Trending

    Move to Jagran APP
    pixelcheck
    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    Masik Durgashtami 2025: दशकों बाद मासिक दुर्गा अष्टमी पर शिव योग समेत बन रहे हैं कई मंगलकारी संयोग

    जगत की देवी मां दुर्गा की महिमा का गुणगान शास्त्रों में किया गया है। मां अपने भक्तों के सभी दुख दूर करती हैं। साथ ही मां दुर्गा की कृपा से जीवन में सुखों का आगमन होता है। साधक भक्ति भाव से दुर्गा अष्टमी तिथि (Masik Durgashtami 2025 Yog) पर मां दुर्गा की पूजा एवं साधना करते हैं। इस शुभ अवसर पर साधक व्रत भी रखते हैं।

    By Pravin KumarEdited By: Pravin KumarUpdated: Thu, 02 Jan 2025 08:07 PM (IST)
    Hero Image
    Masik Durgashtami 2025: मां दुर्गा को कैसे प्रसन्न करें?

    धर्म डेस्क, नई दिल्ली। वैदिक पंचांग के अनुसार, 07 जनवरी को मासिक दुर्गा अष्टमी है। यह दिन जगत की देवी मां दुर्गा को समर्पित होता है। इस शुभ अवसर पर मां दुर्गा की पूजा भक्ति की जाती है। साथ ही दुर्गा अष्टमी का व्रत रखा जाता है।  धार्मिक मत है कि मां दुर्गा की पूजा करने से साधक की हर मनोकामना पूरी होती है। साथ ही जीवन में व्याप्त सभी प्रकार के दुख एवं संकट दूर हो जाते हैं। ज्योतिषियों की मानें तो मासिक दुर्गा अष्टमी पर दशकों बाद एक साथ कई मंगलकारी योग बन रहे हैं। इन योग में जगत जननी मां दुर्गा की पूजा करने से साधक की हर मनोकामना पूरी होगी। आइए, इन योग के बारे में जानते हैं-

    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    यह भी पढ़ें: मेष से लेकर मीन तक वार्षिक राशिफल 2025

    मासिक दुर्गाष्टमी शुभ मुहूर्त (Masik Durga Ashtami Shubh Muhurat)

    पौष माह के शुक्ल पक्ष की अष्टमी तिथि 06 जनवरी को संध्याकाल 06 बजकर 23 मिनट पर प्रारंभ होगी और समाप्ति 07 जनवरी को शाम 04 बजकर 26 मिनट पर होगी। उदया तिथि अनुसार 07 जनवरी को दुर्गा अष्टमी मनाई जाएगी।

    सर्वार्थ सिद्धि योग

    दुर्गा अष्टमी पर सर्वार्थ सिद्धि योग का योग बन रहा है। इस योग का निर्माण शाम 05 बजकर 50 मिनट से हो रहा है। वहीं, समापन 08 जनवरी को सुबह 07 बजकर 15 मिनट पर होगा। इसी समय पर रवि योग का भी संयोग है। इसके साथ ही अमृत सिद्धि योग का भी निर्माण हो रहा है। इन योग में मां दुर्गा की पूजा करने से साधक की हर मनोकामना पूरी होगी।

    शिववास योग

    पौष माह के शुक्ल पक्ष की अष्टमी तिथि पर शिववास योग का भी संयोग है। इस योग का निर्माण शाम 04 बजकर 26 मिनट से हो रहा है, जो पूर्ण रात्रि तक है। इस समय में जगत की देवी कैलाश पर भगवान शिव के साथ रहेंगी। इस योग में मां दुर्गा की पूजा करने से साधक की हर मनोकामना पूरी होगी।

    नक्षत्र एवं योग

    पौष माह के शुक्ल पक्ष की अष्टमी तिथि पर रेवती एवं अश्विनी नक्षत्र का संयोग है। इसके साथ ही बव एवं बालव करण का संयोग है। इन योग में मां की पूजा भक्ति करने से सकल मनोरथ सिद्ध होंगे। साथ ही घर में खुशियों का आगमन होगा।

    यह भी पढ़ें: जीवन जीने की नई राह दिखाते हैं गुरु गोविंद सिंह के ये अनमोल विचार

    अस्वीकरण: इस लेख में बताए गए उपाय/लाभ/सलाह और कथन केवल सामान्य सूचना के लिए हैं। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया यहां इस लेख फीचर में लिखी गई बातों का समर्थन नहीं करता है। इस लेख में निहित जानकारी विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/मान्यताओं/धर्मग्रंथों/दंतकथाओं से संग्रहित की गई हैं। पाठकों से अनुरोध है कि लेख को अंतिम सत्य अथवा दावा न मानें एवं अपने विवेक का उपयोग करें। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया अंधविश्वास के खिलाफ है।