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    Hariyali Amavasya पर महासंयोग! गुरु पुष्य योग से बदल जाएगी किस्मत, महादेव की कृपा से हो जाएंगे मालामाल

    By Pravin KumarEdited By: Pravin Kumar
    Updated: Mon, 21 Jul 2025 08:57 PM (IST)

    हरियाली अमावस्या (Hariyali Amavasya 2025 Shubh Yoga) के दिन देवों के देव महादेव का जलाभिषेक करने से साधक की हर मनोकामना पूरी होती है। साथ ही साधक को पृथ्वी लोक पर स्वर्ग समान सुखों की प्राप्ति होती है। इस दिन दान करने से साधक को अक्षय और अमोघ फल मिलता है।

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    Hariyali amavasya 2025: हरियाली अमावस्या का धार्मिक महत्व

    धर्म डेस्क, नई दिल्ली। वैदिक पंचांग के अनुसार, गुरुवार 24 जुलाई के दिन हरियाली अमावस्या मनाई जाएगी। इससे पहले 23 जुलाई को सावन शिवरात्रि है। हरियाली अमावस्या के दिन भक्तजन गंगा समेत पवित्र नदियों में स्नान-ध्यान करते हैं। इसके बाद मां गंगा और महादेव की पूजा करते हैं। अमावस्या तिथि पर पितरों का तर्पण एवं पिंडदान भी किया जाता है।

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    ज्योतिषियों की मानें तो हरियाली अमावस्या के दिन दुर्लभ गुरु पुष्य योग समेत कई मंगलकारी संयोग बन रहे हैं। इन योग में स्नान-ध्यान एवं भगवान शिव की पूजा की जाएगी। भगवान शिव की पूजा करने से सभी प्रकार के दुख एवं संकट दूर हो जाते हैं। आइए, शुभ मुहूर्त और योग जानते हैं-

    हरियाली अमावस्या शुभ मुहूर्त (Hariyali amavasya 2025 Shubh Muhurat)

    वैदिक पंचांग के अनुसार, 24 जुलाई को देर रात 02 बजकर 27 मिनट सावन माह के कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी तिथि का समापन होगा। इसके बाद अमावस्या तिथि की शुरुआत होगी। वहीं, 25 जुलाई को देर रात 12 बजकर 40 मिनट पर हरियाली अमावस्या तिथि का समापन होगा। इस प्रकार 24 जुलाई को सावन या हरियाली अमावस्या मनाई जाएगी।

    यह भी पढ़ें- Hariyali Amavasya 2025:कब है हरियाली अमवस्या, नोट करें तारीख और पितरों के तर्पण-अर्पण के शुभ मुहूर्त…

    गुरु पुष्य योग

    ज्योतिषियों की मानें तो सावन अमावस्या के दिन दुर्लभ गुरु पुष्य योग का निर्माण हो रहा है। इस योग का संयोग शाम 04 बजकर 43 मिनट से बन रहा है। वहीं, गुरु पुष्य योग का समापन 25 जुलाई को सुबह 05 बजकर 39 मिनट पर हो रहा है। इस योग में जप-तप करने से साधक को मनोवांछित फल की प्राप्ति होगी।

    शिववास योग

    हरियाली अमावस्या के दिन शिववास योग का भी निर्माण हो रहा है। इस योग का संयोग देर रात 12 बजकर 40 मिनट तक है। इस दौरान देवों के देव महादेव कैलाश पर जगत की देवी मां गौरी के साथ रहेंगे। साधक अपनी सुविधा अनुसार समय पर देवों के देव महादेव की पूजा एवं भक्ति कर सकते हैं। वहीं, हर्षण योग का संयोग सुबह 09 बजकर 51 मिनट तक है। वही, अमृत सिद्धि योग का योग दिन भर है। इन योग में देवों के देव महादेव की पूजा करने से घर में सुख और सौभाग्य में वृद्धि होगी।

    पंचांग

    • सूर्योदय - सुबह 05 बजकर 38 मिनट पर
    • सूर्यास्त - शाम 07 बजकर 17 मिनट पर
    • चंद्रास्त- शाम 07 बजकर 16 मिनट पर
    • ब्रह्म मुहूर्त - सुबह 04 बजकर 15 मिनट से 04 बजकर 57 मिनट तक
    • विजय मुहूर्त - दोपहर 02 बजकर 44 मिनट से 03 बजकर 39 मिनट तक
    • गोधूलि मुहूर्त - शाम 07 बजकर 17 मिनट से 07 बजकर 38 मिनट तक
    • निशिता मुहूर्त - रात्रि 12 बजकर 07 मिनट से 12 बजकर 48 मिनट तक

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    अस्वीकरण: ''इस लेख में बताए गए उपाय/लाभ/सलाह और कथन केवल सामान्य सूचना के लिए हैं। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया यहां इस लेख फीचर में लिखी गई बातों का समर्थन नहीं करता है। इस लेख में निहित जानकारी विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/मान्यताओं/धर्मग्रंथों/दंतकथाओं से संग्रहित की गई हैं। पाठकों से अनुरोध है कि लेख को अंतिम सत्य अथवा दावा न मानें एवं अपने विवेक का उपयोग करें। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया अंधविश्वास के खिलाफ है''।