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    Kalashtami 2025: 20 या 21 मई कब है कालाष्टमी? जानें सही तिथि और समय

    Updated: Fri, 16 May 2025 04:56 PM (IST)

    ज्येष्ठ महीने की कालाष्टमी बेहद शुभ मानी जाती है। यह दिन (Kalashtami 2025) भगवान काल भैरव की कृपा पाने और अपने जीवन से नकारात्मकता को दूर करने के लिए खास माना जाता है। माना जाता है कि श्रद्धापूर्वक भैरव बाबा की पूजा-अर्चना करने सभी दुखों का नाश होता है तो आइए इसकी सही डेट इस आर्टिकल में जानते हैं।

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    Kalashtami 2025 Kab Hai: कालाष्टमी कब है?

    धर्म डेस्क, नई दिल्ली। कालाष्टमी का पर्व हर महीने कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि को मनाया जाता है, जो भगवान काल भैरव को समर्पित है। इस दिन लोग व्रत करते हैं और पूजा-पाठ करते हैं। ज्येष्ठ माह में पड़ने वाली कालाष्टमी (Kalashtami 2025) को लेकर लोगों के मन में थोड़ी कन्फूयजन बनी हुई है, तो आइए यहां इससे जुड़ी सभी प्रमुख बातों को जानते हैं, जो इस प्रकार है।

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    कालाष्टमी कब है? (Kalashtami 2025 Kab Hai?)

    हिंदू पंचांग के अनुसार, ज्येष्ठ माह के कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि 20 मई दिन मंगलवार को सुबह 05 बजकर 51 मिनट पर शुरू होगी। वहीं, इस तिथि का समापन अगले दिन यानी 21 मई दिन बुधवार को सुबह 04 बजकर 55 मिनट पर होगा। ऐसे में इस बार कालाष्टमी 20 मई दिन मंगलवार को पड़ रही है।

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    कालाष्टमी का धार्मिक महत्व (Kalashtami 2025 Significanec)

    कालाष्टमी भगवान शिव के उग्र रूप भैरव बाबा की पूजा के लिए समर्पित है। कहा जाता है कि इस दिन भगवान भैरव की पूजा करने से सभी तरह के भय और नकारात्मक ऊर्जा का नाश होता है। इसके साथ ही भक्तों को बुरी शक्तियों से सुरक्षा मिलती है और जीवन में सुख-शांति बनी रहती है।

    पूजा विधि (Kalashtami 2025 Puja Rituals)

    • सुबह उठें और पानी में गंगाजल डालकर स्नान करें।
    • एक चौकी पर भगवान काल भैरव की प्रतिमा स्थापित करें।
    • सरसों के तेल का दीपक जलाएं।
    • उन्हें फूल, फल, मिठाई और चंदन अर्पित करें।
    • काल भैरव की कथा सुनें या पढ़ें।
    • "ॐ काल भैरवाय नमः" या अन्य वैदिक मंत्रों का जाप करें।
    • रात्रि में भी भगवान भैरव की विधिवत पूजा करें।
    • गरीबों और जरूरतमंदों को दान-दक्षिणा दें।
    • इस दिन तामसिक चीजों से परहेज करें।
    • इस तिथि पर तामसिक भोजन का सेवन भूलकर न करें।

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    अस्वीकरण: इस लेख में बताए गए उपाय/लाभ/सलाह और कथन केवल सामान्य सूचना के लिए हैं। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया यहां इस लेख फीचर में लिखी गई बातों का समर्थन नहीं करता है। इस लेख में निहित जानकारी विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/मान्यताओं/धर्मग्रंथों/दंतकथाओं से संग्रहित की गई हैं। पाठकों से अनुरोध है कि लेख को अंतिम सत्य अथवा दावा न मानें एवं अपने विवेक का उपयोग करें। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया अंधविश्वास के खिलाफ है।