30 जून से शुरू होगी कैलाश मानसरोवर यात्रा, सरकार ने किया एलान; जानें आवेदन का तरीका
उत्तराखंड सरकार और विदेश मंत्रालय द्वारा संयुक्त रूप से आयोजित तीर्थयात्रा आधिकारिक तौर पर 30 जून 2025 को शुरू होगी। कोविड-19 महामारी के कारण तीन साल के निलंबन के बाद यात्रा की शुरुआत हो रही है। इस बार आवेदन प्रक्रिया और सेलेक्शन प्रोसेस को पूरी तरह ऑनलाइन रखा गया है।

जागरण ब्यूरो, नई दिल्ली। पाकिस्तान के साथ रिश्ते भले ही दिनों दिन खराब हो रहे हों, लेकिन चीन के साथ भारत का रिश्ता सामान्य होने की तरफ अग्रसर है। इस दिशा में शनिवार को भारतीय विदेश मंत्रालय ने इसी वर्ष से मानसरोवर यात्रा की शुरूआत किए जाने की घोषणा की है।
वैसे इसके लिए सहमति पहले ही बन गई थी लेकिन इसकी व्यवस्था को लेकर दोनों देशों के बीच दो महीनों से वार्ता हो रही थी। विदेश मंत्रालय ने बताया है कि जून से अगस्त के दौरान यात्रा होगी। इस साल कुल 700 यात्रियों को हिंदुओं के इस पावन तीर्थस्थल की यात्रा का सौभाग्य मिलेगा। कुल 15 जत्थे भेजे जाएंगे।
नाथू ला पास का रूट खोला
पहले 50-50 यात्रियों के पांच जत्थे और उसके बाद 50-50 यात्रियों के 10 जत्थे को मानसरोवर जाने की इजाजत मिलेगी। दोनों जत्थे अलग-अलग रूट से जाएंगे।तीर्थ यात्रियों के लिए उत्तराखंड के लीपूलेख दर्रे से और दूसरा सिक्कम राज्य के नाथू ला पास से होकर जाने वाला रूट खोला गया है।
उक्त दोनों रूट ही सामान्य तौर पर मानसरोवर यात्रा के लिए इस्तेमाल किया जाता है। वर्ष 2020 में कोविड होने और उसी साल भारत व चीन के रिश्तों के खराब होने के बाद उक्त दोनों रूट बंद थे। यात्रा करने के इच्छुक लोगों को केएमवाई डॉट गोव डॉट इन वेबसाइट पर आवेदन करना होगा।
ऑनलाइन रखा गया है प्रोसेस
- सरकार का कहना है कि सारे आवदेनों में से एक पारदर्शी व साफ-सुथरी कंप्यूटर आधारित लाटरी सिस्टम से यात्रा करने वालों का चयन होगा। सरकार ने यह भी कहा है कि वर्ष 2015 से ही मानसरोवर यात्रा के लिए आन लाइन एप्लीकेश की व्यवस्था हो चुकी है। इसलिए आवेदनकर्ताओं को सरकार को किसी तरह की सूचना, आवेदन या पत्र भेजने की जरूरत नहीं है।
- पिछले वर्ष अक्टूबर में कजान में पीएम नरेन्द्र मोदी और राष्ट्रपति शी चिनफिंग के बीच हुई बैठक में पांच वर्षों से चल रहे सीमा विवाद को सुलझाने को लेकर सहमति बनी थी। उस बैठक में मानसरोवर यात्रा की शुरुआत करने का मुद्दा भी उठा था। बाद में दोनों देशों के विदेश मंत्रियों की बैठक में इस पर अंतिम सहमति बनी और संबंधित विभाग के अधिकारियों को आपसी विमर्श के बाद अंतिम फैसला करने का निर्देश दिया गया था।
- सनद रहे कि हाल के हफ्तों में चीन की तरफ से लगातार भारत के साथ संबंधों को सुधारने को लेकर ज्यादा जोर दिया जा रहा है। चीन के राजदूत शु फीहोंग ने हाल ही में कहा है कि चीन भारत से उत्पादों का आयात बढ़ाने को भी तैयार है, ताकि दोनों देशों के बीच व्यापार घाटे को कम किया जा सके। चीन ने इस साल के पहले तीन महीनों से कुछ ज्यादा समय में 85 हजार भारतीयों को वीजा दिया है। यह रिकॉर्ड वीजा है।
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