भगवान विष्णु को कब और कैसे मिला सुदर्शन चक्र, जिससे करते हैं सृष्टि की रक्षा
भगवान विष्णु को जगत का पालनहार कहा जाता है। धार्मिक मान्यता के अनुसार श्रीहरि की विधिपूर्वक पूजा करने से जीवन के दुख-दर्द से छुटकारा मिलता है। साथ ही प्रभु की कृपा प्राप्त होती है। भगवान विष्णु सुदर्शन चक्र (Lord Vishnu Sudarshan Chakra) धारण करते हैं। यह प्रभु का शस्त्र है। विष्णु जी ने सुदर्शन चक्र की मदद से असुरो का वध किया था।

धर्म डेस्क, नई दिल्ली। धार्मिक मान्यता के अनुसार, जब पृथ्वी पर कोई संकट आता है, तो ऐसी स्थिति में जगत के पालनहार भगवान विष्णु अवतरित होते हैं और उस संकट को दूर करते हैं। भगवान विष्णु सुदर्शन चक्र धारण करते हैं। धार्मिक मान्यता के अनुसार, भगवान विष्णु ने सुदर्शन चक्र से असुरो का वध किया था। लेकिन क्या आप जानते हैं कि भगवान विष्णु को कब और कैसे प्राप्त हुआ सुदर्शन चक्र? जिससे प्रभु सृष्टि की रक्षा करते हैं। अगर नहीं पता, तो ऐसे में आइए जानते हैं इससे जुड़ी कथा के बारे में।
इस तरह प्राप्त हुआ सुदर्शन चक्र
आपकी जानकारी के लिए बता दें कि शिवमहापुराण के कोटि रुद्रसंहिता के अध्याय 34 में भगवान विष्णु के सुदर्शन चक्र (Lord Vishnu Sudarshan Chakra) के बारे में विस्तार से वर्णन किया गया है। पौराणिक कथा के अनुसार, प्राचीन काल में एक बार राक्षसों का अधिक अत्याचार बढ़ गया था और राक्षस पृथ्वी लोक पर अधिकार जमाना चाहते थे। ऐसी स्थिति में सभी देवता भगवान विष्णु की शरण में पहुंचें। उन्होंने प्रभु से राक्षसों अत्याचार के मुक्ति दिलाने के लिए कहा। विष्णु जी ने कहा कि इस समस्या का निदान महादेव करेंगे।
राक्षसों के अंत के लिए विष्णु जी (how Vishnu got Sudarshan Chakra) ने हिमालय पर्वत पर तपस्या की। प्रभु की तपस्या से महादेव प्रसन्न हुए। भगवान विष्णु की तपस्या से भगवान शिव प्रसन्न हुए, जिसके बाद महादेव विष्णु जी के सामने अवतरित हुए।
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शिव जी ने उनसे वरदान मांगने के लिए कहा। विष्णु जी ने राक्षसों का अंत करने के लिए अजय शस्त्र की मांग की। ऐसे में महादेव ने विष्णु को सुदर्शन चक्र (Sudarshan Chakra origin) दिया, जिसकी मदद से उन्होंने राक्षसों का अंत किया। इसी तरह भगवान विष्णु को सुदर्शन चक्र प्राप्त हुआ।
ऐसे करें विष्णु जी को प्रसन्न
अगर आप विष्णु जी को प्रसन्न करना चाहते हैं, तो इसके लिए गुरुवार का दिन शुभ माना जाता है। गुरुवार के दिन स्नान करने के बाद भगवान विष्णु और धन की देवी मां लक्ष्मी की पूजा-अर्चना करें। साथ ही श्री हरि को हल्दी की सात गांठ अर्पित करें। कुछ समय के बाद इसे तिजोरी में रख दें। धार्मिक मान्यता के अनुसार, इस उपाय को करने से विष्णु जी और मां लक्ष्मी प्रसन्न होते हैं। साथ ही आर्थिक तंगी दूर होती है।
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अस्वीकरण: इस लेख में बताए गए उपाय/लाभ/सलाह और कथन केवल सामान्य सूचना के लिए हैं। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया यहां इस लेख फीचर में लिखी गई बातों का समर्थन नहीं करता है। इस लेख में निहित जानकारी विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/मान्यताओं/धर्मग्रंथों/दंतकथाओं से संग्रहित की गई हैं। पाठकों से अनुरोध है कि लेख को अंतिम सत्य अथवा दावा न मानें एवं अपने विवेक का उपयोग करें। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया अंधविश्वास के खिलाफ है।
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