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    Jitiya Vrat 2025: नहाय खाय से लेकर पारण तक, यहां नोट करें जितिया व्रत की पूरी डिटेल्स

    Updated: Thu, 11 Sep 2025 05:00 PM (IST)

    आश्विन माह के कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि (Jitiya Vrat 2025) पर सिद्धि और शिववास योग का संयोग बन रहा है। इन योग में व्रत रख भगवान कृष्ण और जीमूतवाहन जी की पूजा करने से व्रती को मनोवांछित फल की प्राप्ति होगी। इस दिन मासिक कालाष्टमी और मासिक कृष्ण जन्माष्टमी भी मनाई जाएगी।

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    Jitiya Vrat 2025: जितिया व्रत का धार्मिक महत्व

    धर्म डेस्क, नई दिल्ली। आश्विन माह का हर एक दिन खास होता है। इस माह के कृष्ण पक्ष में पितरों का श्राद्ध, तर्पण और पिंडदान किया जाता है। वहीं, शुक्ल पक्ष में शारदीय नवरात्र मनाया जाता है। वहीं, शुक्ल पक्ष में  दशहरा, एकादशी और शरद पूर्णिमा समेत कई प्रमुख त्योहार मनाए जाते हैं।

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    पितृ पक्ष के दौरान जितिया मनाया जाता है। इसे जीवित्पुत्रिका व्रत भी कहा जाता है। यह व्रत विवाहित महिलाएं पुत्र की लंबी आयु के लिए रखती हैं। संतान प्राप्ति के लिए जितिया का व्रत रखा जाता है। इस व्रत की शुरुआत नहाय खाय से होती है। वहीं, समापन पारण से होता है। आइए, नहाय खाय से लेकर पारण की सही तिथि जानते हैं-

    कब मनाया जाता है जितिया व्रत?

    हर साल आश्विन माह के कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि को जितिया मनाया जाता है। यह पर्व बिहार और झारखंड समेत नेपाल के कई हिस्सों में धूमधाम से मनाया जाता है। इस दिन विवाहित महिलाएं निर्जला व्रत रखती हैं।  

    कब है नहाय खाय? (Jitiya Vrat nahay khay)

    जितिया व्रत हर साल आश्विन माह के कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि को मनाया जाता है। इससे एक दिन पूर्व यानी आश्विन माह के कृष्ण पक्ष की सप्तमी तिथि पर नहाय-खाय मनाया जाता है। इस साल 13 सितंबर को नहाय खाय है। इस शुभ अवसर पर व्रती महिलाएं स्नान-ध्यान कर जीमूतवाहन जी की पूजा करती हैं। इसके बाद भोजन ग्रहण करती हैं। नहाय-खाय के दिन मडुआ की रोटी और नोनी की साग खाई जाती है। इसके साथ ही दही और पोहा (चूड़ा) भी खाया जाता है।  

    कब है जितिया व्रत (Jitiya Vrat Shubh Muhurat)

    आश्विन माह के कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि 14 सितंबर को है। इसके लिए 14 सितंबर को जितिया का व्रत रखा जाएगा। कई बार तिथि में अंतर होने के चलते जितिया व्रत 36 घंटे का भी होता है। इस साल निर्जला व्रत एक दिन रखा जाएगा। वहीं, सूर्योदय से पहले व्रती सात्विक भोजन और जल ग्रहण करती हैं।

    कब किया जाएगा पारण?  (Jitiya Vrat  paran vidhi)

    वैदिक पंचांग के अनुसार, 15 सितंबर को देर रात 03 बजकर 06 मिनट पर अष्टमी तिथि का समापन होगा। इसके बाद नवमी तिथि शुरू होगी। जितिया व्रत का पारण नवमी तिथि पर किया जाता है। इस प्रकार 15 सितंबर को सूर्योदय के बाद व्रती पारण कर सकती हैं।

    पंचांग

    • सूर्योदय - सुबह 06 बजकर 05 मिनट पर
    • सूर्यास्त - शाम 06 बजकर 27 मिनट पर
    • चन्द्रोदय- देर रात 11 बजकर 18 मिनट पर
    • चंद्रास्त- दोपहर 01 बजकर 11 मिनट पर
    • ब्रह्म मुहूर्त - सुबह 04 बजकर 33 मिनट से 05 बजकर 19 मिनट तक
    • विजय मुहूर्त - दोपहर 02 बजकर 20 मिनट से 03 बजकर 09 मिनट तक
    • गोधूलि मुहूर्त - शाम 06 बजकर 27 मिनट से 06 बजकर 51 मिनट तक
    • निशिता मुहूर्त - रात्रि 11 बजकर 53 मिनट से 12 बजकर 40 मिनट तक

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    अस्वीकरण: इस लेख में बताए गए उपाय/लाभ/सलाह और कथन केवल सामान्य सूचना के लिए हैं। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया यहां इस लेख फीचर में लिखी गई बातों का समर्थन नहीं करता है। इस लेख में निहित जानकारी विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/मान्यताओं/धर्मग्रंथों/दंतकथाओं से संग्रहित की गई हैं। पाठकों से अनुरोध है कि लेख को अंतिम सत्य अथवा दावा न मानें एवं अपने विवेक का उपयोग करें। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया अंधविश्वास के खिलाफ है।