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    Maharana Pratap Jayanti 2025: महाराणा प्रताप जयंती कब है? नोट करें सही डेट और टाइम

    Updated: Fri, 16 May 2025 12:41 PM (IST)

    महाराणा प्रताप जयंती का दिन बेहद महत्वपूर्ण माना जाता है। यह दिन मेवाड़ के वीर राजपूत राजा महाराणा प्रताप सिंह के जन्म दिवस के रूप में मनाई जाती है। यह दिन (Maharana Pratap Jayanti 2025) विशेष रूप से राजस्थान हरियाणा और हिमाचल प्रदेश में एक महत्वपूर्ण पर्व के रूप में मनाई जाती है।

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    Maharana Pratap Jayanti 2025: महाराणा प्रताप जयंती का महत्व।

    धर्म डेस्क, नई दिल्ली। महाराणा प्रताप जयंती, भारत के महान योद्धाओं में से एक महाराणा प्रताप के जन्म के प्रतीक रूप में मनाई जाती है। उनका शौर्य, पराक्रम और मातृभूमि के प्रति अटूट त्याग आज भी हर किसी को प्रेरित करता है। हिंदू पंचांग के अनुसार, इस बार महाराणा प्रताप जयंती (Maharana Pratap Jayanti 2025) कब मनाई जाएगी? आइए इसकी डेट से लेकर अन्य महत्वपूर्ण बातों को जानते हैं।

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    कब है महाराणा प्रताप जयंती? (Maharana Pratap Jayanti 2025 Kab Hai?)

    हिंदू पंचांग के अनुसार, महाराणा प्रताप का जन्म ज्येष्ठ शुक्ल पक्ष की तृतीया तिथि को हुआ था। इस साल यह तिथि दिन गुरुवार, 29 मई को देर रात 01 बजकर 54 मिनट पर शुरू होगी। वहीं, इसका समापन रात्रि 11 बजकर 18 मिनट पर होगा। ऐसे में इस साल महाराणा प्रताप जयंती 29 मई, 2025 को मनाई जाएगी।

    महाराणा प्रताप जयंती का महत्व (Maharana Pratap Jayanti 2025 Significance)

    महाराणा प्रताप जयंती विशेष रूप से राजस्थान, हरियाणा और हिमाचल प्रदेश में एक महत्वपूर्ण पर्व के रूप में मनाई जाती है। इस दिन लोग उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित करते हैं। साथ ही विभिन्न प्रकार के सांस्कृतिक कार्यक्रम, शोभा यात्राएं और सभाएं आयोजित की करते हैं। लोग महाराणा प्रताप के जीवन और उनके संघर्षों को याद करते हैं।

    वहीं, इस मौके पर उनकी वीरता, देशभक्ति और स्वाभिमान की कहानियां भी सुनाई जाती हैं, जो आज भी लोगों को प्रेरित करती हैं। इसके अलावा कई स्थानों पर विशेष पूजा-अर्चना और भंडारे का भी आयोजन किया जाता है।

    इतिहास में हैं अमर

    महाराणा प्रताप का मुगल सम्राट अकबर के साथ हल्दीघाटी का युद्ध, इतिहास में अमर है। उन्होंने अपनी मातृभूमि मेवाड़ की स्वतंत्रता के लिए अपना जीवन समर्पित कर दिया था। उनकी अटल इच्छाशक्ति और कभी हार न मानने वाले जज्बे को आज भी याद किया जाता है।

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    अस्वीकरण: इस लेख में बताए गए उपाय/लाभ/सलाह और कथन केवल सामान्य सूचना के लिए हैं। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया यहां इस लेख फीचर में लिखी गई बातों का समर्थन नहीं करता है। इस लेख में निहित जानकारी विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/मान्यताओं/धर्मग्रंथों/दंतकथाओं से संग्रहित की गई हैं। पाठकों से अनुरोध है कि लेख को अंतिम सत्य अथवा दावा न मानें एवं अपने विवेक का उपयोग करें। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया अंधविश्वास के खिलाफ है।

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