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    Dev Diwali 2025: देव दीवाली के दिन इस विधि से करें महादेव की पूजा, सभी दुख होंगे दूर

    Updated: Sun, 02 Nov 2025 10:56 AM (IST)

    वैदिक पंचांग के अनुसार, हर वर्ष कार्तिक पूर्णिमा के दिन देव दीवाली (Dev Diwali 2025) का पर्व मनाया जाता है। इसे देव दीपावली के नाम से भी जाना जाता है। इस दिन महादेव, भगवन विष्णु और मां लक्ष्मी की पूजा अर्चना करने का विधान है। आइए जानते हैं देव दीवाली का शुभ मुहूर्त और पूजा विधि। 

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    Dev Diwali 2025: देव दीवाली का शुभ मुहूर्त (Image Source: AI-Generated) 

    धर्म डेस्क, नई दिल्ली। धार्मिक मान्यता के अनुसार, कार्तिक पूर्णिमा (kartik purnima 2025 kis din hai) के दिन भगवान शिव ने त्रिपुरासुर नामक राक्षस का वध किया था। उस दौरान देवताओं ने भगवान शिव की विशेष पूजा-अर्चना की थी। इसलिए हर साल कार्तिक पूर्णिमा के दिन देव दीवाली (Dev Diwali 2025) का पर्व उत्साह के साथ मनाया जाता है। ऐसी धार्मिक मान्यता है कि इस दिन उपासना करने से जीवन में सुख-शांति बनी रहती है और महादेव की कृपा से सभी मुरादें पूरी होती हैं।

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    देव दीवाली 2025 डेट और शुभ मुहूर्त (Dev Diwali 2025 Date and Shubh Muhurat)


    वैदिक पंचांग के अनुसार, इस बार देव दीवाली का पर्व 05 नवंबर को मनाया जाएगा। इसी दिन कार्तिक पूर्णिमा भी है।
    कार्तिक माह की पूर्णिमा तिथि की शुरुआत- 04 नवंबर को देर रात 10 बजकर 36 मिनट पर
    कार्तिक माह की पूर्णिमा तिथि का समापन- 05 नवंबर को शाम 06 बजकर 48 मिनट पर

    Dev Diwali 2025

    (Image Source: AI-Generated) 

    ब्रह्म मुहूर्त - सुबह 04 बजकर 46 मिनट से 05 बजकर 37 मिनट तक
    विजय मुहूर्त - दोपहर 01 बजकर 56 मिनट से 02 बजकर 41 मिनट तक
    गोधूलि मुहूर्त - शाम 05 बजकर 40 मिनट से 06 बजकर 05 मिनट तक

    देव दीवाली पूजा विधि (Dev Diwali Puaj Vidhi)

    • सुबह जल्दी उठकर स्नान करने के बाद सूर्य देव को अर्घ्य अर्पित करें।
    • प्रदोष काल में पूजा करें।
    • चौकी पर साफ कपड़ा बिछाकर शिव जी की प्रतिमा को स्थापित करें।
    • देसी घी का दीपक जलाएं।
    • फूल माला अर्पित करें।
    • शिवलिंग का कच्चे दूध, शहद, दही, घी और पंचामृत से अभिषेक करें।
    • शिव चालीसा और मंत्रों का जप करें।
    • फल और मिठाई का भोग लगाएं।
    • प्रभु से जीवन में सुख-शांति की प्राप्ति के लिए कामना करें।
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    दीपदान का महत्व


    सनातन धर्म में देव दीवाली के दिन गंगा नदी के घाटों दीपदान करने का विशेष महत्व है। इस दिन दीपदान करना शुभ माना जाता है। धार्मिक मान्यता के अनुसार, दीपदान करने से सुख-समृद्धि में वृद्धि होती है और सभी पापों से छुटकारा मिलता है। इसके अलावा दीपदान करने से भगवान विष्णु और धन की देवी मां लक्ष्मी की कृपा प्राप्त होती है और साधकों को जीवन में कभी भी किसी चीज की कमी का सामना नहीं करना पड़ता है।

    जरूर करें दान


    इस दिन दान जरूर करना चाहिए। ऐसी धार्मिक मान्यता है कि देव दीवाली के दिन दान करने से धन-अन्न के भंडार रहते हैं।

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    अस्वीकरण: इस लेख में बताए गए उपाय/लाभ/सलाह और कथन केवल सामान्य सूचना के लिए हैं। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया यहां इस लेख फीचर में लिखी गई बातों का समर्थन नहीं करता है। इस लेख में निहित जानकारी विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/मान्यताओं/धर्मग्रंथों/दंतकथाओं से संग्रहित की गई हैं। पाठकों से अनुरोध है कि लेख को अंतिम सत्य अथवा दावा न मानें एवं अपने विवेक का उपयोग करें। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया अंधविश्वास के खिलाफ है।