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    Kartik Purnima 2025:कार्तिक माह की पूर्णिमा कब है? पढ़ें तिथि, शुभ मुहूर्त, पूजा विधि और दान के तरीके

    By Digital Desk Edited By: Ajit kumar
    Updated: Sat, 01 Nov 2025 07:53 PM (IST)

    Kartik Purnima 2025:सनातन में आस्था रखने वालों के लिए कार्तिक मास का विशेष महत्व होता है। उसमें भी पूर्णिमा तो खास होता है। इस दिन भगवान विष्णु और मां लक्ष्मी की विशेष रूप से पूजा की जाती है। इससे पहले लोग संभव हो तो गंगा में नहीं तो किसी जलाशय में शुभ मुहूर्त को देखकर स्नान करते हैं। उसके बाद अपनी क्षमता के अनुसार दान करते हैं। इस दिन दीपदान की भी परंपरा रही है।

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    Kartik Purnima 2025: इस खबर में प्रतीकात्मक तस्वीर लगाई गई है।


    डिजिटल डेस्क, मुजफ्फरपुर। Kartik Purnima Date and Time 2025:हिंदुओं के लिए जिस तरह से कार्तिक माह विशेष है, उसी तरह पूर्णिमा का खास महत्व है। यह धार्मिक और आध्यात्मिक दोनों दृष्टिकोण से महत्वपूर्ण है। इस वर्ष कार्तिक पूर्णिमा 5 नवंबर 2025 को मनाई जाएगी। 

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    कार्तिक पूर्णिमा का महत्व 

    यूं तो कुछ भक्त कार्तिक में पूरे माह स्नान करते हैं। कुछ तो गंगा किनारे कल्पवास तक करते हैं, किंतु कार्तिक पूर्णिमा के दिन स्नान करने का विशेष महत्व है। इस बारे में आध्यात्मिक गुरु पंडित कमलापति त्रिपाठी ने कहा कि इस दिन गंगा स्नान करने से पाप नष्ट हो जाते हैं।

    Kamlapati tripathi

    मोक्ष की प्राप्ति होने की मान्यता है। जीवन की परेशानी दूर हो जाती है। शांति-समृद्धि आती है। इसलिए स्नान के बाद भगवान विष्णु और मां लक्ष्मी की विशेष रूप से पूजा की जाती है। स्नान करने के बाद दान करने से समृद्धि आती है। 

    • पूर्णिमा तिथि आरंभ : 04 नवंबर 2025 को रात 10 बजकर 36 मिनट से
    • पूर्णिमा तिथि संपन्न : 05 नवंबर 2025 को शाम 06 बजकर 48 मिनट तक
    • उदया तिथि के अनुसार पूर्णिमा 05 नवंबर को ही मनाया जाएगा।

     Kartik purnima snan

    शुभ मुहूर्त

    • ब्रह्म मुहूर्त : सुबह 04.46 बजे से 05.37 बजे तक
    • विजय मुहूर्त : दोपहर 01.56 बजे से 02.41 बजे तक
    • गोधूलि मुहूर्त : शाम 05.40 बजे से 06.05 बजे तक
    • चंद्रोदय : शाम 07.20 बजे 

    पूजा करने की विधि

    इस दिन भक्त को सुबह में जल्दी जगकर शुभ मुहूर्त में स्नान कर लेना चाहिए। उसके बाद सूर्य देव को अर्घ्य अर्पित करना चाहिए। संभव हो तो इसके बाद मंदिर पहुंच जाएं। यदि ऐसा नहीं कर पा रहे हैं तो घर में ही साफ-सफाई करने के बाद चौकी पर पीला कपड़ा बिछाएं।

    उसके बाद भगवान विष्णु और मां लक्ष्मी की प्रतिमा को स्थापित करें। तदोपरांत फूल-माला अर्पित करें। दीपक जलाएं और विष्णु चालीसा का पाठ करें। इस अवसर पर मंत्रो का जप विशेष फल देता है। फल, मिठाई और अन्य सामग्री से भगवान को भोग लगाएं और प्रसाद का वितरण करें। 

    Dev diwali 2025

    दान जरूर करें

    कार्तिक पूर्णिमा के दिन स्नान के बाद दान का विशेष महत्व है। मान्यता है कि पूजा संपन्न करने के बाद क्षमता के अनुसार गरीबों को दान अवश्य करना चाहिए। इससे घर में सुख-समृद्धि आती है। संभव हो तो तुलसी के पौधे और मंदिर में दीप जलाएं और किसी जलाशय में इसे प्रवाहित कर दें।