Pradosh Vrat 2025: जुलाई महीने में कब है भौम प्रदोष व्रत? यहां नोट करें शुभ मुहूर्त एवं महत्व
ज्योतिषियों की मानें तो भौम प्रदोष व्रत पर कई मंगलकारी संयोग बन रहे हैं। इस शुभ तिथि पर दुर्लभ शुक्ल और ब्रह्म योग का संयोग बन रहा है। इस योग में भगवान शिव की पूजा करने से साधक पर शिव-शक्ति की कृपा बरसेगी। उनकी कृपा से हर मनोकामना पूरी होगी।

Pradosh Vrat 2025: भौम प्रदोष व्रत का धार्मिक महत्व
धर्म डेस्क, नई दिल्ली। सनातन धर्म में मंगलवार का दिन हनुमान जी को समर्पित माना जाता है। इस दिन हनुमान जी की भक्ति भाव से पूजा की जाती है। साथ ही उनके निमित्त मंगलवार का व्रत रखा जाता है। इस व्रत को करने से व्यक्ति को जीवन में व्याप्त सभी प्रकार के संकटों से मुक्ति मिलती है। साथ ही मंगल देव की भी कृपा बरसती है।
मंगलवार के दिन पड़ने वाले प्रदोष व्रत को भौम प्रदोष व्रत कहा जाता है। भौम प्रदोष व्रत के दिन भगवान शिव की पूजा करने से आर्थिक तंगी दूर होती है। साथ ही साधक पर भगवान शिव की कृपा बरसती है। आइए, भौम प्रदोष की सही डेट, शुभ मुहूर्त एवं योग जानते हैं-
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कब है भौम प्रदोष व्रत? (Bhaum Pradosh Vrat 2025 Kab Hai)
प्रदोष व्रत का फल दिन अनुसार प्राप्त होता है। मंगलवार के दिन पड़ने के चलते यह भौम प्रदोष व्रत कहलाता है। आषाढ़ माह के शुक्ल पक्ष की त्रयोदशी तिथि मंगलवार के दिन पड़ रही है। वैदिक पंचांग गणना के अनुसार, 08 जुलाई को भौम प्रदोष व्रत मनाया जाएगा।
भौम प्रदोष व्रत शुभ मुहूर्त (Pradosh Vrat Shubh Muhurat)
आषाढ़ माह के शुक्ल पक्ष की त्रयोदशी तिथि 07 जुलाई को देर रात 11 बजकर 10 मिनट पर शुरू होगी। वहीं, 09 जुलाई को देर रात 12 बजकर 38 मिनट पर समाप्त होगी। प्रदोष व्रत के दिन भगवान शिव और मां पार्वती की पूजा शाम के समय यानी प्रदोष काल में होती है। इसके लिए 08 जुलाई को प्रदोष व्रत मनाया जाएगा।
पंचांग
- सूर्योदय - सुबह 05 बजकर 30 मिनट पर
- सूर्यास्त - शाम 07 बजकर 23 मिनट पर
- चन्द्रोदय- शाम 05 बजकर 33 मिनट पर
- चंद्रास्त- सुबह 03 बजकर 39 मिनट पर
- ब्रह्म मुहूर्त - सुबह 04 बजकर 09 मिनट से 04 बजकर 49 मिनट तक
- विजय मुहूर्त - दोपहर 02 बजकर 45 मिनट से 03 बजकर 40 मिनट तक
- गोधूलि मुहूर्त - शाम 07 बजकर 21 मिनट से 07 बजकर 42 मिनट तक
- निशिता मुहूर्त - रात 12 बजकर 06 मिनट से 12 बजकर 47 मिनट तक
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