Janaki Jayanti 2025: जानकी जयंती आज, इस विधि से करें माता सीता की पूजा, नोट करें मुहूर्त
जानकी जयंती का पर्व हर साल भव्यता के साथ मनाया जाता है। इस साल यह शुक्रवार 21 फरवरी 2025 यानी आज के दिन मनाई जा रही है। इस दिन (Janaki Jayanti 2025 Puja Vidhi) मां सीता और भगवान श्रीराम की पूजा का विधान है। ऐसी मान्यता है कि इस दिन उनकी विधिवत पूजा करनी चाहिए और रामायण का पाठ करवाना चाहिए।
धर्म डेस्क, नई दिल्ली। जानकी जयंती का दिन बहुत ही शुभ माना गया है। इसे सीता जयंती या सीता अष्टमी के नाम से भी जाना जाता है। यह दिन भगवान राम और मां सीता को समर्पित है। यह पर्व हिंदुओं द्वारा बड़ी श्रद्धा के साथ मनाया जाता है। इस साल यह आज यानी दिन शुक्रवार, 21 फरवरी को मनाया जा रहा है। यह पावन दिन माता सीता के जन्म का प्रतीक ही नहीं, बल्कि भक्ति, पवित्रता और आत्म-बलिदान का प्रतीक माना जाता है।
कहा जाता है कि इस दिन (Janaki Jayanti 2025) व्रत रखने और पूजा-पाठ करने से सभी मनोकामनाओं की पूर्ति होती है, तो चलिए इस दिन से जुड़ी प्रमुख बातों को जानते हैं।
जानकी जयंती शुभ मुहूर्त और शुभ योग (Janaki Jayanti 2025 Puja Muhurat Or Shubh Yog)
हिंदू पंचांग के अनुसार, विजय मुहूर्त दोपहर 02 बजकर 28 मिनट से 03 बजकर 14 मिनट तक रहेगा। फिर गोधूलि मुहूर्त शाम 06 बजकर 13 मिनट से 06 बजकर 39 मिनट तक रहेगा। इसके साथ ही निशिता मुहूर्त रात्रि 12 बजकर 09 मिनट से रात 01 बजे तक रहेगा। इसके अलावा आज सर्वार्थ सिद्धि योग, शिववास और हर्षण का भी शुभ संयोग बन रहा है।
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जानकी जयंती पूजा विधि (Janaki Jayanti 2025 Puja Vidhi)
- जानकी जयंती पर सुबह उठें और पानी में गंगाजल डालकर स्नान करें।
- सुबह ही व्रत का संकल्प लें।
- भगवान सूर्य को अर्घ्य दें और तुलसी के पौधे पर घी दीपक जलाएं।
- मां का विधिवत अभिषेक करें और राम दरबार की भी पूजा करें।
- देवी को कुमकुम लगाएं, फूलों की माला और शृंगार की सामग्री चढ़ाएं।
- ऋतु फल और घर पर बना प्रसाद भाव के साथ अर्पित करें।
- रामायण के छंदों का पाठ, वैदिक मंत्रों का जाप करें।
- आरती करें और फिर शंखनाद जरूर करें।
- प्रसाद का वितरण घर के सदस्यों के साथ अन्य लोगों में भी करें।
- मंदिरों में जाकर विशेष पूजा करें।
- गरीबों को अन्न और धन का दान करें।
- तामसिक भोजन और लोगों से दूरी बनाएं।
- मन शुद्ध रखें।
जानकी जयंती पूजा मंत्र (Janaki Jayanti 2025 Mantra)
- श्री सीतायै नम: श्रीरामचन्द्राय नम: श्री रामाय नम: ॐ जानकीवल्लभाय नमः श्रीसीता-रामाय नम:
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