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    Bhai Dooj 2025 Date: किस दिशा में बिठाकर करें भाई का तिलक? जानिए दिशा और नियम

    Updated: Mon, 06 Oct 2025 12:19 PM (IST)

    भाई दूज (Bhai Dooj 2025 Kab Hai?) का पर्व बहुत शुभ माना जाता है। यह दीपावली के दो दिन बाद मनाया जाता है। इस दिन बहनें भाई के माथे पर तिलक लगाकर उनकी लंबी आयु की कामना करती हैं और भाई उनकी रक्षा का वचन देते हैं तो चलिए इस दिन से जुड़ी प्रमुख बातों को जानते हैं।

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    Bhai Dooj 2025 Date: भाई दूज का शुभ मुहूर्त।

    धर्म डेस्क, नई दिल्ली। भाई दूज जिसे यम द्वितीया या भ्रातृ द्वितीया भी कहा जाता है। यह भाई-बहन के पवित्र प्रेम का प्रतीक है। यह त्योहार दीपावली के दो दिन बाद, कार्तिक महीने के शुक्ल पक्ष की द्वितीया तिथि को मनाया जाता है। इस दिन (Bhai Dooj 2025 Date) बहनें अपने भाई के माथे पर तिलक लगाकर उनकी लंबी आयु, सुख-समृद्धि और सुरक्षा के लिए प्रार्थना करती हैं। वहीं, भाई अपनी बहन की सदैव रक्षा करने का वचन देते हैं।

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    भाई दूज का शुभ मुहूर्त (Bhai Dooj 2025 Shubh Muhurat)

    हिंदू पंचांग के अनुसार, द्वितीया तिथि की शुरुआत 22 अक्टूबर 2025, को रात 08 बजकर 16 मिनट पर होगी। वहीं, इसकी समाप्ति 23 अक्टूबर 2025, को रात 10 बजकर 46 मिनट पर होगी। पंचांग को देखते हुए 23 अक्टूबर को भाई दूज का पर्व मनाया जाएगा।

    • तिलक करने का शुभ मुहूर्त - दोपहर 01 बजकर 13 मिनट से 03 बजकर 28 मिनट तक रहेगा।

    तिलक के दौरान भाई को किस दिशा में बिठाएं? (Bhai Dooj 2025 Disha And Niyam)

    भाई का मुख

    तिलक करते समय भाई का मुख उत्तर या उत्तर-पश्चिम दिशा की ओर होना शुभ माना जाता है। उत्तर दिशा को कुबेर और उत्तर-पश्चिम दिशा को वायु की दिशा माना जाता है, जो भाई के जीवन में स्थिरता और उन्नति लाती है।

    बहन का मुख

    बहन को अपने भाई का तिलक करते समय उत्तर-पूर्व या पूर्व दिशा की ओर मुख करके बैठना चाहिए। इससे जीवन में सकारात्मक ऊर्जा आती है।

    तिलक करने के नियम (Bhai Dooj 2025 Rituals)

    • भाई को हमेशा किसी आसन पर बिठाकर ही तिलक करें। उन्हें जमीन पर न बिठाएं।
    • पूजा की थाली में रोली या कुमकुम, अक्षत, मिठाई, सुपारी, सूखा नारियल और एक दीपक जरूर रखें।
    • तिलक हमेशा शुभ मुहूर्त और भद्राकाल से बाहर के समय में ही करें, क्योंकि भद्राकाल में किए गए किसी भी शुभ काम का फल नहीं मिलता है।
    • तिलक करते समय बहनें अपना सिर चुनरी से और भाई अपना सिर रुमाल से ढककर रखें।
    • बिना सिर ढके तिलक नहीं करना चाहिए।
    • इस दिन भाई और बहन दोनों को सात्विक भोजन ही करना चाहिए।
    • तिलक करने के बाद भाई को नारियल का गोला या मिठाई जरूर दें।
    • इसके साथ ही भाई अपनी बहन को उपहार दें।

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    अस्वीकरण: इस लेख में बताए गए उपाय/लाभ/सलाह और कथन केवल सामान्य सूचना के लिए हैं। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया यहां इस लेख फीचर में लिखी गई बातों का समर्थन नहीं करता है। इस लेख में निहित जानकारी विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/मान्यताओं/धर्मग्रंथों/दंतकथाओं से संग्रहित की गई हैं। पाठकों से अनुरोध है कि लेख को अंतिम सत्य अथवा दावा न मानें एवं अपने विवेक का उपयोग करें। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया अंधविश्वास के खिलाफ है।