Bhai Dooj 2025: क्या इस साल भी भाई दूज पर भद्रा का साया रहेगा? नोट करें तिलक मुहूर्त
भाई दूज का पर्व बहुत शुभ माना जाता हैं। यह भाई-बहन के प्रेम का प्रतीक है। इस दिन बहनें भाई की लंबी आयु के लिए उनका तिलक करती हैं। वहीं इस दिन (Bhai Dooj 2025) भद्रा काल में तिलक करना अशुभ माना जाता है तो आइए यहां जानते हैं कि इस दिन भद्रा का साया रहेगा या नहीं?

धर्म डेस्क, नई दिल्ली। भाई दूज को यम द्वितीया के नाम से भी जाना जाता है। यह हर साल लोग धूमधाम के साथ मनाते हैं। यह पर्व भाई-बहन के अटूट प्रेम का प्रतीक है। इस दिन बहनें अपने भाई की लंबी आयु और सुख-समृद्धि की कामना के लिए उनके माथे पर तिलक लगाती हैं। हालांकि, हिंदू धर्म में कोई भी शुभ काम करते समय भद्रा काल से बचने की सलाह दी जाती है, क्योंकि धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, भद्रा के समय किए गए काम शुभ फल नहीं देते।
इसी वजह से भाई दूज पर बहनें अक्सर इस बात को लेकर परेशान रहती हैं कि कहीं तिलक का शुभ मुहूर्त भद्रा काल में न पड़ जाए, तो आइए यहां जानते हैं कि इस बार भाई दूज (Bhai Dooj 2025) पर भद्रा का साया रहेगा या नहीं?
भाई दूज का शुभ मुहूर्त (Bhai Dooj 2025 Date And Time)
वैदिक पंचांग के अनुसार, इस साल द्वितीया तिथि की शुरुआत 22 अक्टूबर 2025, को रात 08 बजकर 16 मिनट पर होगी। वहीं, इसका समापन 23 अक्टूबर 2025, को रात 10 बजकर 46 मिनट पर होगा। ऐसे में 23 अक्टूबर को भाई दूज का पर्व मनाया जाएगा। इसके साथ ही इस दिन तिलक करने का शुभ मुहूर्त दोपहर 01 बजकर 13 मिनट से 03 बजकर 28 मिनट तक रहेगा। इस दौरान बहनें अपने भाई का तिलक कर सकती हैं।
भद्रा का साया रहेगा या नहीं?
ज्योतिषीय गणना के अनुसार, इस साल 23 अक्टूबर, 2025 यानी भाई दूज के दिन भद्रा काल का साया नहीं रहेगा। यानी, तिलक करने का जो शुभ मुहूर्त है, वह पूरी तरह से भद्रा के साया (Bhadra Ka Saya) से मुक्त है। ऐसे में बहनें बिना परेशान हुए अपने भाई का तिलक कर सकती हैं।
क्यों जरूरी है भद्रा से बचना?
हिन्दू पंचांग में भद्रा को एक अशुभ काल माना जाता है। भद्रा शनिदेव की बहन हैं। उन्हें उग्र स्वभाव का माना जाता है, इसलिए किसी भी शुभ और मांगलिक काम जैसे तिलक, गृह प्रवेश, या विवाह आदि भद्रा काल में वर्जित होते हैं। भाई दूज पर तिलक एक सुरक्षा कवच और लंबी आयु का आशीर्वाद होता है, इसलिए यह सुनिश्चित किया जाता है कि यह रस्म किसी भी अशुभ काल में न हो।
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अस्वीकरण: इस लेख में बताए गए उपाय/लाभ/सलाह और कथन केवल सामान्य सूचना के लिए हैं। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया यहां इस लेख फीचर में लिखी गई बातों का समर्थन नहीं करता है। इस लेख में निहित जानकारी विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/मान्यताओं/धर्मग्रंथों/दंतकथाओं से संग्रहित की गई हैं। पाठकों से अनुरोध है कि लेख को अंतिम सत्य अथवा दावा न मानें एवं अपने विवेक का उपयोग करें। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया अंधविश्वास के खिलाफ है।
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