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    Amavasya 2025 Date List: साल 2025 में कब-कब पड़ेगी अमावस्या तिथि? यहां पढ़ें पूरी लिस्ट

    Updated: Sat, 14 Dec 2024 02:33 PM (IST)

    अमावस्या तिथि बेहद ही महत्वपूर्ण मानी जाती है। यह तिथि धार्मिक कार्यों के लिए बहुत ही विशेष होती है। ऐसा कहा जाता है कि इस दिन गंगा स्नान और पितरों का तर्पण करने के लिए बहुत महत्व रखती है। इससे जीवन की सभी परेशानियों का अंत होता है और पितरों की कृपा मिलती है तो चलिए साल 2025 ( Amavasya 2025) में अमावस्या कब मनाई जाएगी जानते हैं।

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    Amavasya 2025 Date List: 2025 अमावस्या तिथि लिस्ट।

    धर्म डेस्क, नई दिल्ली। हिंदू धर्म में अमावस्या का दिन बहुत महत्वपूर्ण माना गया है। इस दिन लोग विभिन्न प्रकार की धार्मिक गतिविधियां करते हैं। वैदिक पंचांग के अनुसार, अमावस्या हर महीने मनाई जाती है। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, इस दिन गंगा स्नान, पूजा-पाठ और पितरों का पिंडदान अवश्य करना चाहिए। इससे पापों का नाश होता है। ऐसी मान्यता है कि इस दिन ज्यादा से ज्यादा पूजा-अर्चना करनी चाहिए।

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    ऐसा करने से पितरों का आशीर्वाद प्राप्त होता है। साथ ही जीवन में खुशहाली आती है, तो चलिए साल 2025 ( Amavasya 2025) में अमावस्या कब मनाई जाएगी जानते हैं।

    2025 अमावस्या तिथि लिस्ट (Amavasya Tithi 2025 Date List)

    • 29 जनवरी, 2025 - माघ अमावस्या
    • 27 फरवरी, 2025 - फाल्गुन अमावस्या
    • 29 मार्च, 2025 - चैत्र अमावस्या
    • 27 अप्रैल, 2025 - वैशाख अमावस्या
    • 27 मई, 2025 - ज्येष्ठ अमावस्या
    • 25 जून, 2025 - आषाढ़ अमावस्या
    • 24 जुलाई, 2025 - श्रावण अमावस्या
    • 23 अगस्त, 2025 - भाद्रपद अमावस्या
    • 21 सितंबर, 2025 - अश्विन अमावस्या
    • 21 अक्टूबर, 2025 - कार्तिक अमावस्या
    • 20 नवंबर, 2025 - मार्गशीर्ष अमावस्या
    • 19 दिसंबर, 2025 - पौष अमावस्या

    अमावस्या का धार्मिक महत्व

    हिंदू धर्म में अमावस्या (Amavasya Tithi 2025) का अत्यधिक धार्मिक, आध्यात्मिक और ज्योतिषीय महत्व है। यह दिन चंद्रमा से निकटता से जुड़ा हुआ है, जो ज्योतिष के अनुसार भावनाओं, संवेदनाओं और मन का कारक ग्रह माना जाता है। धार्मिक रूप से, लोग इस दिन कठिन उपवास रखते हैं और प्रार्थना करने साथ विभिन्न पूजा अनुष्ठान का पालन करते हैं।

    विशेषकर यह तिथि पितरों को समर्पित है। कहते हैं कि इस दिन पितृ तर्पण करने से उन्हें मुक्ति मिलती है और उनका आशीर्वाद प्राप्त होता है।

    पितृ गायत्री मंत्र

    • ॐ पितृगणाय विद्महे जगत धारिणी धीमहि तन्नो पितृो प्रचोदयात्।।
    • ॐ देवताभ्य: पितृभ्यश्च महायोगिभ्य एव च। नम: स्वाहायै स्वधायै नित्यमेव नमो नम:।।
    • ॐ आद्य-भूताय विद्महे सर्व-सेव्याय धीमहि। शिव-शक्ति-स्वरूपेण पितृ-देव प्रचोदयात्।।

    पूजन मंत्र

    • ॐ पितृ देवतायै नम:।।
    • ॐ आद्य-भूताय विद्महे सर्व-सेव्याय धीमहि। शिव-शक्ति-स्वरूपेण पितृ-देव प्रचोदयात्।।
    • ॐ आद्य-भूताय विद्महे सर्व-सेव्याय धीमहि। शिव-शक्ति-स्वरूपेण पितृ-देव प्रचोदयात्।।

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    अस्वीकरण: इस लेख में बताए गए उपाय/लाभ/सलाह और कथन केवल सामान्य सूचना के लिए हैं। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया यहां इस लेख फीचर में लिखी गई बातों का समर्थन नहीं करता है। इस लेख में निहित जानकारी विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/मान्यताओं/धर्मग्रंथों/दंतकथाओं से संग्रहित की गई हैं। पाठकों से अनुरोध है कि लेख को अंतिम सत्य अथवा दावा न मानें एवं अपने विवेक का उपयोग करें। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया अंधविश्वास के खिलाफ है।