Hariyali Teej 2025: हरियाली तीज पर रवि योग समेत बन रहे हैं कई मंगलकारी संयोग, मिलेगा व्रत का दोगुना फल
धार्मिक मत है कि हरियाली तीज (Hariyali Teej 2025) का व्रत करने से विवाहित महिलाओं के सुख और सौभाग्य में वृद्धि होती है। साथ ही पति की आयु लंबी होती है। वहीं अविवाहित लड़कियां शीघ्र शादी के लिए हरियाली तीज के दिन व्रत रखती हैं। भगवान शिव की पूजा करने से हर परेशानी दूर होती है।

धर्म डेस्क, नई दिल्ली। वैदिक पंचांग के अनुसार, रविवार 27 जुलाई को हरियाली तीज है। यह पर्व हर साल सावन माह के शुक्ल पक्ष की तृतीया तिथि को मनाया जाता है। इस दिन भगवान शिव और जगत की देवी मां पार्वती की पूजा की जाती है। साथ ही अखंड सौभाग्य प्राप्ति के लिए विवाहित महिलाएं व्रत रखती हैं। इस व्रत के पुण्य-प्रताप से साधक की मनचाही मुराद (Hariyali Teej vrat benefits) पूरी होती है।
ज्योतिषियों की मानें तो हरियाली तीज के शुभ अवसर पर कई मंगलकारी संयोग बन रहे हैं। इन योग में शिव और शक्ति की पूजा करने से व्रती को दोगुना फल मिलेगा। आइए, हरियाली तीज की सही डेट, शुभ मुहूर्त एवं योग जानते हैं-
हरियाली तीज शुभ मुहूर्त (Hariyali Teej 2025 Shubh Muhurat)
वैदिक पंचांग के अनुसार, सावन मास के शुक्ल पक्ष की तृतीया तिथि 26 जुलाई को रात 10 बजकर 01 मिनट पर शुरू होगी। वहीं, 27 जुलाई को रात 10 बजकर 41 मिनट पर समाप्त होगी। सनातन धर्म में उदया तिथि मान है। इसके लिए 27 जुलाई को हरियाली तीज मनाई जाएगी। यह पर्व देश के कई राज्यों में मनाया जाता है।
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हरियाली तीज शुभ योग (Hariyali Teej 2025 Shubh Yog)
ज्योतिषियों की मानें तो सावन माह के शुक्ल पक्ष की तृतीया तिथि पर रवि योग (Hariyali Teej Ravi Yog Benefits) समेत कई अद्भुत संयोग बन रहे हैं। हरियाली तीज पर वरीयान योग का संयोग पूरी रात है। वहीं, रवि योग का संयोग शाम 04 बजकर 23 मिनट से बन रहा है। रवि योग का संयोग रात भर है।
नक्षत्र एवं चरण
सावन माह के शुक्ल पक्ष की तृतीया तिथि यानी हरियाली अमावस्या पर (Hariyali Teej 2025) मघा और पूर्वाफाल्गुनी नक्षत्र का संयोग है। मघा नक्षत्र का संयोग शाम 04 बजकर 23 मिनट तक है। इसके बाद पूर्वाफाल्गुनी नक्षत्र का संयोग बनेगा। इसके साथ ही तैतिल एवं गर करण के योग हैं। इन योग में भगवान शिव की पूजा करने से साधक के जीवन में खुशियों का आगमन होगा।
पंचांग
- सूर्योदय - सुबह 05 बजकर 40 मिनट पर
- सूर्यास्त - शाम 07 बजकर 15 मिनट पर
- ब्रह्म मुहूर्त - सुबह 04 बजकर 17 मिनट से 04 बजकर 58 मिनट तक
- विजय मुहूर्त - दोपहर 02 बजकर 43 मिनट से 03 बजकर 38 मिनट तक
- गोधूलि मुहूर्त - शाम 07 बजकर 15 मिनट से 07 बजकर 36 मिनट तक
- निशिता मुहूर्त - रात्रि 12 बजकर 07 मिनट से 12 बजकर 49 मिनट तक
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अस्वीकरण: इस लेख में बताए गए उपाय/लाभ/सलाह और कथन केवल सामान्य सूचना के लिए हैं। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया यहां इस लेख फीचर में लिखी गई बातों का समर्थन नहीं करता है। इस लेख में निहित जानकारी विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/मान्यताओं/धर्मग्रंथों/दंतकथाओं से संग्रहित की गई हैं। पाठकों से अनुरोध है कि लेख को अंतिम सत्य अथवा दावा न मानें एवं अपने विवेक का उपयोग करें। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया अंधविश्वास के खिलाफ है।
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