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    Masan Holi 2025 Date: बनारस में कब मनाई जाएगी मसान होली, कैसे शुरू हुई ये परंपरा?

    सनातन धर्म में होली के पर्व का महत्व अधिक है। इस त्योहार को सामाजिक एकता और सौहार्द का प्रतीक माना जाता है। होली के दिन दोस्त और परिवार के लोग एक साथ मिलकर रंग खेलते हैं। देशभर में बनारस (Masan Holi in Varanasi) की मसान होली (Masan Holi 2025) अधिक प्रसिद्ध है। इस दिन शिव भक्त चिता की राख से होली खेलते हैं।

    By Kaushik Sharma Edited By: Kaushik Sharma Updated: Sun, 23 Feb 2025 10:46 AM (IST)
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    Masan Holi 2025: मसान होली का धार्मिक महत्व

    धर्म डेस्क, नई दिल्ली। होली के दिन लोगों में बेहद खास उत्साह देखने को मिलता है। देशभर में कई तरह से होली खेली जाती है, जिसका विशेष महत्व है। इस दिन लोग एक-दूसरे को रंग और गुलाल लगाकर खुशियां मनाते हैं। वहीं, उत्तर प्रदेश के बनारस में बहुत ही अलग तरीके से होली के पर्व को मनाया जाता है। यहां पर होली से कुछ दिन पहले मणिकर्णिका घाट पर चिता की राख होली खेली जाती है, जिसे मसान होली (Kab Hai Masan Holi 2025) के नाम से जाना जाता है। ऐसे में आइए जानते हैं कब है मसान होली और इसका धार्मिक महत्व है।

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    कैसे शुरू हुई ये परंपरा?

    इस बार 11 मार्च (Masan Holi 2025 Date) को मसान होली है। पौराणिक कथा के अनुसार, देवों के महादेव रंगभरी एकादशी के दिन मां पार्वती का गौना कराकर उन्हें काशी ले आए थे। उस दौरान उन्होंने सभी के साथ गुलाल से होली खेली थी। लेकिन भूत, प्रेत, जीव और जंतु समेत आदि गुलाल से होली के पर्व को नहीं मना सके। इसके बाद उन्होंने रंगभरी एकादशी के अगले दिन मसान की होली खेली थी। माना जाता है कि तभी से चिता की भस्म से मसान होली मनाने की परंपरा की शुरुआत हुई।

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    कैसे खेलते हैं मसान होली

    मसान होली के पर्व को मणिकर्णिका घाट पर बेहद धूमधाम के साथ मनाया जाता है। मसान होली के दिन साधु और शिव भक्त महादेव की पूजा-अर्चना करते हैं और हवन का आयोजन किया जाता है। इसके बाद चिता की भस्म से होली खेली जाती है। इस दौरान मणिकर्णिका घाट हर-हर महादेव से गूंज उठता है और बेहद खास नजारा देखने को मिलता है। इस शुभ अवसर पर साधु और शिव भक्त एक दूसरे को चिता की भस्म लगाकर सुख, समृद्धि, वैभव संग महादेव का आशीर्वाद प्राप्त करते हैं।

    होली 2025 डेट और टाइम (Holi 2025 Date and Time)

    वैदिक पंचांग के अनुसार, फाल्गुन माह की पूर्णिमा (Holi 2025 Shubh Muhurat) तिथि की शुरुआत 13 मार्च को सुबह 10 बजकर 35 मिनट पर हो रही है और तिथि का समापन 14 मार्च को दोपहर 12 बजकर 23 मिनट पर होगा। इस प्रकार 13 मार्च को होलिका दहन और अगले दिन यानी 14 मार्च को होली मनाई जाएगी।

    बाबा महाश्मशान नाथ मंदिर के व्यवस्थापक गुलशन कपूर ने मसान होली में माताओं और बहनों से शामिल न होने की अपील की है। साथ ही नशा करके आने वालों का प्रवेश वर्जित है।

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    अस्वीकरण: इस लेख में बताए गए उपाय/लाभ/सलाह और कथन केवल सामान्य सूचना के लिए हैं। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया यहां इस लेख फीचर में लिखी गई बातों का समर्थन नहीं करता है। इस लेख में निहित जानकारी विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/मान्यताओं/धर्मग्रंथों/दंतकथाओं से संग्रहित की गई हैं। पाठकों से अनुरोध है कि लेख को अंतिम सत्य अथवा दावा न मानें एवं अपने विवेक का उपयोग करें। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया अंधविश्वास के खिलाफ है।