Mahashivratri 2025: इस दिन होगा महाकुंभ का समापन, अभी नोट करें आखिरी स्नान की डेट और मुहूर्त
उत्तर प्रदेश के प्रयागराज में महाकुंभ (Mahakumbh 2025) मेला जारी है। माघ पूर्णिमा के दिन कल्पवास खत्म हो चुका है और अब जल्द ही महाकुंभ का समापन होने जा रहा है। महाकुंभ के आखिरी दिन महास्नान होगा। धार्मिक मान्यता है कि संगम में स्नान करने से व्यक्ति को सभी पापों से छुटकारा मिलता है। ऐसे में आइए जानते हैं कब है महाकुंभ का आखिरी महास्नान?
धर्म डेस्क, नई दिल्ली। महाकुंभ के संगम में करोड़ों की संख्या में श्रद्धालु आस्था की डुबकी लगा चुके हैं और कुछ तो अभी महाकुंभ में पहुंच रहे हैं। महाकुंभ (Mahakumbh 2025) के दौरान संगम नगरी में बेहद खास रौनक देखने को मिल रही है। चलिए इस आर्टिकल में विस्तार से जानते हैं कि महाकुंभ का समापन कब होगा और आखिरी महास्नान के शुभ मुहूर्त के बारे में।
महाशिवरात्रि 2025 डेट और शुभ मुहूर्त (Mahashivratri 2025 Date and Shubh Muhurat)
महाकुंभ का समापन का महाशिवरात्रि के दिन होगा। महाशिवरात्रि का पर्व फाल्गुन माह के कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी तिथि पर मनाया जाता है। वैदिक पंचांग के अनुसार, महाशिवरात्रि तिथि की शुरुआत 26 फरवरी को सुबह 11 बजकर 08 मिनट पर होगी और तिथि का समापन 27 फरवरी को सुबह 08 बजकर 54 मिनट पर होगा। इस प्रकार महाशिवरात्रि (26 फरवरी) के दिन महाकुंभ का समापन होगा और इसी दिन महाकुंभ का आखिरी स्नान होगा।
(Pic Credit-AI)
शुभ समय
ब्रह्म मुहूर्त - प्रातः 05 बजकर 09 मिनट से 05 बजकर 59 मिनट तक
गोधूलि मुहूर्त - शाम 06 बजकर 16 मिनट से शाम 06 बजकर 42 मिनट तक
निशिता मुहूर्त - रात्रि 12 बजकर 09 मिनट से 12 बजकर 59 मिनट तक
इस मुहूर्त में करें स्नान (Mahashivratri 2025 Mahakumbh Snan Shubh Muhurat)
महाशिवरात्रि के दिन महाकुंभ के आखिरी स्नान के ब्रह्म मुहूर्त की शुरुआत 26 फरवरी को सुबह 05 बजकर 09 मिनट से होगी और 05 बजकर 59 मिनट पर समापन होगा। धार्मिक मान्यता है कि ब्रह्म मुहूर्त के दौरान त्रिवेणी संगम में स्नान करना बेहद फलदायी साबित होता है। इसके अलावा महाशिवरात्रि की तिथि के किसी भी समय स्नान किया जा सकता है।
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स्नान के नियम
- महाकुंभ में स्नान के समय नियम का पालन करना बेहद आवश्यक होता है। मान्यता है कि नियम का पालन करने से साधक को शुभ फल की प्राप्ति होती है और जीवन के सभी पापों से छुटकारा मिलता है।
- साधक को स्नान के समय साबुन और शैंपू का इस्तेमाल नहीं करना चाहिए।
- इसके अलावा स्नान करने के बाद श्रद्धा अनुसार गरीबों या फिर मंदिर में अन्न और धन का दान करना चाहिए। मान्यता है कि दान करने से जीवन में कभी भी किसी चीज की कमी नहीं होती है।
- दीपदान भी करना शुभ माना जाता है। इस उपाय को करने से सुख-समृद्धि में वृद्धि होती है।
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अस्वीकरण: इस लेख में बताए गए उपाय/लाभ/सलाह और कथन केवल सामान्य सूचना के लिए हैं। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया यहां इस लेख फीचर में लिखी गई बातों का समर्थन नहीं करता है। इस लेख में निहित जानकारी विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/मान्यताओं/धर्मग्रंथों/दंतकथाओं से संग्रहित की गई हैं। पाठकों से अनुरोध है कि लेख को अंतिम सत्य अथवा दावा न मानें एवं अपने विवेक का उपयोग करें। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया अंधविश्वास के खिलाफ है।
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