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    Masik Durgashtami 2025 Date: पौष महीने में कब है मासिक दुर्गा अष्टमी? जानें, शुभ मुहूर्त एवं योग

    By Pravin KumarEdited By: Pravin Kumar
    Updated: Mon, 16 Dec 2024 07:58 PM (IST)

    सनातन शास्त्रों में निहित है कि मां दुर्गा (Masik Durgashtami 2025) की महिमा अपरंपार है। मां अपने भक्तों पर विशेष कृपा बरसाती हैं। उनकी कृपा से साधक की हर मनोकामना पूरी होती है। साथ ही आय और सौभाग्य में वृद्धि होती है। साधक श्रद्धा भाव से मां दुर्गा की उपासना करते हैं। कठिन भक्ति से प्रसन्न होकर मां दुर्गा साधक को मनोवांछित फल प्रदान करती हैं।

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    Masik Durgashtami 2025 Date: दुर्गा अष्टमी का धार्मिक महत्व

    धर्म डेस्क, नई दिल्ली। प्रत्येक माह के शुक्ल पक्ष की अष्टमी तिथि जगत की देवी मां दुर्गा को समर्पित होती है। इस शुभ तिथि पर जग की देवी मां दुर्गा की पूजा की जाती है। साथ ही उनके निमित्त अष्टमी का व्रत रखा जाता है। इस व्रत को करने से साधक को हर मनोकामना पूरी होती है। साथ ही जीवन में सुखों का आगमन होता है। साधक श्रद्धा भाव से मां दुर्गा की पूजा करते हैं। आइए, पौष माह की दुर्गा अष्टमी का शुभ मुहूर्त एवं योग (Masik Durgashtami 2025 Date) जानते हैं-

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    मासिक दुर्गा अष्टमी शुभ मुहूर्त (Masik Durga Ashtami Shubh Muhurat)

    वैदिक पंचांग के अनुसार, पौष माह के शुक्ल पक्ष की अष्टमी तिथि 06 जनवरी को भारतीय समयानुसार शाम 06 बजकर 23 मिनट पर शुरू होगी। वहीं, अष्टमी तिथि का समापन 07 अगस्त को शाम 04 बजकर 26 मिनट पर होगा। अगले साल 07 जनवरी को पौष महीने की दुर्गा अष्टमी मनाई जाएगी।

    मासिक दुर्गा अष्टमी शुभ योग (Masik Durga Ashtami Shubh Yog)

    ज्योतिषियों की मानें तो पौष माह के शुक्ल पक्ष की अष्टमी तिथि पर शिव योग का निर्माण हो रहा है। इस दिन रवि योग का संयोग बन रहा है। इसके साथ ही सिद्ध योग का भी निर्माण हो रहा है। इसके अलावा, रेवती नक्षत्र का भी संयोग बन रहा है। वहीं, सर्वार्थ सिद्धि योग, अमृत सिद्धि योग और रवि योग का भी संयोग बन रहा है। इन योग में मां दुर्गा की पूजा करने से साधक ही हर मनोकामना पूरी होगी।

    पंचांग

    सूर्योदय - सुबह 06 बजकर 04 मिनट पर

    सूर्यास्त - शाम 05 बजकर 40 मिनट पर

    चन्द्रोदय- दोपहर 12 बजकर 06 मिनट पर

    चंद्रास्त- देर रात 01 बजकर 23 मिनट पर (8 जनवरी)

    ब्रह्म मुहूर्त - सुबह 05 बजकर 26 मिनट से 06 बजकर 21 मिनट तक

    विजय मुहूर्त - दोपहर 02 बजकर 12 मिनट से 02 बजकर 53 मिनट तक

    गोधूलि मुहूर्त - शाम 05 बजकर 37 मिनट से 06 बजकर 05 मिनट तक

    निशिता मुहूर्त - रात्रि 12 बजे से 12 बजकर 55 मिनट तक

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    अस्वीकरण: इस लेख में बताए गए उपाय/लाभ/सलाह और कथन केवल सामान्य सूचना के लिए हैं। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया यहां इस लेख फीचर में लिखी गई बातों का समर्थन नहीं करता है। इस लेख में निहित जानकारी विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/मान्यताओं/धर्मग्रंथों/दंतकथाओं से संग्रहित की गई हैं। पाठकों से अनुरोध है कि लेख को अंतिम सत्य अथवा दावा न मानें एवं अपने विवेक का उपयोग करें। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया अंधविश्वास के खिलाफ है।