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    Pradosh Vrat 2025: जुलाई महीने में कब-कब है प्रदोष व्रत? यहां पता करें शुभ मुहूर्त एवं योग

    Updated: Wed, 25 Jun 2025 01:55 PM (IST)

    सावन माह के पहले सोमवार पर कई मंगलकारी योग बन रहे हैं। इसके साथ ही सावन महीने में अमरनाथ यात्रा की जाएगी। भगवान शिव की पूजा करने से साधक को पृथ्वी लोक पर स्वर्ग समान सुखों की प्राप्ति होती है। त्रयोदशी तिथि पर दान-पुण्य भी किया जाता है।

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    Pradosh Vrat 2025: प्रदोष व्रत का धार्मिक महत्व

    धर्म डेस्क, नई दिल्ली। सनातन धर्म में सावन महीने का खास महत्व है। यह महीना देवों के देव महादेव को समर्पित होता है। इस महीने में रोजाना भगवान शिव और मां पार्वती की पूजा की जाती है। वहीं, सावन सोमवार पर भगवान शिव की विशेष पूजा की जाती है। साथ ही सोमवार का व्रत रखा जाता है। इस व्रत को करने से साधक की हर मनोकामना पूरी होती है।

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    जुलाई से सावन महीने की शुरुआत होगी। इस दौरान भक्ति भाव से भगवान शिव की पूजा की जाएगी। लेकिन क्या आपको पता है कि जुलाई महीने में कब-कब प्रदोष व्रत है? आइए, प्रदोष व्रत की डेट एवं शुभ मुहूर्त जानते हैं-

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    प्रदोष व्रत 2025 डेट और शुभ मुहूर्त (Pradosh Vrat 2025 Date and Shubh Muhurat)

    वैदिक पंचांग के अनुसार, 07 जुलाई को देर रात 11 बजकर 10 मिनट पर आषाढ़ माह के शुक्ल पक्ष की त्रयोदशी तिथि की शुरुआत होगी। वहीं, 09 जुलाई को त्रयोदशी तिथि देर रात 12 बजकर 38 मिनट पर समाप्त होगी। प्रदोष व्रत के दिन भगवान शिव और मां पार्वती की पूजा शाम के समय यानी प्रदोष काल में होती है। इसके लिए 08 जुलाई को प्रदोष व्रत मनाया जाएगा। इस दिन भगवान शिव की पूजा का शुभ समय शाम 07 बजकर 23 मिनट से लेकर 09 बजकर 24 मिनट तक है। मंगलवार के दिन पड़ने के चलते यह भौम प्रदोष व्रत कहलाएगा।

    प्रदोष व्रत 2025 डेट और शुभ मुहूर्त (Pradosh Vrat 2025 Date and Shubh Muhurat)

    वैदिक पंचांग के अनुसार, सावन माह के कृष्ण पक्ष की त्रयोदशी तिथि 22 जुलाई को सुबह 07 बजकर 05 मिनट पर शुरू होगी। वहीं, 23 जुलाई को त्रयोदशी तिथि सुबह 04 बजकर 39 मिनट पर समाप्त होगी। त्रयोदशी तिथि पर प्रदोष काल में भगवान शिव और मां पार्वती की पूजा होती है। इसके लिए 22 जुलाई को प्रदोष व्रत मनाया जाएगा। इस दिन भगवान शिव की पूजा का शुभ समय शाम 07 बजकर 18 मिनट से लेकर 09 बजकर 22 मिनट तक है। 

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    अस्वीकरण: इस लेख में बताए गए उपाय/लाभ/सलाह और कथन केवल सामान्य सूचना के लिए हैं। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया यहां इस लेख फीचर में लिखी गई बातों का समर्थन नहीं करता है। इस लेख में निहित जानकारी विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/मान्यताओं/धर्मग्रंथों/दंतकथाओं से संग्रहित की गई हैं। पाठकों से अनुरोध है कि लेख को अंतिम सत्य अथवा दावा न मानें एवं अपने विवेक का उपयोग करें। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया अंधविश्वास के खिलाफ है।