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    Holika Dahan 2025: होलिका दहन के दिन इस विधि से करें पूजा, नोट करें पूजन सामग्री

    Updated: Mon, 03 Mar 2025 04:28 PM (IST)

    होलिका दहन का दिन बेहद विशेष माना जाता है। यह प्रमुख पर्वों में से एक है। इस दिन (Holika Dahan 2025 Puja Vidhi) विभिन्न प्रकार के अनुष्ठान किए जाते है। कहते हैं कि इस मौके पर होलिका दहन की पवित्र अग्रि की विधिवत पूजा करने से व्यक्ति के जीवन की सभी नकारात्मकता दूर होती है तो चलिए सही पूजा विधि जानते हैं।

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    Holika Dahan 2025: होलिका दहन पूजा विधि।

    धर्म डेस्क, नई दिल्ली। होलिका दहन होली उत्सव का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है। यह रंगों के त्योहार से एक दिन पहले मनाया जाता है। इस साल होलिका दहन 13 मार्च को किया जाएगा। इसे छोटी होली भी कहा जाता है। यह बुराई पर अच्छाई की विजय का प्रतीक है और रंगों के त्योहार होली से पहले की रात को मनाया जाता है। यह हर साल (Choti Holi 2025) हिंदू महीने फाल्गुन की पूर्णिमा के दिन मनाया जाता है, तो आइए यहां पर इससे जुड़ी प्रमुख बातों को जानते हैं।

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    होलिका दहन मुहूर्त (Holika Dahan 2025 Muhurat)

    वैदिक पंचांग के अनुसार, इस साल सुबह 10 बजकर 35 मिनट पर फाल्गुन महीने की पूर्णिमा तिथि शुरू होगी। वहीं, इसका समापन 14 मार्च को 12 बजकर 23 मिनट पर होगा। पंचांग को देखते हुए होलिका दहन दिन बुधवार, 13 मार्च 2025 को मनाई जाएगी, जिसे छोटी होली के नाम से भी जाना जाता है। इसके साथ ही होलिका दहन का पूजा मुहूर्त रात 10 बजकर 45 मिनट से 01 बजकर 30 मिनट तक रहेगा।

    पूजा नियम (Holika Dahan 2025 Puja Vidhi)

    • इस दिन सुबह जल्दी उठें।
    • अपने घर और मंदिर की साफ-सफाई अच्छी तरह से करें।
    • पूजा शुरू करने से पहले स्नान करें।
    • एक चौकी पर भगवान गणेश, भगवान विष्णु, भगवान कृष्ण, देवी राधा और श्री यंत्र स्थापित करें।
    • फिर पूजा का सारा सामान इकट्ठा कर लें, जैसे - ''घी, मिट्टी का दीपक, अगरबत्ती, नारियल, मिठाई, फल, हल्दी, कपूर के फूल, सरसों का तेल और अखंडित चावल आदि''।
    • दीपक जलाएं और भगवान कृष्ण, भगवान विष्णु, देवी राधा और लक्ष्मी माता की विधि अनुसार पूजा करें।
    • घर में सत्यनारायण कथा का पाठ करें और आरती से पूजा को पूर्ण करें।
    • इसके बाद शाम के समय होलिका दहन के लिए तैयार की गई लकड़ियों के चारों ओर कच्चे सूत लपेटें।
    • फिर गंगाजल छिड़कें।
    • उसमें फूल माला, रोली, अक्षत, बताशे, साबुत हल्दी, गुलाल, नारियल आदि चीजें अर्पित करें।
    • उसकी सात बार परिक्रमा करें।
    • फिर प्रार्थना करें और पूजा में हुई गलतियों के लिए माफी मांगे।

    होलिका दहन की पूजन सामग्री (Holika Dahan Pujan Samagri)

    हवन सामग्री, गुड़, रोली, अखंडित चावल, बताशा, हल्दी, मिठाई, फल, गेहूं का आटा, पुष्प माला, देसी गाय का घी, सरसों का तेल, मिट्टी का दीपक, गाय के गोबर के उपले आदि।

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    अस्वीकरण: इस लेख में बताए गए उपाय/लाभ/सलाह और कथन केवल सामान्य सूचना के लिए हैं। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया यहां इस लेख फीचर में लिखी गई बातों का समर्थन नहीं करता है। इस लेख में निहित जानकारी विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/मान्यताओं/धर्मग्रंथों/दंतकथाओं से संग्रहित की गई हैं। पाठकों से अनुरोध है कि लेख को अंतिम सत्य अथवा दावा न मानें एवं अपने विवेक का उपयोग करें। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया अंधविश्वास के खिलाफ है।