Hanuman Ji Mantra: हनुमान जी की पूजा के समय करें इन मंत्रों का जप, हर मनोकामना होगी पूरी
धार्मिक मत है कि हनुमान जी की पूजा करने से साधक की हर मनोकामना पूरी होती है। साथ ही सभी बिगड़े काम बन जाते हैं। हनुमान जी की पूजा करने से कुंडली में मंगल ग्रह मजबूत होता है। ज्योतिष भी मंगल दोष को दूर करने के लिए राम भक्त हनुमान जी (Hanuman Ji Mantra) की पूजा करने की सलाह देते हैं।

धर्म डेस्क, नई दिल्ली। सनातन धर्म में मंगलवार का दिन हनुमान जी को समर्पित है। इस दिन हनुमान जी की भक्ति भाव से पूजा की जाती है। साथ ही मंगलवार का व्रत रखा जाता है। धार्मिक मत है कि हनुमान जी की पूजा करने से साधक के जीवन में व्याप्त सभी प्रकार के दुख, संकट, रोग, भय, मानसिक पीड़ा आदि दूर हो जाते हैं। साथ ही व्यक्ति अपने जीवन में ऊंचा मुकाम हासिल करता है। मंगलवार के दिन मंदिरों में राम परिवार संग हनुमान जी की विशेष पूजा की जाती है। बड़ी संख्या में श्रद्धालु पास के मंदिर में जाकर हनुमान जी के दर्शन करते हैं। इस समय भक्ति भाव से हनुमान जी की पूजा करते हैं। अगर आप भी भगवान श्रीराम के परम भक्त हनुमान जी की कृपा के भागी बनना चाहते हैं, तो मंगलवार के दिन विधिपूर्वक हनुमान जी की पूजा करें। वहीं, पूजा के समय इन मंत्रों (Hanuman Ji Mantra) का जप अवश्य करें।
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हनुमान जी के मंत्र
1. अतुलितबलधामं हेमशैलाभदेहम्
दनुजवनकृशानुं ज्ञानिनामग्रगण्यम् ।
सकलगुणनिधानं वानराणामधीशम्
रघुपतिप्रियभक्तं वातजातं नमामि।।
2. ॐ ऐं ह्रीं हनुमते श्री रामदूताय नमः
3. ऊँ नमो हनुमते रुद्रावताराय विश्वरूपाय अमितविक्रमाय
प्रकट-पराक्रमाय महाबलाय सूर्यकोटिसमप्रभाय रामदूताय स्वाहा।
4. ऊँ नमो हनुमते रुद्रावताराय रामसेवकाय
रामभक्तितत्पराय रामहृदयाय लक्ष्मणशक्ति
भेदनिवावरणाय लक्ष्मणरक्षकाय दुष्टनिबर्हणाय रामदूताय स्वाहा।
5. ऊँ नमो हनुमते रुद्रावताराय सर्वशत्रुसंहरणाय
सर्वरोगहराय सर्ववशीकरणाय रामदूताय स्वाहा।
6. ऊँ नमो हनुमते रुद्रावताराय देवदानवर्षिमुनिवरदाय रामदूताय स्वाहा।
7. ऊँ नमो हनुमते रुद्रावताराय भक्तजनमनः कल्पनाकल्पद्रुमायं
दुष्टमनोरथस्तंभनाय प्रभंजनप्राणप्रियाय महाबलपराक्रमाय
महाविपत्तिनिवारणाय पुत्रपौत्रधनधान्यादिविधिसम्पत्प्रदाय रामदूताय स्वाहा।
8. ऊँ नमो हनुमते रुद्रावताराय वज्रदेहाय वज्रनखाय वज्रमुखाय
वज्ररोम्णे वज्रदन्ताय वज्रकराय वज्रभक्ताय रामदूताय स्वाहा।
9. ऊँ नमो हनुमते रुद्रावताराय परयन्त्रतन्त्रत्राटकनाशकाय
सर्वज्वरच्छेदकाय सर्वव्याधिनिकृन्तकाय सर्वभयप्रशमनाय
सर्वदुष्टमुखस्तंभनाय सर्वकार्यसिद्धिप्रदाय रामदूताय स्वाहा।
10. ऊँ नमो हनुमते रुद्रावताराय पच्चवदनाय पूर्वमुखे सकलशत्रुसंहारकाय रामदूताय स्वाहा।
11. ऊँ नमो हनुमते रुद्रावताराय पच्चवदनाय पश्चिममुखे
गरुडाय सकलविघ्ननिवारणाय रामदूताय स्वाहा।
12. ऊँ नमो हनुमते रुद्रावताराय अक्षिशूलपक्षशूल शिरोऽभ्यन्तर
शूलपित्तशूलब्रह्मराक्षसशूलपिशाचकुलच्छेदनं निवारय निवारय स्वाहा।
13. ऊँ दक्षिणमुखाय पंचमुखहनुमते करालवदनाय नारसिंहाय
ऊँ ह्रां ह्रीं ह्रूं ह्रौं ह्रः सकलभूतप्रेतदमनाय स्वाहा।
14. ऊँ पूर्वकपिमुखाय पंचमुखहनुमते टं टं टं टं टं सकल शत्रुसंहरणाय स्वाहा।
15. ॐ हं हनुमत्ये नमो नमः
श्री हनुमत्ये नमो नमः
जय जय हनुमत्ये नमो नमः
श्री राम दुताय नमो नमः ।।
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