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    Ganga Snan 2025 Date: कब है गंगा स्नान? जानिए इसके लाभ और पूजा विधि

    Updated: Thu, 18 Sep 2025 03:54 PM (IST)

    गंगा स्नान (Ganga Snan 2025 Date) का हिंदू धर्म में विशेष महत्व है। कार्तिक पूर्णिमा तिथि पर गंगा स्नान करने से सभी पाप धुल जाते हैं। वहीं इस साल कार्तिक पूर्णिमा कब मनाई जाएगी? इसको लेकर लोगों के मन थोड़ी कन्फ्यूजन है तो आइए इस आर्टिकल में जानते हैं जो इस प्रकार हैं -

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    Ganga Snan 2025 Date: गंगा स्नान का महत्व।

    धर्म डेस्क, नई दिल्ली। Ganga Snan 2025 Date: हिंदू धर्म में गंगा नदी को 'गंगा मैया' के रूप में पूजा जाता है, और इसका विशेष महत्व है। कार्तिक माह की पूर्णिमा तिथि पर गंगा स्नान का पर्व मनाया जाता है। इस दिन गंगा में डुबकी लगाने से व्यक्ति के सभी पाप धुल जाते हैं और मोक्ष की प्राप्ति होती है। इस साल यह पवित्र स्नान कब किया जाएगा? आइए इस आर्टिकल में जानते हैं।

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    कब किया जाएगा गंगा स्नान? (Ganga Snan 2025 Date And Time)

    वैदिक पंचांग के अनुसार, पूर्णिमा तिथि की शुरुआत 4 नवंबर को रात 10 बजकर 36 मिनट पर होगी। वहीं, इसका समापन 5 नवंबर 2025, को शाम 6 बजकर 48 मिनट पर होगा। ऐसे में इस साल कार्तिक माह की पूर्णिमा 5 नवंबर 2025, दिन बुधवार को मनाई जाएगी। इसी दिन गंगा स्नान भी किया जाएगा।

    गंगा स्नान के लाभ (Ganga Snan 2025 Benefits)

    • पापों से मुक्ति - ऐसी मान्यता है कि कार्तिक पूर्णिमा के दिन गंगा नदी में स्नान करने से व्यक्ति के सभी पाप धुल जाते हैं।
    • मोक्ष की प्राप्ति - यह भी माना जाता है कि इस दिन गंगा में डुबकी लगाने से व्यक्ति को जीवन-मृत्यु के चक्र से मुक्ति मिलती है और उसे मोक्ष की प्राप्ति होती है।
    • दान - गंगा स्नान के बाद दान-पुण्य करने का विशेष महत्व है। इस दिन अपनी क्षमता के अनुसार अन्न, वस्त्र या धन का दान करने से अक्षय फलों की प्राप्ति होती है।
    • देवताओं का आशीर्वाद - कहते हैं कि कार्तिक पूर्णिमा के दिन देवी-देवता पृथ्वी पर आते हैं और गंगा में स्नान करते हैं। इसलिए, इस दिन गंगा स्नान करने से उनका आशीर्वाद मिलता है।

    गंगा स्नान की पूजा विधि (Ganga Snan 2025 Puja Vidhi)

    • सुबह जल्दी उठें और गंगा नदी में स्नान करें।
    • स्नान करते समय मन में वैदिक मंत्रों का जाप करें।
    • स्नान के बाद सूर्य देव को जल अर्पित करें।
    • गंगा मैया की विधिवत पूजा करें।
    • उन्हें फूल, दीप और भोग अर्पित करें।
    • इस दिन नदी में दीपदान करना भी बहुत शुभ माना जाता है। इससे घर में सुख-समृद्धि आती है।
    • स्नान के बाद जरूरतमंदों को दान दें। इससे पुण्य फल की प्राप्ति होती है।

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    अस्वीकरण: इस लेख में बताए गए उपाय/लाभ/सलाह और कथन केवल सामान्य सूचना के लिए हैं। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया यहां इस लेख फीचर में लिखी गई बातों का समर्थन नहीं करता है। इस लेख में निहित जानकारी विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/मान्यताओं/धर्मग्रंथों/दंतकथाओं से संग्रहित की गई हैं। पाठकों से अनुरोध है कि लेख को अंतिम सत्य अथवा दावा न मानें एवं अपने विवेक का उपयोग करें। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया अंधविश्वास के खिलाफ है।