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    Hariyali Teej 2025: आज है हरियाली तीज, पूजा से पहले जान लें नियम, भोग, मंत्र और महत्व

    Updated: Sun, 27 Jul 2025 06:50 AM (IST)

    हरियाली तीज (Hariyali Teej 2025) का व्रत बहुत शुभ माना जाता है। यह भगवान शिव और माता पार्वती के मिलन का प्रतीक है। इस दिन कठिन व्रत का पालन करने से शुभ फलों की प्राप्ति होती है। इसके साथ ही अखंड सौभाग्य की प्राप्ति होती है तो आइए इस आर्टिकल से जुड़ी प्रमुख बातों को जानते हैं।

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    Hariyali Teej 2025: हरियाली तीज का धार्मिक महत्व।

    धर्म डेस्क, नई दिल्ली। आज हरियाली तीज का पावन पर्व मनाया जा रहा है। यह भगवान शिव और माता पार्वती को समर्पित है। इस कठिन व्रत का पालन विशेष रूप से विवाहित महिलाएं अपने पति की लंबी आयु और सुखी वैवाहिक जीवन की कामना के लिए करती हैं, जबकि कुंवारी कन्याएं अच्छे वर की प्राप्ति के लिए यह व्रत (Hariyali Teej 2025) रखती हैं, तो चलिए इस पावन व्रत से जुड़ी प्रमुख बातों को जानते हैं, जो इस प्रकार हैं।

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    हरियाली तीज का धार्मिक महत्व (Hariyali Teej 2025 Significance)

    हरियाली तीज पर्व भगवान शिव और माता पार्वती के मिलन का प्रतीक है। पौराणिक कथाओं के अनुसार, माता पार्वती ने भगवान शिव को पति रूप में पाने के लिए सालों तक कठोर तपस्या की थी। उनकी तपस्या से खुश होकर भगवान शिव ने उन्हें अपनी पत्नी के रूप में स्वीकार किया।

    ऐसी मान्यता है कि सावन माह के शुक्ल पक्ष की तृतीया तिथि को ही भगवान शिव और माता पार्वती का मिलन हुआ था, इसलिए इस दिन को हरियाली तीज के रूप में मनाया जाता है। इसका व्रत को रखने से वैवाहिक जीवन सुखी रहता है।

    हरियाली तीज पूजा विधि (Hariyali Teej 2025 Puja Vidhi)

    • महिलाएं सूर्योदय से पूर्व उठें और स्नान करें।
    • लाल रंग के वस्त्र धारण करें और सोलह शृंगार करें।
    • शिव-पार्वती के सामने व्रत का संकल्प लें।
    • एक वेदी पर भगवान शिव और माता पार्वती की प्रतिमा स्थापित करें।
    • गंगाजल, पंचामृत स्नान करवाएं।
    • वस्त्र अर्पित करें।
    • धूप-दीप जलाएं।
    • उन्हें चंदन, रोली, अक्षत, फूल आदि चढ़ाएं।
    • माता पार्वती को सोलह शृंगार की सामग्री अर्पित करें।
    • हरियाली तीज की व्रत कथा सुनें या पढ़ें।
    • कथा के बाद भाव के साथ आरती करें।
    • पूजा के बाद प्रसाद चढ़ाएं और उसे परिवार के सदस्यों में बांटें।
    • रात में चंद्र दर्शन के बाद व्रत का पारण करें।

    पूजा सामग्री (Hariyali Teej 2025 Pujan Samagri)

    भगवान शिव और माता पार्वती की प्रतिमा, वेदी, धूप, दीप, अगरबत्ती, चंदन, रोली, अक्षत, फूल, बिल्व पत्र, धतूरा, शमी के पत्ते, फल, मिठाई, सूखे मेवे, घी, गंगाजल, पंचामृत, नया वस्त्र, मेहंदी, चूड़ियां, सिंदूर, बिंदी, आलता और अन्य शृंगार का सामान आदि।

    भोग (Hariyali Teej 2025 Bhog)

    हरियाली तीज के भोग में पारंपरिक रूप से ठेकुआ, मालपुआ, पूड़ी-सब्जी, खीर, घेवर, आदि बनाए जाते हैं। इसके अलावा नारियल और ऋतुफल भी चढ़ाए जाते हैं।

    पूजा मंत्र (Hariyali Teej 2025 Pujan Mantra)

    • ॐ नमः शिवाय।।
    • ॐ उमामहेश्वराभ्यां नमः।।
    • हे गौरी शंकरार्धांगि यथा त्वं शंकरप्रिया। तथा मां कुरु कल्याणि कांत कांता सुदुर्लभाम।।

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    अस्वीकरण: इस लेख में बताए गए उपाय/लाभ/सलाह और कथन केवल सामान्य सूचना के लिए हैं। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया यहां इस लेख फीचर में लिखी गई बातों का समर्थन नहीं करता है। इस लेख में निहित जानकारी विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/मान्यताओं/धर्मग्रंथों/दंतकथाओं से संग्रहित की गई हैं। पाठकों से अनुरोध है कि लेख को अंतिम सत्य अथवा दावा न मानें एवं अपने विवेक का उपयोग करें। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया अंधविश्वास के खिलाफ है।