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    Aaj ka Panchang 21 February 2025: जानकी जयंती पर बन रहे हैं कई मंगलकारी संयोग, पढ़ें दैनिक पंचांग

    शुक्रवार का दिन धन की देवी मां लक्ष्मी को समर्पित होता है। इस दिन मां लक्ष्मी की भक्ति भाव से पूजा की जाती है। साथ ही उनके निमित्त वैभव लक्ष्मी व्रत रखा जाता है। इस व्रत को करने से साधक की हर मनोकामना पूरी होती है। साथ ही आय सुख और सौभाग्य में वृद्धि होती है। आइए आज का पंचांग (Aaj ka Panchang 2025) जानते हैं।

    By Pravin KumarEdited By: Pravin KumarUpdated: Fri, 21 Feb 2025 09:10 AM (IST)
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    Aaj ka Panchang 21 February 2025 पंचांग से जानें शुभ मुहूर्त।

    धर्म डेस्क, नई दिल्ली। वैदिक पंचांग के अनुसार, शुक्रवार 21 फरवरी यानी आज जानकी जयंती है। यह पर्व हर साल फाल्गुन माह के कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि को मनाया जाता है। इस शुभ अवसर पर मां जानकी और भगवान श्रीराम की भक्ति भाव से पूजा की जा रही है। साथ ही जानकी जयंती का व्रत रखा जा रहा है। इस व्रत को करने से साधक की हर मनोकामना पूरी होती है। साथ ही सुख और सौभाग्य में वृद्धि होती है।

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    फाल्गुन माह के कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि पर सर्वार्थ सिद्धि योग का संयोग बन रहा है। इस योग में भगवान श्रीराम और मां जानकी की पूजा करने से साधक को मनोवांछित फल की प्राप्ति होती है। आइए, पंडित हर्षित शर्मा जी से जानते हैं आज का पंचांग और शुभ मुहूर्त (Today Puja Time) के विषय में।

    आज का पंचांग (Aaj ka Panchang 21 February 2025)

    • सूर्योदय - सुबह 06 बजकर 54 मिनट पर
    • सूर्यास्त - शाम 06 बजकर 16 मिनट पर
    • ब्रह्म मुहूर्त - सुबह 05 बजकर 13 मिनट से 06 बजकर 03 मिनट तक
    • विजय मुहूर्त - दोपहर 02 बजकर 28 मिनट से 03 बजकर 14 मिनट तक
    • गोधूलि मुहूर्त - शाम 06 बजकर 13 मिनट से 06 बजकर 39 मिनट तक
    • निशिता मुहूर्त - रात्रि 12 बजकर 09 मिनट से रात 01 बजे तक
    • राहुकाल - सुबह 11 बजकर 10 मिनट से 12 बजकर 35 मिनट तक
    • गुलिक काल - सुबह 08 बजकर 19 मिनट से 09 बजकर 44 मिनट तक
    • दिशा शूल - पश्चिम

    ताराबल

    अश्विनी, कृत्तिका, मृगशिरा, पुनर्वसु, पुष्य, आश्लेषा, मघा, उत्तरा फाल्गुनी, चित्रा, विशाखा, अनुराधा, ज्येष्ठा, मूल, उत्तराषाढ़ा, धनिष्ठा, पूर्वाभाद्रपद, उत्तराभाद्रपद, रेवती

    चन्द्रबल

    वृषभ, मिथुन, कन्या, वृश्चिक, मकर, कुंभ

    भगवान राम के मंत्र

    1. राम रामेति रामेति रमे रामे मनोरमे।

    सहस्त्र नाम तत्तुन्यं राम नाम वरानने ।।

    2. ॐ दाशरथये विद्महे जानकी वल्लभाय धी महि तन्नो रामः प्रचोदयात् ॥

    3. ॐ आपदामप हर्तारम दातारं सर्व सम्पदाम ,

    लोकाभिरामं श्री रामं भूयो भूयो नामाम्यहम !

    श्री रामाय रामभद्राय रामचन्द्राय वेधसे,

    रघुनाथाय नाथाय सीताया पतये नमः !

    4. ॐ जानकीकांत तारक रां रामाय नमः॥

    5. रामाष्टक

    सुग्रीवमित्रं परमं पवित्रं सीताकलत्रं नवमेघगात्रम् ।

    कारुण्यपात्रं शतपत्रनेत्रं श्रीरामचन्द्रं सततं नमामि ॥

    संसारसारं निगमप्रचारं धर्मावतारं हृतभूमिभारम् ।

    सदाविकारं सुखसिन्धुसारं श्रीरामचद्रं सततं नमामि ॥

    लक्ष्मीविलासं जगतां निवासं लङ्काविनाशं भुवनप्रकाशम् ।

    भूदेववासं शरदिन्दुहासं श्रीरामचन्द्रं सततं नमामि ॥

    मन्दारमालं वचने रसालं गुणैर्विशालं हतसप्ततालम् ।

    क्रव्यादकालं सुरलोकपालं श्रीरामचन्द्रं सततं नमामि ॥

    वेदान्तगानं सकलैः समानं हृतारिमानं त्रिदशप्रधानम् ।

    गजेन्द्रयानं विगतावसानं श्रीरामचन्द्रं सततं नमामि ॥

    श्यामाभिरामं नयनाभिरामं गुणाभिरामं वचनाभिरामम् ।

    विश्वप्रणामं कृतभक्तकामं श्रीरामचन्द्रं सततं नमामि ॥

    लीलाशरीरं रणरङ्गधीरं विश्वैकसारं रघुवंशहारम् ।

    गम्भीरनादं जितसर्ववादं श्रीरामचन्द्रं सततं नमामि ॥

    खले कृतान्तं स्वजने विनीतं सामोपगीतं मनसा प्रतीतम् ।

    रागेण गीतं वचनादतीतं श्रीरामचन्द्रं सततं नमामि ॥

    श्रीरामचन्द्रस्य वराष्टकं त्वां मयेरितं देवि मनोहरं ये ।

    पठन्ति शृण्वन्ति गृणन्ति भक्त्या ते स्वीयकामान् प्रलभन्ति नित्यम् ॥

    योग

    ज्योतिषियों की मानें तो फाल्गुन माह की अष्टमी पर सर्वार्थ सिद्धि योग, शिववास और हर्षण का संयोग बन रहा है। इसके साथ ही कौलव और तैतिल करण के संयोग हैं। वहीं, अनुराधा और ज्येष्ठा नक्षत्र में जानकी जयंती मनाई जाएगी। इन योग योग में भगवान राम की पूजा करने से साधक को मनोवांछित फल मिलेगा।

    अस्वीकरण: इस लेख में बताए गए उपाय/लाभ/सलाह और कथन केवल सामान्य सूचना के लिए हैं। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया यहां इस लेख फीचर में लिखी गई बातों का समर्थन नहीं करता है। इस लेख में निहित जानकारी विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/मान्यताओं/धर्मग्रंथों/दंतकथाओं से संग्रहित की गई हैं। पाठकों से अनुरोध है कि लेख को अंतिम सत्य अथवा दावा न मानें एवं अपने विवेक का उपयोग करें। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया अंधविश्वास के खिलाफ है।