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    Shardiya Navratri 2025: 09 या 10 दिन कितने दिन होंगे शारदीय नवरात्र? यहां दूर करें कन्फ्यूजन

    Updated: Thu, 18 Sep 2025 12:53 PM (IST)

    शारदीय नवरात्र (Shardiya Navratri 2025) का पावन पर्व बहुत शुभ माना जाता है। यह मां दुर्गा को समर्पित है। कहते हैं कि इस दौरान कठिन व्रत का पालन करने से सभी मनोकामनाओं की पूर्ति होती है। हिंदू पंचांग के अनुसार इस साल यह पर्व 22 सितंबर को शुरू होगा तो चलिए इससे जुड़ी प्रमुख बातों को जानते हैं।

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    Shardiya Navratri 2025: शारदीय नवरात्र से जुड़ी प्रमुख बातें।

    धर्म डेस्क, नई दिल्ली। शारदीय नवरात्र का पर्व बहुत शुभ माना जाता है। यह महापर्व मां दुर्गा को समर्पित है। यह 10 दिनों तक मनाया जाएगा, क्योंकि इस बार कोई भी तिथि घट नहीं रही है। जिसकी वजह से नवरात्र 10 दिन की मनाई जाएगी। कहते हैं इस साल की शारदीय नवरात्र (Shardiya Navratri 2025) बहुत शुभ मानी जा रही है, तो आइए इस दिन से जुड़ी प्रमुख बातों को जानते हैं, जो इस प्रकार हैं -

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    शारदीय नवरात्र 2025 तिथि (Shardiya Navratri 2025 Date list)

    • 22 सितंबर 2025 नवरात्र पहला दिन - मां शैलपुत्री
    • 23 सितंबर 2025 नवरात्र दूसरा दिन - मां ब्रह्मचारिणी
    • 24 सितंबर 2025 नवरात्र तीसरे दिन - मां चंद्रघंटा
    • 25 सितंबर 2025 नवरात्रि तीसरे दिन - मां चंद्रघंटा
    • 26 सितंबर 2025 नवरात्रि चौथा दिन - मां कूष्माण्डा
    • 27 सितंबर 2025 नवरात्रि पांचवां दिन - मां स्कंदमाता
    • 28 सितंबर 2025 नवरात्रि छठा दिन - मां कात्यायनी
    • 29 सितंबर 2025 नवरात्रि सातवां दिन - मां कालरात्रि
    • 30 सितंबर 2025 नवरात्रि आठवा दिन - मां महागौरी/ सिद्धिदात्री
    • 01 अक्टूबर 2025 नवरात्रि नौवां दिन - मां सिद्धिदात्री

    नवरात्र के दिनों में अंतर क्यों आता है?

    नवरात्र के दिनों में अंतर का मुख्य कारण हिंदू पंचांग पर आधारित है। पंचांग में तिथि की गणना सूर्योदय और सूर्यास्त के आधार पर की जाती है। कभी-कभी एक ही दिन में दो तिथियां पड़ जाती हैं या कोई तिथि पूरे दिन नहीं रहती।

    इस आधार पर नवरात्र के दिन तय किए जाते हैं। इसलिए इस साल शारदीय नवरात्र 10 दिन है। यह मां दुर्गा की कृपा पाने के लिए बहुत ही पावन अवसर है।

    पूजन मंत्र 

    • सर्वमंगल मांगल्ये शिवे सर्वार्थ साधिके।

      शरण्ये त्र्यंबके गौरी नारायणि नमोऽस्तुते।।

    • ॐ जयन्ती मंगला काली भद्रकाली कपालिनी।

      दुर्गा क्षमा शिवा धात्री स्वाहा स्वधा नमोऽस्तुते।।

    • या देवी सर्वभूतेषु शक्तिरूपेण संस्थिता,

      नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नमः।।

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    अस्वीकरण: इस लेख में बताए गए उपाय/लाभ/सलाह और कथन केवल सामान्य सूचना के लिए हैं। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया यहां इस लेख फीचर में लिखी गई बातों का समर्थन नहीं करता है। इस लेख में निहित जानकारी विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/मान्यताओं/धर्मग्रंथों/दंतकथाओं से संग्रहित की गई हैं। पाठकों से अनुरोध है कि लेख को अंतिम सत्य अथवा दावा न मानें एवं अपने विवेक का उपयोग करें। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया अंधविश्वास के खिलाफ है।