Vaishakh Amavasya 2025 Date: कब मनाई जाएगी वैशाख अमावस्या? अभी नोट करें डेट और शुभ मुहूर्त
सनातन धर्म में अमावस्या की तिथि को बेहद महत्वपूर्ण माना जाता है। इस तिथि पर भगवान विष्णु और पितरों की पूजा-अर्चना करने का विधान है। साथ ही अन्न और धन का दान करना चाहिए। हर साल वैशाख के महीने में वैशाख अमावस्या (Vaishakh Amavasya 2025) मनाई जाती है। मान्यता के अनुसार इस दिन पवित्र नदी में स्नान करने से पापों से छुटकारा मिलता है।

धर्म डेस्क, नई दिल्ली। सनातन धर्म में पितरों को प्रसन्न करने के लिए अमावस्या तिथि को बेहद महत्वपूर्ण माना जाता है। इस दिन सुबह स्नान करने के बाद पितरों को जल देना चाहिए। साथ ही गरीब लोगों या मंदिर में विशेष चीजों का दान करने का विधान है। धार्मिक मान्यता के अनुसार, अमावस्या पर इन कामों को करने से व्यक्ति को पितरों की कृपा प्राप्त होती है। साथ ही सुख-समृद्धि में वृद्धि होती है। आइए जनते हैं वैशाख अमावस्या (Vaishakh Amavasya 2025 Date) की डेट और शुभ मुहूर्त के बारे में।
वैशाख अमावस्या 2025 डेट और शुभ मुहूर्त (Vaishakh Amavasya 2025 Date and Shubh Muhurat)
वैदिक पंचांग के अनुसार, वैशाख के माह कृष्ण पक्ष की अमावस्या तिथि की शुरुआत 27 अप्रैल को सुबह 04 बजकर 49 मिनट से होगी और अगले दिन यानी 28 अप्रैल को देर रात 01 बजे तिथि खत्म होगी। इस प्रकार 27 अप्रैल को वैशाख अमावस्या का पर्व मनाया जाएगा।
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(Pic Credit-Freepik)
ब्रह्म मुहूर्त - सुबह 04 बजकर 17 मिनट से 05 बजे तक
विजय मुहूर्त - दोपहर 02 बजकर 31 मिनट से 03 बजकर 23 मिनट तक
गोधूलि मुहूर्त - शाम 06 बजकर 53 मिनट से 07 बजकर 14 मिनट तक
निशिता मुहूर्त - रात 11 बजकर 57 मिनट से 12 बजकर 40 मिनट तक
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वैशाख अमावस्या पूजा विधि (Vaishakh Amavasya Puja Vidhi)
- वैशाख अमावस्या के दिन सुबह जल्दी उठें।
- स्नान करने के बाद साफ कपड़े पहने ।
- पितरों को जल दें।
- दीपक जलाकर भगवान विष्णु की पूजा-अर्चना करें।
- भोजन, कपड़े और तिल का दान करें।
- पितरों का तर्पण और पिंडदान करें।
- इस दौरान पितृ मंत्र का जप करें।
- जीवन में सुख-शांति की प्राप्ति के लिए प्रभु से कामना करें।
वैशाख अमावस्या के उपाय (Vaishakh Amavasya Ke Upay)
- पितरों को प्रसन्न करने के लिए वैशाख अमावस्या के दिन जल में काले तिल ड़ालकर महादेव का महादेव का अभिषेक करें। साथ ही दीपक जलाकर आरती करें। धार्मिक मान्यता के अनुसार, इस उपाय को करने से महादेव और पितृ प्रसन्न होते हैं और रुके हुए काम जल्द पूरे होते हैं।
- कुंडली में शनि दोष को दूर करने के लिए वैशाख अमावस्या के दिन काले तिल का दान करें। ऐसा माना जाता है कि इस उपाय को करने से कुंडली में अशुभ प्रभाव दूर होता है और जीवन में कोई भी समस्या नहीं आती है।
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