Bada Mangal 2nd 2025: कैसे हुई बड़े मंगल की शुरुआत? जानिए इसके पीछे की पौराणिक कथा
बड़ा मंगल का पर्व बहुत शुभ माना जाता है। यह दिन भगवान हनुमान की पूजा के लिए समर्पित है। ऐसा कहा जाता है कि इस दिन (Bada Mangal 2025) भक्ति भाव से हनुमान जी की पूजा करने से सभी संकटों का नाश होता है तो आइए इस दिन से जुड़ी प्रमुख बातों को जानते हैं।

धर्म डेस्क, नई दिल्ली। ज्येष्ठ मास के सभी मंगलवार का अपना एक विशेष महत्व है, जिन्हें बुढ़वा मंगल और बड़े मंगल के नाम से जाना जाता है। यह पवित्र दिन भगवान हनुमान की पूजा-अर्चना के लिए समर्पित है। इस दिन व्रत, पूजा-पाठ, भंडारे आदि धार्मिक काम आयोजित किए जाते हैं, लेकिन क्या आपने कभी सोचा है कि बड़े मंगल (Bada Mangal 2025) की यह परंपरा कैसे शुरू हुई? तो चलिए इसके पीछे की पौराणिक कथा को जानते हैं, जो इस प्रकार है।
कब है दूसरा बड़ा मंगल? (Bada Mangal Story In Hindu Mythology)
हिंदू पंचांग के अनुसार, ज्येष्ठ महीने के दूसरे मंगल (Bada Mangal 2025 Date) की शुरुआत 20 मई को सुबह 5 बजकर 51 मिनट पर होगी। वहीं इसका समापन 21 मई को सुबह 4 बजकर 55 मिनट पर होगा। ऐसे में जेष्ठ माह का दूसरा बड़ा मंगल 20 मई को मनाया जाएगा।
भगवान राम से हुई मुलाकात (Bada Mangal Significance)
प्रचलित कथा के अनुसार, भगवान हनुमान की ज्येष्ठ मास के मंगलवार को ही भगवान राम से मुलाकात हुई थी, जब वे माता सीता की खोज में लंका जा रहे थे। इस मिलन को बहुत शुभ और महत्वपूर्ण माना गया है, जिस वजह से ज्येष्ठ महीने के सभी मंगलवार को हनुमान जी की विशेष पूजा-अर्चना शुरू हो गई।
सेवा और भक्ति का दिन
बड़े मंगल के दिन लोग हनुमान मंदिरों में दर्शन के लिए जाते हैं और उन्हें सिंदूर, चोला चढ़ाते हैं। इसके साथ ही विशेष पूजा-अर्चना करते हैं। इस दिन हनुमान चालीसा और बजरंग बाण का पाठ करना भी बहुत फलदायी माना जाता है। इसके अलावा जगह-जगह भंडारे आयोजित किए जाते हैं। यह पर्व सेवा और भक्ति का एक महत्वपूर्ण अंग है।
भाईचारे का प्रतीक
बड़े मंगल न केवल भगवान हनुमान के प्रति आस्था और कृतज्ञता व्यक्त करने का दिन है, बल्कि यह सामाजिक एकता और भाईचारे का भी प्रतीक है। यह परंपरा आज भी उसी उत्साह और भक्ति के साथ मनाई जाती है जैसे यह शुरुआत समय में मनाई जाती है।
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