Jitiyaa Vrat 2025: संतान प्राप्ति की कामना के लिए जितिया व्रत में करें ये उपाय, दूर होंगे सभी दुख
जितिया व्रत (Jitiyaa Vrat 2025) जो संतान की लंबी आयु के लिए किया जाता है। इस साल यह व्रत 14 सितंबर को रखा जा रहा है। इस दिन जीमूतवाहन की पूजा का विधान है। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार इस दिन पूजा-पाठ करने से सभी कष्टों से मुक्ति मिलती है। साथ ही संतान की बरकत होती है।

धर्म डेस्क, नई दिल्ली। जितिया व्रत, जिसे जीवित्पुत्रिका व्रत भी कहते हैं, इस दिन माताएं अपनी संतान की लंबी आयु, स्वास्थ्य और सुख-समृद्धि के लिए कठिन व्रत रखती हैं। यह व्रत मुख्य रूप से उत्तर प्रदेश, बिहार और झारखंड में मनाया जाता है। जितिया व्रत का पालन निर्जला रहकर किया जाता है।
हिंदू पंचांग के अनुसार, इस साल यह (Jitiyaa Vrat 2025) उपवास 14 सितंबर को रखा जाएगा। ऐसे में आइए इस दिन से जुड़े कुछ अचूक के बारे में जानते हैं, जिससे संतान से जुड़ी मुश्किलें दूर हो सकें।
संतान के लिए करें ये उपाय (Jitiyaa Vrat 2025 Remedies)
- जीमूतवाहन की पूजा - जितिया व्रत में जीमूतवाहन की पूजा का विशेष महत्व है। जीमूतवाहन, गंधर्व राजकुमार थे जिन्होंने एक नागिन के पुत्र को बचाने के लिए खुद को गरुड़ को अर्पित कर दिया था। इनकी प्रतिमा बनाकर पूजा करने से संतान की रक्षा होती है और संतान प्राप्ति की मनोकामना पूरी होती है।
- पीपल के पेड़ की पूजा - इस दिन पीपल के पेड़ के नीचे पूजा करना बहुत शुभ माना जाता है। महिलाएं पीपल के पेड़ के नीचे बैठकर कथा सुनती हैं और पेड़ की परिक्रमा करती हैं। पीपल के पेड़ को ब्रह्मा, विष्णु और महेश का वास माना जाता है, जिससे सभी दुख दूर होते हैं।
- व्रत कथा का पाठ - जितिया व्रत के दिन इसकी व्रत कथा का पाठ करें या सुनें। इस कथा में जीमूतवाहन की कहानी है। कथा सुनने से व्रत का पूरा फल मिलता है और सभी दुख दूर होते हैं।
- दान - व्रत के पारण के बाद गरीबों, जरूरतमंदों और ब्राह्मणों को भोजन और वस्त्रों का दान करें। ऐसा करने से शुभ फलों की प्राप्ति होती है और पितरों का आशीर्वाद मिलता है।
- भगवान शिव और पार्वती की पूजा - इस दिन भगवान शिव और देवी पार्वती की पूजा का भी बड़ा महत्व है। ऐसे में जितिया व्रत के दौरान उनका विधिवत अभिषेक करें और ऐसा करने से संतान प्राप्ति की मनोकामना पूरी होती है।
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अस्वीकरण: इस लेख में बताए गए उपाय/लाभ/सलाह और कथन केवल सामान्य सूचना के लिए हैं। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया यहां इस लेख फीचर में लिखी गई बातों का समर्थन नहीं करता है। इस लेख में निहित जानकारी विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/मान्यताओं/धर्मग्रंथों/दंतकथाओं से संग्रहित की गई हैं। पाठकों से अनुरोध है कि लेख को अंतिम सत्य अथवा दावा न मानें एवं अपने विवेक का उपयोग करें। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया अंधविश्वास के खिलाफ है।
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