एवं अपने विवेक का उपयोग करें। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया अंधविश्वास के खिलाफ है।