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    Kailash Mansarovar Yatra 2025: कब से शुरू होगी कैलाश मानसरोवर की यात्रा? पढ़िए धार्मिक महत्व

    Updated: Sun, 27 Apr 2025 11:34 AM (IST)

    सनातन धर्म में कैलाश मानसरोवर यात्रा (Kailash Mansarovar Yatra 2025) का विशेष महत्व है। धार्मिक मान्यता के अनुसार कैलाश पर्वत पर देवों के देव महादेव का वास माना जाता है। इस यात्रा में शामिल होने के लिए श्रद्धालु दूर-दूर से आते हैं। ऐसे में आइए जानते हैं कि इस वर्ष कब से शुरू होगी कैलाश मानसरोवर यात्रा?

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    Kailash Mansarovar Yatra 2025: कैलाश मानसरोवर यात्रा का धार्मिक महत्व

    धर्म डेस्क, नई दिल्ली। धार्मिक मान्यता के अनुसार, कैलाश पर्वत पर महादेव और मां पार्वती का वास होता है। इसलिए सनातन धर्म में कैलाश मानसरोवर यात्रा को बेहद महत्वपूर्ण माना जाता है। अब जल्द ही लंबे समय के बाद एक फिर से कैलाश मानसरोवर यात्रा की शुरुआत होने जा रही है। कैलाश मानसरोवर यात्रा (Kailash Mansarovar Yatra 2025 Start Date) के लिए महादेव के भक्त बेसब्री से इंतजार कर रहे हैं।

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    आपकी जानकारी के लिए बता दें कि इस यात्रा पर वर्ष 2020 में कोरोना महामारी की वजह से रोक लगाई थी, जिसके बाद 5 साल के बाद फिर से कैलाश मानसरोवर यात्रा शुरू होने जा रही है। इस यात्रा में शामिल होने के लिए ऑनलाइन आवेदन करना होगा। ऐसे में आइए जानते हैं कि कब से शुरू हो रही है कैलाश मानसरोवर यात्रा?

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    इस दिन से शुरू होगी कैलाश मानसरोवर यात्रा (Kailash Mansarovar Yatra Kab Se Shuru Hogi)

    वर्ष 2025 में कैलाश मानसरोवर यात्रा की शुरुआत 30 जून (Kailash Mansarovar Yatra 2025 Start Date) से होगी। इस यात्रा के लिए आवेदन और चयन की प्रक्रिया को ऑनलाइन रखा गया है।

    कैलाश मानसरोवर यात्रा का धार्मिक महत्व (Kailash Mansarovar Yatra Significance)

    कैलाश मानसरोवर को बौद्ध और जैन धर्म के लोग भी पवित्र स्थान मानते हैं। पौराणिक मान्यता के अनुसार, कैलाश मानसरोवर को कुबेर नगरी कहा जाता है। इसी जगह से जगत के जगत के पालनहार भगवान विष्णु के चरण से गंगा नदी निकलती है और कैलाश पर्वत की चोटी पर गिरती है। इस यात्रा के दौरान श्रद्धालुओं को कठिन रास्तों का सामना करना पड़ता है और शिव के धाम का दर्शन करते हैं। धार्मिक मान्यता के अनुसार, ध्यान और तप के देवता शिव माने जाते हैं। महादेव के भक्त मुक्ति का मार्ग ध्यान और तपस्या को मानते हैं। कैलाश पर्वत को भगवान शिव का वास है। कैलाश पर्वत तिब्बत में है।

    दूर-दूर से आते हैं श्रद्धालु

    कैलाश मानसरोवर की यात्रा करने के लिए हिंदू, बौद्ध, सिख और जैन धर्म से जुड़े लोग दूर-दूर से आते हैं, लेकिन सभी धर्मों के लिए अलग-अलग मान्यताएं हैं। यहां पर श्रद्धालुओं आध्यात्मिक ऊर्जा की प्राप्ति होती है।

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    अस्वीकरण: इस लेख में बताए गए उपाय/लाभ/सलाह और कथन केवल सामान्य सूचना के लिए हैं। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया यहां इस लेख फीचर में लिखी गई बातों का समर्थन नहीं करता है। इस लेख में निहित जानकारी विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/मान्यताओं/धर्मग्रंथों/दंतकथाओं से संग्रहित की गई हैं। पाठकों से अनुरोध है कि लेख को अंतिम सत्य अथवा दावा न मानें एवं अपने विवेक का उपयोग करें। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया अंधविश्वास के खिलाफ है।