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    Nirjala Ekadashi से लेकर शनि जयंती तक, देखें ज्येष्ठ माह में पड़ने वाले व्रत-त्योहारों की लिस्ट

    हर साल ज्येष्ठ माह (Jyestha 2025 Vrat List) के शुक्ल पक्ष की दशमी तिथि के अगले दिन निर्जला एकादशी मनाई जाती है। यह पर्व भगवान विष्णु को समर्पित होता है। इस दिन लक्ष्मी नारायण जी की भक्ति भाव से पूजा की जाती है। इसके साथ ही निर्जला व्रत रखा जाता है।

    By Pravin KumarEdited By: Pravin KumarUpdated: Thu, 01 May 2025 04:14 PM (IST)
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    Nirjala Ekadashi 2025: निर्जला एकादशी कब है?

    धर्म डेस्क, नई दिल्ली। वैदिक पंचांग के अनुसार, सोमवार 12 मई को वैशाख और बुद्ध पूर्णिमा है। सनातन धर्म में पूर्णिमा तिथि पर गंगा स्नान करने का विधान है। इसके साथ ही जगत के पालनहार भगवान विष्णु और मां लक्ष्मी की पूजा की जाती है। साथ ही सत्यनारायण कथा का पाठ किया जाता है। पूर्णिमा तिथि पर गंगा स्नान कर लक्ष्मी नारायण जी की पूजा करने से जीवन की हर परेशानी दूर हो जाती है। साथ ही घर में सुख, समृद्धि एवं खुशहाली आती है।

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    वैशाख पूर्णिमा के अगले दिन से ज्येष्ठ महीने की शुरुआत होती है। इस महीने में निर्जला एकादशी समेत कई प्रमुख व्रत त्योहार मनाए जाते हैं। इसके साथ ही पाक्षिक एवं मासिक व्रत एवं त्योहार भी मनाए जाते हैं। आइए, ज्येष्ठ माह के व्रत-त्योहार की सही डेट जानते हैं-

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    ज्येष्ठ माह व्रत-त्योहार (Jyestha month Festival List 2025)

    • 13 मई को नारद जयंती है। यह पर्व ज्येष्ठ माह की कृष्ण पक्ष की प्रतिपदा तिथि पर मनाया जाता है।
    • 15 मई को वृषभ संक्रांति है। इस दिन सूर्य देव मेष राशि से निकलकर वृषभ राशि में गोचर करेंगे।
    • 16 मई को संकष्टी चतुर्थी है। यह पर्व प्रत्येक माह के कृष्ण पक्ष की चतुर्थी तिथि पर मनाया जाता है।
    • 23 मई को अपरा एकादशी है। ज्येष्ठ माह की कृष्ण पक्ष की एकादशी तिथि पर अपरा एकादशी मनाई जाती है।
    • 24 मई को शनि त्रयोदशी और प्रदोष व्रत है। प्रत्येक माह के कृष्ण और शुक्ल पक्ष की त्रयोदशी तिथि पर प्रदोष व्रत मनाया जाता है।
    • 25 मई को मासिक शिवरात्रि है। हर माह के कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी तिथि को मानसिक शिवरात्रि मनाई जाती है।
    • 26 मई को वट सावित्री व्रत है। यह पर्व हर साल ज्येष्ठ अमावस्या के दिन मनाया जाता है।
    • 27 मई को ज्येष्ठ अमावस्या और शनि जयंती है। इस शुभ अवसर पर न्याय के देवता शनिदेव की पूजा की जाती है।
    • 29 मई को महाराणा प्रताप जयंती है।
    • 30 मई को विनायक चतुर्थी है। यह पर्व शुक्ल पक्ष की चतुर्थी तिथि पर मनाया जाता है। इस दिन भगवान गणेश की पूजा की जाती है।
    • 3 जून को धूमावती जयंती है। यह पर्व ज्येष्ठ माह के शुक्ल पक्ष की अष्टमी तिथि पर मनाया जाता है।
    • 4 जून को महेश नवमी है। यह पर्व ज्येष्ठ माह के शुक्ल पक्ष की नवमी तिथि पर मनाया जाता है।
    • 5 जून को गंगा दशहरा है। यह पर्व ज्येष्ठ माह के शुक्ल पक्ष की दशमी तिथि पर मनाया जाता है।
    • 6 जून को निर्जला एकादशी ( Nirjala Ekadashi 2025) और गायत्री जयंती है। यह पर्व ज्येष्ठ माह के शुक्ल पक्ष की एकादशी तिथि पर मनाया जाता है।
    • 8 जून को प्रदोष व्रत (शुक्ल) है। इस दिन देवों के देव महादेव और जगत की देवी मां पार्वती की पूजा की जाती है।
    • 10 जून को वट पूर्णिमा व्रत है। यह पर्व ज्येष्ठ माह की पूर्णिमा तिथि पर भी मनाया जाता है।
    • 11 जून को ज्येष्ठ पूर्णिमा और कबीरदास जयंती है। इस दिन स्नान-ध्यान, पूजा, जप-तप एवं दान किया जाता है।

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    अस्वीकरण: इस लेख में बताए गए उपाय/लाभ/सलाह और कथन केवल सामान्य सूचना के लिए हैं। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया यहां इस लेख फीचर में लिखी गई बातों का समर्थन नहीं करता है। इस लेख में निहित जानकारी विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/मान्यताओं/धर्मग्रंथों/दंतकथाओं से संग्रहित की गई हैं। पाठकों से अनुरोध है कि लेख को अंतिम सत्य अथवा दावा न मानें एवं अपने विवेक का उपयोग करें। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया अंधविश्वास के खिलाफ है।