Choti Holi 2025: कब मनाई जाएगी छोटी होली, जानिए इस दिन किन बातों का ध्यान रखना चाहिए?
होली का त्योहार दो दिनों तक मनाए जाने वाले प्रमुख पर्वों में से एक है जिसकी शुरुआत होलिका दहन से होती है। यह पर्व हर साल फाल्गुन मास की पूर्णिमा तिथि को मनाया जाता है। इस दिन (Choti Holi 2025) पूजा-पाठ का विशेष महत्व है। वहीं इस त्योहार को लेकर कई सारे नियम बनाए गए हैं जिनका पालन जरूर करना चाहिए जो इस प्रकार हैं।

धर्म डेस्क, नई दिल्ली। छोटी होली को होलिका दहन के रूप में भी जाना जाता है। इस शुभ दिन शाम के समय लकड़ियों से होलिका तैयार की जाती है और फिर जलाई जाती है। इस पवित्र अलाव की लोग विधिवत पूजा करते हैं। साथ ही विभिन्न पूजन नियमों का पालन करते हैं। यह दिन अंधकार पर रोशनी की विजय का प्रतीक है। इस दिन लोग भगवान विष्णु की पूजा भी करते हैं,
जब यह पर्व हिंदुओं के लिए इतना महत्व रखता है, तो आइए इसकी (Choti Holi 2025) डेट और इससे जुड़ी प्रमुख बातों को जानते हैं।
छोटी होली कब मनाई जाएगी? (Kab Hai Choti Holi 2025?)
हिंदू पंचांग के अनुसार, इस साल सुबह 10 बजकर 35 मिनट पर फाल्गुन महीने की पूर्णिमा तिथि शुरू होगी। वहीं, इसका समापन 14 मार्च को 12 बजकर 23 मिनट पर होगा। ऐसे में होलिका दहन दिन बुधवार, 13 मार्च 2025 को मनाई जाएगी, जिसे छोटी होली के नाम से भी जाना जाता है। होलिका दहन का शुभ मुहूर्त रात्रि 10 बजकर 45 मिनट से 01 बजकर 30 मिनट तक रहेगा।
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रखें इन बातों का ध्यान (Choti Holi 2025 Rules)
- होलिका दहन के दिन अलाव में प्लास्टिक, टायर आदि का उपयोग न करें।
- इस दिन धन उधार देने से बचें।
- दूसरों के साथ गलत व्यवहार करने से बचें।
- सड़क पर पड़ी किसी भी अनजान चीज को न छुएं।
- होलिका दहन के इस शुभ दिन पर भूलकर भी शराब न पिएं।
- इस शुभ दिन पर तामसिक भोजन खाने से बचें।
- इस दिन ब्रह्मचर्य का पालन करें।
- इस दिन बाल और नाखून काटने से बचें।
- इस दिन ज्यादा से ज्यादा दान-पुण्य करें।
- इस दिन भगवान विष्णु की पूजा जरूर करें।
- इस दिन किसी के साथ विवाद करने से बचना चाहिए।
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अस्वीकरण: इस लेख में बताए गए उपाय/लाभ/सलाह और कथन केवल सामान्य सूचना के लिए हैं। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया यहां इस लेख फीचर में लिखी गई बातों का समर्थन नहीं करता है। इस लेख में निहित जानकारी विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/मान्यताओं/धर्मग्रंथों/दंतकथाओं से संग्रहित की गई हैं। पाठकों से अनुरोध है कि लेख को अंतिम सत्य अथवा दावा न मानें एवं अपने विवेक का उपयोग करें। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया अंधविश्वास के खिलाफ है।
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