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    Haldi Ceremony: आखिर क्यों शादी से पहले दूल्हा-दुल्हन को लगाई जाती है हल्दी? बेहद दिलचस्प है इस रस्म की वजह

    शादी को लकड़ा और लकड़ी की आत्मा का पवित्र बंधन माना जाता है। हिन्दू धर्म में शादी के दौरान कई तरह की रस्में की जाती हैं जिनका विशेष महत्व है। इनमें हल्दी की रस्म (Haldi Ceremony) भी शामिल है। विवाह से पहले लड़का और लड़की को हल्दी लगाई जाती है। वर्तमान में इस रस्म को हल्दी सेरेमनी के नाम से जाना जाता है।

    By Kaushik Sharma Edited By: Kaushik Sharma Updated: Mon, 02 Dec 2024 01:48 PM (IST)
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    Haldi Ceremony: क्या है हल्दी की रस्म की वजह?

    धर्म डेस्क, नई दिल्ली। Haldi Ceremony: हल्दी की ऐसी रस्म है, जो विवाह से पहले निभाई जाती है। ऐसा माना जाता है कि इस रस्म (Pre-wedding Rituals) को न करने से शादी अधूरी रहती है। इसलिए इस रस्म को विधिपूर्वक किया जाता है। इस रस्म के लिए एक समारोह आयोजन किया जाता है, जिसमें घर, परिवार और पड़ोस के लोग शामिल होते हैं और लड़का एवं लड़की के शरीर पर हल्दी लगाते हैं। क्या आप जानते हैं कि विवाह से पहले लड़का और लड़की को हल्दी (dulha dulhan ko haldi kyun lagate hai) क्यों लगाई जाती है? अगर नहीं, तो आइए जानते हैं इस आर्टिकल में इस खास रस्म की वजह के बारे में।  

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    ये है इस रस्म की वजह  (Haldi Ceremony Significance)

    हिन्दू धर्म में हल्दी को पवित्र माना जाता है और इसे पूजा-पाठ में शामिल किया जाता है। शादी से पहले लकड़ा और लड़की को पवित्र बनाने के उन्हें हल्दी लगाई जाती है, जिसे हल्दी की रस्म कहा जाता है। इस रस्म को इसलिए किया जाता है कि दूल्हा-दुल्हन के जीवन में खुशियों का आगमन हों और नकारात्मकता ऊर्जा उनसे सदैव दूर रहे।  

    इसके अलावा जगत के पालनहार भगवान विष्णु को पीला रंग प्रिय है और इस रंग को पीले रंग को सुख-समृद्धि, बृहस्पति देव और भगवान विष्णु से जोड़कर देखा जाता है। इसी वजह से इस रस्म में हल्दी का इस्तेमाल किया जाता है। मान्यता है कि हल्दी की रस्म को करने से दूल्हा और दुल्हन को भगवान विष्णु और गुरु बृहस्पति आशीर्वाद देते हैं। सनातन धर्म में हल्दी को सौभाग्य का प्रतीक माना गया है। इस वजह से भी लकड़ा और लकड़ी को नजर से बचाव के लिए हल्दीलगाने का विधान है। साथ ही हल्दी की शुभता और इसका रंग जोड़े के जीवन में सुख-समृद्धि लाता है।  

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    हल्दी का अग्नि से भी है कनेक्शन

    सनातन शास्त्रों में अग्नि का विशेष महत्व का उल्लेख देखने को मिलता है। अग्नि में केसरिया, पीला और लाल होता है। हवन के दौरान अग्नि को कुंड में जलाया जाता है और पीले रंग को उष्मा और ताप से जोड़कर देखा जाता है। इस रंग को दूल्हा और दुल्हन के नए जीवन में उल्लास और प्रेम प्रतिनिधित्व करने वाला माना जाता है।

    इसलिए वर-वधु को विवाह से पहले हल्दी लगाकर उनके अंदर की उष्मा को जागृत किया जाता है और नए जीवन की शुरुआत के लिए तैयार किया जाता है।

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    फेरेअस्वीकरण: इस लेख में बताए गए उपाय/लाभ/सलाह और कथन केवल सामान्य सूचना के लिए हैं। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया यहां इस लेख फीचर में लिखी गई बातों का समर्थन नहीं करता है। इस लेख में निहित जानकारी विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/मान्यताओं/धर्मग्रंथों/दंतकथाओं से संग्रहित की गई हैं। पाठकों से अनुरोध है कि लेख को अंतिम सत्य अथवा दावा न मानें एवं अपने विवेक का उपयोग करें। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया अंधविश्वास के खिलाफ है।